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रिटायर हो रहे प्रवर्तन निदेशालय प्रमुख मिश्रा के लिए बनेगा नया विभाग! ईडी-सीबीआई पर होगा नियंत्रण

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, 15 सितंबर को पद छोड़ने से पहले एसके मिश्रा को संभवतः पहले मुख्य जांच अधिकारी (CIO) के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
Sanjay Kumar Mishra
फ़ोटो : PTI

मौजूदा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को संभवतः भारत का मुख्य जांच अधिकारी (सीआईओ) नियुक्त किया जाएगा, ईडी और सीबीआई की निगरानी के लिए केंद्र द्वारा एक नया पद बनाने पर विचार किया जा रहा है।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिस तरह से तीनों सेनाओं के प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को रिपोर्ट करते हैं और इंटेलिजेंस ब्यूरो व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को रिपोर्ट करती है, ठीक उसी तरह ईडी और सीबीआई प्रमुख सीआईओ को रिपोर्ट करेंगे।

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सूत्रों के मुताबिक़, 15 सितंबर को मिश्रा के पद छोड़ने से पहले सीआईओ का पद बनाया जा सकता है। हालांकि ईडी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत काम करना जारी रखेगा और सीबीआई कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत काम करेगी, लेकिन उनका परिचालन पर्यवेक्षण सीआईओ को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

सीआईओ, जो केंद्र के सचिव के समकक्ष पद है, संभवतः प्रधान मंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करेगा। सूत्रों के मुताबिक़ सीआईओ ईडी और सीबीआई द्वारा जांच के क्षेत्रों में 'ओवरलैप को ख़त्म' करेगा और एजेंसियों में तालमेल बैठाएगा।

ईडी मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और फेमा उल्लंघन समेत वित्तीय धोखाधड़ी की जांच करती है, वहीं सीबीआई भ्रष्टाचार के मामलों और अन्य आर्थिक अपराधों की जांच करती है।

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने मिश्रा को तीसरी बार एक साल का विस्तार देने की केंद्र की याचिका खारिज कर दी और उनके दो विस्तारों को अवैध करार दिया।

जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मई में केंद्र से पूछा, “क्या संस्थान में ऐसा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है जो यह काम कर सके? क्या एक व्यक्ति इतना अपरिहार्य हो सकता है?” शीर्ष अदालत ने व्यापक 'जनहित और राष्ट्रीय हित' में मिश्रा को 15 सितंबर तक पद पर बने रहने की अनुमति दी।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस कदम को 'खतरनाक और दुर्भावनापूर्ण' बताया। उन्होंने ट्वीट किया, "चूंकि सरकार के पसंदीदा ईडी निदेशक जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इसलिए उम्मीद है कि उन्हें सीआईओ बनाया जाएगा!"

मिश्रा के कार्यकाल के दौरान विपक्षी राजनेताओं के खिलाफ ईडी मामलों में अचानक वृद्धि हुई। द वायर के मुताबिक़ इनमें पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी नेता शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी और पूर्व टीएमसी मंत्री पार्थ चटर्जी आदि का नाम शामिल है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Outgoing ED Chief Mishra ‘Likely to Oversee ED, CBI as First CIO’

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