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ABVP: छात्र राजनीति के नाम पर गुंडागर्दी के आरोप, हर कैंपस में 'ठेकेदार' बनने की कोशिश!

जयपुर के महारानी कॉलेज में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष को केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में ABVP नेता ने थप्पड़ मारा जिसके बाद छात्र नेता और समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई।
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जयपुर के महारानी कॉलेज में सोमवार को छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन समारोह के दौरान स्टेज पर अचानक हंगामा शुरू हो गया। यहां पहुंचे राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी बहुत ही गर्मजोशी से वहां मौजूद छात्रों का अभिवादन कर रहे थे कि तभी अचानक पीछे से आए राजस्थान यूनिवर्सिटी के महासचिव और ABVP नेता अरविंद जाजड़ा ने निर्मल चौधरी को ज़ोरदार तमाचा जड़ दिया। जिसका वीडियो तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला?

जयपुर के महारानी कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष निर्मल चौधरी भी पहुंचे जिन्हें पीछे से राजस्थान यूनिवर्सिटी के महासचिव अरविंद ने तमाचा मार दिया जिसके बाद दोनों तरफ़ के छात्र आपस में भिड़ गए और स्टेज पर शुरू हुई मारपीट बढ़ती चली गई और देखते ही देखते पूरा माहौल गर्म हो गया। इस दौरान पुलिस ने बीच-बचाव करने की कोशिश की लेकिन छात्र लगातार एक दूसरे से उलझते चले गए, इस मारपीट के वीडियो की सोशल मीडिया पर बाढ़ आ गई।

इस पूरे मामले पर न्यूज़क्लिक ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष निर्मल चौधरी से फ़ोन पर बात की जिसमें उन्होंने ज़्यादा बात करने से इनकार करते हुए कहा है कि इस सिलसिले में ''सोशल मीडिया पर उनका बयान पहले से ही वायरल हो रहा है''। जिसमें उन्होंने कहा कि ''खुलेआम पुलिस के सामने गुंडागर्दी हो रही है जो बहुत ग़लत है''। हालांकि जब हमने उनसे जानना चाहा कि क्या किसी पुराने मामले की वजह से इस तरह से उनके साथ मारपीट की गई थी तो उनका जवाब था कि ''नहीं पहले से किसी तरह का कोई मामला नहीं है'' इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की मांग की।

वहीं दूसरी तरफ़ थप्पड़ मारने के आरोपी राजस्थान यूनिवर्सिटी के महासचिव और ABVP नेता अरविंद जाजड़ा ने भी सोशल मीडिया के ज़रिए अपना बयान जारी किया। अरविंद ने आरोप लगाया कि छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने पहले बदतमीजी की थी जिसकी वजह से ये सब हंगामा हुआ।

हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया गया है लेकिन कार्रवाई क्या की जा रही है फिलहाल साफ़ नहीं हैं।

और क्या आरोप हैं?

दरअसल आरोप ये भी लग रहे हैं कि राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को महारानी कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए नहीं बुलाया गया था जबकि निर्मल चौधरी सबूत पेश कर रहे हैं कि वो निमंत्रण पर ही इस कार्यक्रम का हिस्सा बने थे। वहीं दूसरी तरफ़ महासचिव अरविंद जाजड़ा की तरफ़ से भी कुछ निमंत्रण पत्र वायरल हो रहे हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि निर्मल चौधरी बिना बुलाए मंच पर पहुंच गए थे और अपना चेहरा चमकाने की कोशिश कर रहे थे।

कौन है निर्मल चौधरी ?

राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और जीते थे, हालांकि उन्हें कांग्रेस का क़रीबी माना जाता है। निर्मल चौधरी की सोशल मीडिया पर भी अच्छी-ख़ासी फ़ैन फॉलोइंग है।

ABVP की राजनीति में कहां हैं छात्र?

बहरहाल, अगर एक बार ये मान भी लिया जाए कि राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी बिना बुलाए कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच गए थे तो क्या ABVP की तरफ़ से जिस तरह से मारपीट की गई क्या वो सही है? विश्वविद्यालय में ABVP जिस तरह की राजनीति करती है उससे छात्रों का कितना फ़ायदा होता है इसपर ज़रूर गौर करना चाहिए।

छात्रों के मुद्दों जैसे - फीस बढ़ने, नई शिक्षा नीति, हॉस्टल की कमी, शिक्षकों की कमी, स्कॉलरशिप, छात्रों को मिलने वाले ग्रांट जैसे तमाम मुद्दों पर वो अक्सर चुप ही नज़र आती है लेकिन JNU में हुई हिंसा में उसका नाम आना, लखनऊ में शिक्षक की पिटाई, हाल ही में हैदराबाद यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के बाद शिकायत लेकर प्रशासन के पास पहुंच जाना, रह-रह कर दिल्ली विश्वविद्यालय में दूसरे संगठनों के प्रदर्शन के विरोध में अपना विरोध खड़ा करना उनका अहम काम बन गया है।

बात मोरल पुलिसिंग की हो या फिर एजेंडे के तहत उठाए जाने वाले उनके मुद्दे, या फिर अपने गढ़े 'राष्ट्रवाद' को दूसरे छात्रों पर थोपने की कोशिश, लगता है कि यही उनकी पहचान बन गई है। हर जगह कैंपस के ठेकेदार बनकर पहुंचने वाले ABVP के कार्यकर्ता भले इनकार करें लेकिन उनकी कार्रवाई छात्र राजनीति नहीं बल्कि गुंडागर्दी ज़्यादा नज़र आती है।

कैंपस वैचारिक गतिविधियों की जगह है लेकिन ABVP की राजनीति का जो स्टाइल उससे कैंपस और छात्रों का क्या फायदा होता होगा इसपर उसे ज़रूर विचार करना चाहिए।

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