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ADR: राष्ट्रीय दलों के पास 65 फीसदी से ज़्यादा इनकम सोर्स ‘अज्ञात’

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर के एक विश्लेषण में पता चला है कि राष्ट्रीय दलों ने 2004-05 और 2020-21 के बीच अज्ञात स्रोतों से खूब धन इकट्ठा किया है।
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फ़ोटो साभार: The Week

चुनावों में राजनीतिक दलों के ज़बरदस्त प्रचार-प्रसार में खर्च होने वाले रुपयों पर अक्सर चर्चा होती है, फिर नेताओं के लगातार विदेशी दौरों का खर्च... ये पूछा जाना चाहिए कि इसकी भरपाई कौन कर रहा है।

हालांकि राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग को इसका विवरण देती हैं। लेकिन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने जो ताज़ा रिपोर्ट जारी की है, उसमें राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की ओर से बड़ा घपला सामने आया है।

यानी राष्ट्रीय दलों की ओर से जुटाया गया ज़्यादातर फंड अज्ञात सोर्स की ओर इशारा कर रहा है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी अव्वल बनी हुई है।

राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से कमाए गए फंड का अवलोकन एडीआर ने कुछ ऐसे किया है:

* वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2021-22 के बीच, सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने अज्ञात स्रोतों से कुल मिलाकर 17250.201 करोड़ रुपये की आय इकट्ठा की है।

* वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान भाजपा ने अज्ञात स्रोतों से 1161.0484 करोड़ की आय घोषित की है, जो सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा घोषित अज्ञात आय का 53.45 प्रतिशत है। यानी 2021-22 के बीच सभी राजनीतिक दलों का इनकम अज्ञात स्रोतों से 2172.231 करोड़ रुपये है। इसी वित्तीय वर्ष में भाजपा की आय बाकी राष्ट्रीय दलों से 149.8658 करोड़ रुपये ज़्यादा है। यानी बाकी राष्ट्रीय दलों का आय 1011.1826 करोड़ रुपये रही है।

* अकेले तृणमूल कांग्रेस की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में अज्ञात स्रोतों से कुल 528.093 करोड़ रुपये हासिल किए हैं, जो सभी राष्ट्रीय दलों के कुल अज्ञात स्रोतों की आय का 24.31 प्रतिशत है।

* वित्तीय वर्ष 2021-22 में सभी दलों द्वारा अज्ञात स्रोतों से इकट्ठा हुए कुल 2172.231 करोड़ की आय में से 1811.9425 करोड़ यानी 83.414 प्रतिशत आय चुनावी बांड से आई है।

* अब अगर साल 2004-05 से लेकर 2021-22 के बीच वित्तीय वर्षों को देखें तो कांग्रेस और एनसीपी ने कुल मिलाकर 4398.51 करोड़ की आय कूपन की बिक्री से अर्जित की है।

एडीआर की ओर से जारी एक टेबल के ज़रिए ये समझ सकते हैं कि पार्टियों को मिलने वाले कुछ अज्ञात स्रोत कौन-कौन से हैं:

साभार-ADR

यहां आपको बताते चलें कि अज्ञात स्रोतों से दान का मतलब चुनावी बांड के ज़रिए मिली राशि, सेल ऑफ कूपन, रिलीफ फंड्स, मिसलेनियस इनकम, वालंटरी कंट्रिब्यूशन, कंट्रिब्यूशन फ्रॉम मीटिंग आदि हो सकते हैं।

इसके अलावा राजनीतिक दलों के 20 हज़ार से रुपये से ज़्यादा मिले दान का पूरा खाका, चुनाव आयोग में जमा करना ज़रूरी है। जिसमें दान देने वाले का नाम, पता, पैन कार्ड, राशि और भुगतान का माध्यम मेंशन होना चाहिए।

आय के अन्य ज्ञात स्रोतों में चल और अचल संपत्तियों की बिक्री, पुराने समाचार पत्र, सदस्यता शुल्क, प्रतिनिधि शुल्क, बैंक ब्याज, प्रकाशनों की बिक्री और लेवी शामिल हैं, जिनका विवरण राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए खातों की पुस्तकों में उपलब्ध होता है।

ज्ञात और अज्ञात स्रोतों को मिलाकर राष्ट्रीय दलों ने कहां-कहां से इनकम इकट्ठा की है:

साभार- ADR

आपको बता दें कि इस विश्लेषण के लिए एडीआर ने 8 राष्ट्रीय दलों पर विचार किया- भाजपा, कांग्रेस, एआईटीसी, सीपीआई(एम), एनसीपी, बीएसपी, सीपीआई और एनपीईपी। हालांकि, बीएसपी ने घोषणा की- कि उसे स्वैच्छिक योगदान यानी 20 हज़ार रुपये से ऊपर या नीचे कूपन की बिक्री या चुनावी बांड या आय के अज्ञात स्रोतों से कोई धन प्राप्त नहीं हुआ है। फिलहाल वित्त वर्ष 2021-22 में 8 राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की कुल आय 3289.34 करोड़ रुपये रही है।

राष्ट्रीय पार्टियों को हुई ज्ञात और अज्ञात इनकम को आप इस टेबल के ज़रिए समझ सकते हैं:

आपको बता दें कि इस पूरे विवरण में सीपीआई(एम) ने लेवी, सदस्यता शुल्क, पार्टी फंड और इलेक्शन फंड के माध्यम से मिली दानराशि घोषित की है।

बाकि जैसा कि भाजपा पर अनीतिक खर्च और बग़ैर जानकारी के इकट्ठा किए गए रुपये का आरोप लगता रहता है, वो यहां एडीआर की रिपोर्ट में भी सच साबित होता मालूम पड़ रहा है।

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