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4.6 मिलियन से अधिक मामलों के साथ अफ़्रीका में टीकाकरण दर दुनिया का सबसे कम

कई अफ़्रीकी देशों ने भी भारत और यूके से आने वाले नए वायरस स्ट्रेन को रिकॉर्ड किया है।
4.6 मिलियन से अधिक मामलों के साथ अफ़्रीका में टीकाकरण दर दुनिया का सबसे कम

दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले महाद्वीप (दुनिया की आबादी का 17.21% ) होने के बावजूद अफ्रीकी महाद्वीप पर टीकाकरण का दर सबसे कम है और इसके अलावा इसमें कमी आ रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार वर्तमान में अफ्रीका में "दुनिया भर में हुए टीकों में से केवल 1% ही हुआ है जो कुछ हफ्ते पहले के 2% टीकाकरण से कम हो गया है।"

भारत में बदतर होती स्थिति के परिणामस्वरूप यहां के सीरम इंस्टीच्यूट ने पिछले महीने डिलीवरी करना बंद कर दिया जिससे अफ्रीका में 140 मिलियन टीकों की कमी हो गई।

सोमवार तक अफ्रीका में COVID-19 मामले की कुल संख्या 4,632,506 पहुंच गई है जिनमें 124,394 मौत के मामले शामिल हैं। 54,735 मौत के मामलों सहित इन मामलों में से 1,596,596 दक्षिण अफ्रीका में हैं। ये देश इस महाद्वीप पर सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के अनुसार मोरक्को, ट्यूनीशिया, इथियोपिया, इजिप्ट और लीबिया क्रमशः 513,864, 320,813, 262,702, 237,410 और 179,970 मामलों के साथ दक्षिण अफ्रीका से नीचे है।

अफ्रीकी देशों में सबसे अधिक आबादी वाले नाइजीरिया में कुल 165,419 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे यह इस महाद्वीप का सातवां सबसे संक्रमित देश बन गया है। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि अधिक आबादी के बावजूद तुलनात्मक रुप से इसकी कम संख्या होने का कारण संभवतः क्रोनिक अंडर-टेस्टिंग है और संक्रमण का वास्तविक प्रसार बहुत अधिक होने की संभावना है।

केन्या और दक्षिण अफ्रीका ने पहले ही विशेष रूप से संक्रामक स्ट्रेन B.1.617.2 का पता लगाया है। इस स्ट्रेन ने भारत में कहर बरपा रखा है। भारत की स्वास्थ्य प्रणाली बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, टीके और आवश्यक चिकित्सा की कमी के चलते विफल हो रही है।

भारत में कुंभ मेले में भाग लेने के बाद 10 अप्रैल को केन्या लौटने वाले मरीजों में इस स्ट्रेन का पता चला था।

इसके अलावा, पहली बार यूके में पाए गए वैरिएंट B.1.1.7 के 11 मामले भी दक्षिण अफ्रीका में पाए गए हैं।

इन दोनों स्ट्रेनों ने दक्षिण अफ्रीका और शेष महाद्वीप में COVID प्रबंधन को और जटिल बना दिया है जहां B.1.351 स्ट्रेन पहले से ही मौजूद था।

हालांकि पिछले कुछ हफ्तों से अफ्रीका में बढ़ते मामले देखे गए हैं, डब्ल्यूएचओ ने नए वेरिएंट के कारण इस महाद्वीप पर "तीसरी लहर" की संभावना की चेतावनी दी है।

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