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अग्निपथ प्रदर्शन: बिहार बंद का व्यापक असर, माले विधायक संदीप सौरभ समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी हिरासत में

बिहार का बंद का व्यापक असर दिखा धारा 144 व कई जिलों में इंटरनेट पर रोक के बावजूद बंद समर्थक  भारी संख्या में सड़क पर उतरे। माले ने कहा  पुलिस की जबरदस्त घेराबंदी के बावजूद बंद कोअभूतपूर्व समर्थन मिला , राज्य में सैंकड़ो कार्यकर्ताओं ने दी गिरफ्तारियां।
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आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष सुयंक्त मोर्चा व सेना भर्ती जवान मोर्चा द्वारा आहूत और महागठबंधन के दलों द्वारा समर्थित आज बिहार बंद के दौरान पटना में पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज का प्रयोग किया. आइसा महासचिव व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, इनौस के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार, आइसा के बिहार अध्यक्ष विकास यादव, आइसा नेता कुमार दिव्यम आदि नेताओं के नेतृत्व विभिन्न छात्र-युवा संगठनों ने पटना विश्वविद्यालय गेट से बंद के समर्थन में जुलूस निकाला। इस जुलूस को कारगिल चौक पर पुलिस ने रोक दिया. बंद समर्थक डाकबंगला चैराहे की तरफ बढ़ना चाहते थे, उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का प्रयोग किया और फिर विधायक संदीप सौरभ, विकास यादव, कुमार दिव्यम, अनिमेष चंदन और आशीष कुमार को जबरदस्ती सड़क से उठाकर गिरफ्तार करते हुए गांधी मैदान थाना ले जाया गया।  

गिरफ्तारी के बाद आइसा महासचिव संदीप सौरभ ने कहा कि पुलिस-प्रशासन की यह कार्रवाई शर्मनाक है. आज बिहार बंद के दौरान हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखने आए थे. देश के युवाओं को बेरोजगारी में धकेलने व देश की सुरक्षा को कमजोर करने वाली अग्निपथ योजना के खिलाफ छात्र-युवा आक्रोश को आज पूरा देश देख रहा है. लेकिन इसे रद्द करने की बजाए मोदी सरकार इसमें चंद बदलाव कर देश को गुमराह करना चाहती है. इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा.

आज धारा 144 लगाये जाने, कई जिलों में इंटरनेट सेवा बाधित किए जाने और पुलिस की जबरदस्त घेराबंदी के बीच बंद को आम लोगों का व्यापक समर्थन मिला. राजधानी पटना समेत राज्य के अधिकांश इलाकों में दुकानें व व्यवासायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, आवागमन कम रहा और सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति कम रही।  बंद के दौरान पटना के अलावा हिलसा, बेतिया व अन्य जगहों से बंद समर्थकों की गिरफ्तारी की भी सूचना है. नवादा में पुलिस ने बंद समर्थकों को सड़क पर उतरने भी नहीं दिया, इसके बावजूद शहर में बंद का व्यापक असर दिखा.

इस आंदोलन के मजबूत केंद्र के बतौर उभरे आरा में बंद का सर्वाधिक प्रभाव रहा. सेना भर्ती जवान मोर्चा के संयोजक व भोजपुर के युवा  नेता राजू यादव, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, इनौस के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार आदि नेताओं के नेतृत्व में हजारों की तादाद में सेना भर्ती के अभ्यर्थी व आम नौजवानों ने मार्च निकाला. यह मार्च शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरा और फिर रेलवे स्टेशन के पास सभा करते हुए आंदोलन को तबतक जारी रखने का आह्वान किया गया जबतक कि सरकार अग्निपथ योजना को पूरी तरह से रद्द नहीं कर देती.

मुजफ्फरपुर में मुजफ्फरपुर-दरभंगा एनएच 57 को बोचहां में बंद समर्थकों ने 3 घंटे तक जाम रखा. शहर में आइसा-इनौस के नेतृत्व में विशाल जुलूस निकला, जो छोटी कल्याणी, केदारनाथ, जवाहर लाल, सरैया गंज टावर, छाता बाजार, सुता पट्टी होते हुए सभा में तब्दील हो गई. बक्सर के नवानगर के सोनबरसा बाजार में करीब ढाई घंटे तक इनौस के राज्य उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार के नेतृत्व में सड़क जाम रहा. यहां पुलिस के साथ बंद समर्थकों की झड़प भी हुई.

सिवान में जिरोदई विधायक अमरजीत कुशवाहा के नेतृत्व में शहर में विशाल जुलूस निकला. दरभंगा में आइसा-इनौस के नेतृत्व में मिर्जापुर चौक से विश्वविद्यालय परिसर तक जुलूस निकालकर सड़क जाम किया गया. समस्तीपुर में बंद समर्थकों ने शहर के स्टेडियम गोलबंर से जुलूस निकाला, लेकिन जुलूस को निकलते ही बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने रोक दिया. मधेपुरा में बंद समर्थकों ने कर्पूरी चौक को घंटों जाम रखा.

अरवल में सैकड़ों बंद समर्थकों ने पटना-औरंगाबाद रोड को भगत सिंह चौक पर जाम किया और फिर ब्लाॅक परिसर में विशाल सभा आयोजित की. जहानाबाद में आइसा-इनौस कार्यकर्ताओं ने पटना-गया रोड पर मार्च किया और अरवल चैक को जाम कर दिया. गया मे अंबेदकर पार्क से मार्च करते हुए टावर चैक पर सभा आयोजित की गई. भागलपुर, पूर्णिया, मधुबनी, मोतिहारी, कैमूर, बेगूसराय आदि जिलों में भी बंद का व्यापक समर्थन दिखा.

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद कर देने, प्रदर्शन को रोकने के लिए धारा 144 लगा दिए जाने और पुलिस की भारी बंदोबस्ती के बावजूद बिहार बंद को जनता का व्यापक समर्थन मिला. स्वतःस्फूर्त तरीके से पटना सहित राज्य के अधिकांश शहर बंद रहे. कई स्थानों से आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी की भी खबर है.

शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने वाले आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी व उनके साथ की गई जबरदस्ती निंदनीय है.

उन्होंने कहा कि सेना के मनोबल को तोड़ने और युवाओं के साथ क्रूर मजाक करने वाली अग्निपथ व मोदी सरकार की अन्य ऐसी योजनाओं के खिलाफ दीर्घकालिक व संगठित लड़ाई की जरूरत है. हम राज्य के छात्र-युवाओं से आह्वान करते हैं कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपने आंदोलन का विस्तार करें और सरकार को झुकने के लिए विवश करें.

कहा कि चल रहे आंदोलन के दबाव में केंद्र सरकार अग्निपथ योजना में कुछ संशोधन का प्रस्ताव दे रही है, जबकि उसे अविलंब रद्द कर पुराने तरीके से सेना में बहाली की प्रक्रिया संचालित करने की आवश्यकता है. इस साल के लिए उम्र सीमा में चंद बदलाव तथा अर्द्धसैनिक बलों की बहाली में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान इसका कोई इलाज नहीं है. क्योंकि यह योजना न केवल देश के युवाओं के साथ मजाक है बल्कि देश की सुरक्षा को भी कमजोर करने वाली है. सरकार ने सेना की संख्या में भी कमी कर दी है. जिसके कारण बेरोजगारी की दर और बढ़ेगी. भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्य में 4 साल के रिटायरमेंट के बाद उन्हें पुलिस में बहाली का मौका देने की बात कह रहे हैं, लेकिन पुलिस में जाने वाले दावेदार पहले से मौजूद हैं. मतलब सरकार युवाओं को आपस में लड़ाने की भी साजिश रच रही है.

माले राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार के इस अड़ियल रवैये के खिलाफ कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन से सीखते हुए सरकार को झुकाने के लिए छात्र-युवा समुदाय को लंबी लड़ाई की योजना बनानी चाहिए.

राजद की बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने वाम दलों के नेताओं की उपस्थिति में ‘बिहार बंद’ के आह्वान को अपनी पार्टी की ओर से समर्थन देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन छात्रों के समर्थन में हैं जो अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।’’
 
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में नई अल्पकालिक भर्ती योजना हानिकारक साबित होगी और यह देश के युवाओं के हित में नहीं है।

अग्निपथ भर्ती योजना को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए, अखिल भारतीय छात्र संघ (आईसा) सहित कई छात्र संगठनों ने 18 जून को ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया है।

इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को कहा था कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को राज्यपाल फागू चौहान से मिलेंगे और अग्निपथ योजना को तत्काल वापस लेने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपेंगे।

शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए पासवान ने कहा, ‘‘अग्निपथ योजना से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी। इससे युवाओं में असंतोष फैलेगा जो एक बड़ी चिंता का विषय होगा।’’

गौरतलब है कि पासवान ने बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की थी।

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