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'अग्निपथ' अपडेटः चंदौली में लाठीचार्ज से गुस्साए युवाओं ने पुलिस की जीप फूंकी, ग़ाज़ीपुर में भी बवाल

लाठीचार्ज से उग्र युवाओं ने पुलिस की एक जीप पलट दी और उसमें आग लगा दी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी प्रकार घरों में घुसकर जान बचाई। पुलिस फोर्स के पहुंचते ही आंदोलनकारी युवक भाग निकले।
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भारतीय सेना की नई भर्ती योजना अग्निपथ की आग में पूर्वांचल धधक रहा है। डबल इंजन की सरकार के लाख प्रयास के बावजूद पूर्वांचल के युवक जबर्दस्त गुस्से में हैं। पुलिस की तगड़ी घेराबंदी के बावजूद आंदोलनकारी युवाओं ने रविवार को चंदौली और गाजीपुर में बवाल काटा। चंदौली के अलीनगर इलाके के आलमपुर (मुस्थफापुर) में जिस जीप से पुलिस गश्त कर रही थी, उसे आंदोलनकारी युवाओं ने पलट दिया और उसमें आग लगा दी। आंदोलनकारी युवाओं के तल्ख तेवर को देखते हुए पुलिस वाले गाड़ी छोड़कर भाग निकले। युवाओं ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर भी फेंके, लेकिन वे बाल-बाल बच गए। बाद में मौके पर पहुंची भारी पुलिस फोर्स ने स्थिति को काबू में किया।

लाठीचार्ज से बेकाबू हुए युवा

चंदौली के सरेसर वन ग्राउंड पर सुबह बड़ी संख्या में युवक पहुंचे थे। अलीनगर थाना अध्यक्ष सत्येंद्र विक्रम सिंह हमराहियों के साथ रविवार सुबह पेट्रोलिंग पर निकले थे। इसी दौरान मुस्तफापुर गांव के समीप 20 से 25 की संख्या में युवा एकत्रित थे। पुलिस के जवान चार प्राइवेट गाड़ियों पर सवार थे। थानाध्यक्ष युवाओं से पूछताछ कर ही रहे थे कि सिपाहियों ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे आक्रोशित युवाओं ने जमकर बवाल शुरू कर दिया। इस दौरान उग्र युवाओं ने पुलिस की एक जीप पलट दी और उसमें आग लगा दी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी प्रकार घरों में घुसकर जान बचाई। पुलिस फोर्स के पहुंचते ही आंदोलनकारी युवक भाग निकले।

इस दौरान अफरातफरी का माहौल बना रहा। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे जिले में खलबली मच गई। पुलिस-प्रशासन के अफसर चौकन्ना हो गए। थोड़ी देर बाद भारी संख्या पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी उपद्रवियों को खदेड़ा। वहीं तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। आईजी के सत्यनारायण, एसपी अंकुर अग्रवाल, एडिशनल एसपी चिरंजीवी मुखर्जी, सीओ अनिल राय, एस ओ सत्येंद्र विक्रम सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे। अग्निपथ योजना के विरोध का सबसे ज्यादा असर पूर्वी मध्य रेलवे पर हुआ है, जो बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को कवर करता है।

चंदौली में रविवार को हुई घटना के लिए इलाकाई लोग पुलिस को जिम्मेदार मान रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, थानाध्यक्ष युवाओं को समझाने की कोशिश कर रहे थे, तभी मनबढ़ पुलिसकर्मियों ने उन पर लाठियां भांजनी शुरु कर दी, जिससे वो आग-बबूला हो गए। जवाबी कार्रवाई में उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। कई युवाओं के चोटिल होने की खबर है। उल्लेखनीय है कि यूपी के चंदौली जिले में अग्निपथ योजना के विरोध शनिवार को कुछमन रेलवे स्टेशन पर उपद्रव हुआ था। रविवार को हुई घटना के बाद पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत मे लिया है। इस बीच चंदौली के पीडीडीयू जंक्शन की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हर आने जाने वालों पर नजर रखी जा रही है।

ग़ाज़ीपुर में ट्रैक पर प्रदर्शन

गाजीपुर शहर से सटे बंजारीपुर रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे दर्जनों की संख्या में युवाओं को पुलिस ने लाठी भांजकर खदेड़ दिया। वहीं कई दर्जन को हिरासत में लेते हुए उनके मोबाइल जब्त कर पूछताछ की जा रही है। वहीं युवाओं के आंदोलन की आशंका के मद्देनजर रेल व रोडवेज सेवा पूरी तरह से ठप कर दी गई है। रोडवेज परिसर और जिले के प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है। बड़ी संख्या में ट्रेनों का संचालन ठप होने से लोगों को आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सेना भर्ती में नई नीति के विरोध की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट रहा। सिटी सहित सभी रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में पुलिस बल के जवान तैनात रहे। इसी बीच प्रशासन को सूचना मिली की शहर से सटे बंजारीपुर में रेलवे ट्रैक पर बैठकर कई दर्जन युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसपर एडीएम अरुण कुमार सिंह, एएसपी सिटी गोपीनाथ सोनी, कासिमाबाद, सदर सीओ के साथ भारी संख्या में फोर्स लेकर तत्काल पहुंच गए। वार्ता के बीच आक्रोश में युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में एसपी के निर्देश पर पुलिस के जवानों लाठीचार्ज कर दिया। जवाब में युवाओं ने भी ईंट-पत्थर चलाने शुरू कर दिए।

देखते ही देखते मौके पर भगदड़ मच गई। लोग जहां-तहां भागने लगे। इस मामले में पुलिस ने बड़ी संख्या में युवाओं को हिरासत में ले लिया है। सभी के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। इसी बीच बंजारीपुर से करीब तीन किमी दूर महमूदपुर में भारी संख्या में एकत्रित युवा होकर प्रदर्शन करने लगे। यहां भी पुलिस कप्तान भारी फोर्स के साथ तत्काल पहुंचे और सभी को वापस कराया।

बनारस समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में उपद्रव के मद्देनजर कड़ी चौकसी बरती जा रही है। जगह-जगह बसों की चेकिंग की जा रही है। समूचे पूर्वांचल के उन युवाओं में ठेके पर जवानों की भर्ती योजना को लेकर भारी गुस्सा है जो कई सालों से सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहे थे। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के भारतीय सेना में सर्वाधिक 2.14 लाख जवान यूपी के हैं, जिनमें ज्यादातर पूर्वाचल के जिलों के लोग भारतीय सेना में अलग-अलग पदों पर तैनात हैं। बिहार में 1.02 लाख युवा सेना में हैं।

बवाल के कई अहम कारण

दरअसल बिहार और यूपी के पूर्वांचल के इलाकों के युवा बचपन से ही सेना में भर्ती की तैयारी करने लगते हैं। इसके लिए वह उतनी ही पढ़ाई करते हैं, जितनी सेना भर्ती के लिए जरूरी है। उनका पूरा फोकस सेना भर्ती पर रहता है। इन युवाओं की परेशानी की बड़ी वजह यह है कि ठेके पर चार साल सेना में नौकरी करने के बाद वह क्या करेंगे,  क्योंकि उनकी पढ़ाई भी इस लायक नहीं होती है कि वह कुछ और कर सकें।

बिहार और पूर्वांचल में सेना में नौकरी करने वालों से शादी करने के लिए तमाम बेटियों के बाप तैयार रहते हैं। प्राइवेट सेक्टर में लाखों कमाने वालों से सेना के जवानों की पूछ ज्यादा होती है। यही वजह है कि ज्यादातर यूथ सरकारी नौकरी अथवा सेना में नौकरी करना चाहते हैं। पिछले पांच साल के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यूपी के सर्वाधिक 37 हजार 459 जवान सेना में भर्ती हुए, जिनमें पूर्वांचल के युवाओं की तादाद सर्वाधिक रही।  

यूपी में गरमाई सियासत

यूपी में अगिनपथ योजना को लेकर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है, "मंत्रणा, सम्मति, मशवरा, परामर्श, विचार-विमर्श, संयुक्त निर्णय और सामूहिक बैठक ये लोकतांत्रिक शब्द भाजपाई शब्दकोष में नहीं हैं। इसलिए भाजपा सरकार द्वारा बार-बार मनमानी भरे फैसले थोपे जा रहे हैं। अखिलेश यादव ने शनिवार  को जारी बयान में कहा कि देश की ऊर्जा व जनशक्ति सरकार की जनविरोधी नीतियों और योजनाओं के विरोध में बर्बाद हो रही है। विवादित बोल पर आक्रोश थमा नहीं था कि ‘अग्निपथ‘ खून से लथपथ दिखने लगा है।"

अग्निपथ को लेकर मचे बवाल पर बसपा प्रमुख मायावती ने मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि सरकार को ठेके पर सेना में भर्ती के मामले में केंद्र को संसद को विश्वास में भी लेना चाहिए। मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा है,  "जब मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर देश की विशाल आबादी में से खासकर युवा वर्ग गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, तनाव आदि के अग्निपथ पर हर दिन बिना थके-हारे जीवन संघर्ष को मजबूर हैं, उन्हें केन्द्र की अल्पावधि ’अग्निपथ’ सैन्य भर्ती स्कीम ने काफी निराश व हताश किया है। केन्द्र द्वारा रेलवे, सेना व अर्द्धसैनिक बल आदि में भर्ती की संख्या व संभावना को अति-सीमित करने का ही परिणाम है कि खासकर ग्रामीण परिवेश के हिम्मतवर नौजवान काफी असहाय व ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं तथा भविष्य को अंधकार में पाकर उनका आक्रोश उबाल पर है, जिसे सही से संभालना जरूरी। केन्द्र से पुनः अनुरोध है कि देश के भविष्य इन पीड़ित नौजवानों के दर्द व इनके भविष्य के मुद्दे को गंभीरता से लेकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तथा देश की सुरक्षा से सम्बंधित ऐसे अहम मामलों में संसद को विश्वास में जरूर ले। नौजवानों से भी अपील है कि वे संयम जरूर बरतें।"

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