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पड़ताल: क्या सचमुच दुनिया की सभी रेटिंग एजेंसियां भारत का गौरव कर रही हैं?

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल क़िले से अपने भाषण में बहुत सारे दावे किए। क्या प्रधानमंत्री द्वारा किए गए ये सभी दावे सत्य थे? आइए करते हैं पड़ताल
PM MODI ON RED FORT

पंद्रह अगस्त, 2023 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से एक बार फिर अपना भाषण दिया। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने बहुत सारे दावे किए। क्या प्रधानमंत्री द्वारा किए गए ये सभी दावे सत्य थे? संसाधनों और समय के अभाव में सभी दावों की पड़ताल करना मुश्किल है। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण दावों की जांच करना जरूरी है। उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने भाषण में पिछले नौ सालों में हुए विकास की बात करते हुए कहा-“मैं कहना चाहता हूं कि दुनिया के एक्सपर्ट इन सारे मानदंडों के आधार पर कह रहे हैं कि भारत अब रुकने वाला नहीं है। दुनिया की कोई भी रेटिंग एजेंसी होगी, वो भारत का गौरव कर रही है।”

तो क्या प्रधानमंत्री सही कह रहे हैं? क्या सचमुच दुनिया की सभी रेटिंग एजेंसियां भारत का गौरव कर रही हैं? क्या तमाम ग्लोबल इंडेक्स में भारत का स्थान इतना ऊंचा है? दुनिया भर के विभिन्न ग्लोबल इंडेक्स में आखिर भारत की रैंकिंग क्या है? आइये पड़ताल करते हैं और कुछ महत्वपूर्ण ग्लोबल इंडेक्स में भारत की रेटिंग पर नज़र डालते हैं—

ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स

ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स 2022 के अनुसार भारत 46वें स्थान पर है, वर्ष 2014 में भारत 27वें स्थान पर था। यानी भारत डेमोक्रेसी के मामले में 19 पायदान नीचे लुढ़का है। डेमोक्रेसी इंडेक्स चुनावी प्रक्रिया, सरकार की कार्यप्रणाली, राजनीतिक भागीदारी, पॉलिटिकल कल्चर और सिविल लिबर्टी की स्थितियों के मूल्यांकन के आधार पर बनाया जाता है।

विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स

विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2023 के हिसाब से भारत 181 देशों में 161वें पायदान पर है। वर्ष 2014 में भारत प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 140वें स्थान पर था। यानी स्पष्ट है कि मीडिया की स्वतंत्रता के मामले में विश्व रेटिंग में भारत पिछले नौ सालों में 41 पायदान नीचे लुढ़का है।

ग्लोबल ह्यूमन डेवलेपमेंट इंडेक्स

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अनुसार ग्लोबल ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में भारत विश्व के 191 देशों में 132वें स्थान पर है। वर्ष 2019 में 129वें स्थान पर था। यानी पिछले पांच साल में भारत तीन पायदान नीचे गया है।

वर्ल्ड हंगर इंडेक्स

वर्ल्ड हंगर इंडेक्स 2022 में भारत विश्व में 107वें पायदान पर है। वर्ष 2014 में भारत 55वें स्थान पर था। गौरतलब है कि भारत सरकार वर्ल्ड हंगर इंडेक्स पर सवाल उठाती रही है और मानती है कि वर्ल्ड हंगर इंडेक्स में भूख को मापने का पैमाना सही नहीं है।

वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट

वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट 2023 के हिसाब से भारत 137 देशों में 126वें स्थान पर है। वर्ष 2015 में भारत वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट के अनुसार 117वें स्थान पर था। यानी पिछले आठ सालों में भारत 20 पायदान नीचे गया है।

ग्लोबल किड्स राइट इंडेक्स

ग्लोबल किड्स राइट (विश्व बाल अधिकार) इंडेक्स 2023 के अनुसार भारत 115वें स्थान पर है। वर्ष 2014 में भारत 120वें स्थान पर था। यानी भारत बच्चों के अधिकार के मामले में विश्व इंडेक्स में पिछले नौ सालों में पांच स्थान नीचे लुढ़का है।

ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स

ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022 के अनुसार भारत 85वें स्थान पर है और वर्ष 2014 में भी भारत 85वें स्थान पर ही था। यानी विश्व पटल पर करप्शन रेटिंग में भारत में पिछले नौ साल में स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।

ग्लोबल सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स

ग्लोबल सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स 2022 के अनुसार भारत 110वें स्थान पर है। वर्ष 2014 में भारत ग्लोबल सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स में 102वें स्थान पर था। यानी भारत पिछेल आठ सालों में आठ पायदान नीचे गया है।

ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स

ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2023 के अनुसार भारत विश्व में 127वें स्थान पर है। वर्ष 2014 में भारत इस मामले में 114वें स्थान पर था। यानी भारत पिछले नौ सालों में और 13 पायदान नीचे गया है।

ईज ऑफ डुइंग बिजनेस

ईज ऑफ डुइंग बिजनेस पर वर्ल्ड बैंक हर साल ग्लोबल रेटिंग जारी करता है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस इंडेक्स 2020 के अनुसार भारत 190 देशों में 63वें स्थान पर है। वर्ष 2014 में भारत 134वें स्थान पर था। इस मामले में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है और 71 पायदान ऊपर गया है।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 के अनुसार भारत 40वें स्थान पर है जबकि वर्ष 2014 में भारत 76वें स्थान पर था। भारत इस मामले में 36 पायदान ऊपर गया है।

ऊपर दिए गए आंकड़े बता रहे हैं कि हर रेटिंग में हर एजेंसी भारत का गुणगान नहीं कर रही है। बल्कि ज्यादातर मामलों में वर्ल्ड रेटिंग में भारत 2014 के मुकाबले नीचे ही लुढ़का है। प्रधानमंत्री का दावा कि विश्व की हर रेटिंग एजेंसी भारत का गौरव कर रही है सही नहीं है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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