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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: कितना अच्छा कितना बुरा?

बेशक विज्ञान में प्रगति के अपने सकारात्मक और साथ ही नकारात्मक पहलू होते हैं और एक पहलू को दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा कितना उचित है? सवाल यही है कि क्या मानवता के लिए AI के सकारात्मक प्रभावों पर इसका नकारात्मक पक्ष हावी होगा?
Artificial Intelligence
फ़ोटो साभार: गूगल

सैम ऑल्टमैन को नए हाई-टेक युग का उत्कृष्ट क्रांतिकारी कहा जा सकता है। एक अमेरिकी कंपनी ओपन-एआई (Open AI) के सीईओ की भूमिका में, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित चैटबॉट (Chatbot) चैटजीपीटी (ChatGPT) विकसित किया। हम जानते हैं कि चैटबॉट ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम हैं जो मानव उपयोगकर्ताओं के साथ आदान-प्रदान में संलग्न होकर बड़े पैमाने पर डेटा ले कर पल भर में उनका विश्लेषण कर एक इंसान की तरह उनके प्रश्नों का उत्तर देते हैं। यह एक दोस्ताना वार्ताकार और साथ-साथ एक शिक्षक, दोनों ही जैसा लग सकता है। अब इसके नए संस्करण भी आ रहे हैं।

समझें ChatGPT क्या-क्या कर सकता है?

ChatGPT ने ज्ञान प्रसंस्करण और उत्पत्ति की दुनिया में एक क्रांति ला दी है। यह पारंपरिक गूगल सर्च इंजन से हज़ार गुना बेहतर है। जहां Google Search केवल वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) पर विभिन्न सर्वरों से पहले से मौजूद डेटाबेस से प्रासंगिक जानकारी उठा सकता है और उन्हें खोज परिणामों के रूप में सूचीबद्ध कर सकता है, वहीं ChatGPT रचनात्मक रूप से डेटा का विश्लेषण भी कर सकता है और तब आपके प्रश्नों का उत्तर दे सकता है। हालांकि Google Search भी एल्गोरिदम (algorithms) पर आधारित हैं, वे उपलब्ध जानकारी का बहुत कम या कोई रचनात्मक विश्लेषण या प्रसंस्करण नहीं करते हैं।

दूसरी ओर, ChatGPT, उपयोगकर्ता के लिए एक रचनात्मक वार्ताकार के रूप में कार्य करता है। यह रचनात्मक रूप से उपलब्ध जानकारी का विश्लेषण और प्रसंस्करण कर सकता है और पूछे गए प्रश्नों के एक-से-एक रचनात्मक उत्तर दे सकता है। यह आपके गुफ्तगू (chat) साथी की तरह बर्ताव कर सकता है। दूसरे शब्दों में, वह एक ह्यूमनॉइड (मानव जैसा रोबोट) की तरह काम कर सकता है जो आपके साथ दो-तरफ़ा बातचीत (dialogue) में शामिल हो सकता है। यह संवाद कर सकता है, किसी साथी की तरह सवाल और जवाब के सिलसिले के माध्यम से विभिन्न विषयों पर चर्चा को आगे बढ़ा सकता है। सबसे बड़ी बात है कि वह लगभग किसी भी विषय पर चर्चा कर सकता है क्योंकि यह एक विशाल डेटाबेस द्वारा समर्थित है, और यह डेटाबेस का विश्लेषण करने में पूरी तरह सक्षम है इसलिए आपके अधिकांश प्रश्नों के सृजनात्मक उत्तर दे पाता है। यहां तक कि यह आपके प्रेमी/प्रेमिका या मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता के विकल्प के रूप में भी कार्य कर सकता है। ऐसे प्रयोग विदेश में हो भी रहे हैं, जहां लोग अपने पसंद के AI-संचालित गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड से ज़िंदगी की सारी समस्याएं साझा कर पाते हैं। यदि तुरंत मनोचिकित्सक के पास जाने में संकोच हो तो AI के ज़रिए मनोवैज्ञानिक समस्याओं पर भी व्यक्तिगत बात की जा सकती है और परामर्श ली जा सकती है, जैसे कि निराशा, अवसाद और सोशल ऐंग्ज़ाइटी पर।

यह एक विश्वकोश की तरह भी आपको इतिहास, विज्ञान, साहित्य आदि पर संक्षिप्त ज्ञान प्रदान कर सकता है और अपने डेटाबेस द्वारा समर्थित किसी भी विषय पर स्पेसीफाइड वर्ड-लेंथ के लेख लिख सकता है। वहीं साथी ही यह शोध छात्रों के लिए एक शोध सहायक के रूप में कार्य कर सकता है और बच्चों के लिए गृहकार्य (homework) कर सकता है। और यह Google क्रोम मशीन अनुवाद के समान AI का उपयोग करके अंग्रेजी से हिंदी या इसके विपरीत, किसी भी भाषा से किसी अन्य भाषा में अनुवाद कर सकता है। यह एक लेखन सहायक के रूप में आपकी मदद कर सकता है, जब आप किसी पाठ की व्याख्या करना चाहते हैं या किसी छोटे पाठ को विस्तृत करना चाहते हैं; आपको बस उस विषय से जुड़े की-वर्डस (Key Words) टाइप भर करना होता है। इन सब के अलावा, वह कविताएं लिख सकता है, कहानियां भी रच सकता है, और थिएटर के लिए स्क्रिप्ट भी बना सकता है या स्क्रिप्ट बदल सकता है और यहां तक कि आपके निर्देश पर उस पर आधारित रेखाचित्र और कार्टून भी बना सकता है।

कोलकाता के रहने वाले राजीव कहते हैं, ‘‘मैंने ChatGPT से कहा कि वह एक जासूसी कहानी-मर्डर मिस्ट्री लिखे जिसमें एक जवान महिला की उसके फ्लैट में हत्या हो जाती है। मेरे सामने एक बढ़िया कहानी लिखकर आ गई। मैंने कमांड दिया कि कहानी में एक गार्ड की एंट्री कराई जाए। एक बेहतरीन कहानी तैयार हो गई, जिसे साधारण की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।”

ChatGPT ये सब केवल इसलिए कर सकता है क्योंकि यह एआई (AI) द्वारा संचालित है। जैसा कि यह मानव बुद्धि से मिलता-जुलता है, यह मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स से गुणात्मक रूप से एक क़दम आगे है, जिसका उपयोग चालक रहित कारों, ऑटोपायलट पर विमानों, घरेलू गैजेट्स आदि में किया जाता है, जो अपने आप खराबी का पता लगा सकते हैं और मरम्मत-तकनीशियन को बुला सकते हैं। कई एकल व बुज़ुर्ग लोग ऐलेक्सा , सिरी, गूगल ऐसिस्टैंट का इस्तेमाल करते हैं, जो AI-संचालित हैं। पर चैटबॉट्स इनको पछाड़ चुके हैं।

सैम ऑल्टमैन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपनी अपेक्षाकृत छोटी कंपनी OpenAI के लिए इसे विकसित किया। उन्होंने कई अन्य AI -संचालित उपकरण भी विकसित किए, जैसे व्हिस्पर (Whisper) - वाक् बोध (Speech Recognition), अनुवाद और लिप्यंतरण (Transliteration) के लिए उपयोग किया जाता है और डीएएल ई-2, ग्राफिक्स में छवियों को संपादित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस अपेक्षाकृत छोटी कंपनी के उत्पादों की क्रांतिकारी क्षमता को भांपते हुए, विशाल कॉर्पोरेट घराने माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें हिस्सेदारी हासिल करके और इसके साथ "साझेदारी" विकसित करते हुए इसपर जल्दी से अधिग्रहण कर लिया, जिसका अर्थ वास्तव में इसका संपूर्ण अधिग्रहण है।

इस क्रांतिकारी नवाचार के मुख्य वास्तुकार के रूप में, सैम ऑल्टमैन को 16 मई 2023 को न्यायपालिका में अमेरिकी सीनेट समिति की गोपनीयता, प्रौद्योगिकी और क़ानून पर उप-समिति द्वारा बड़े कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (Large Artificial Neural Networks) के सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों पर बयान देने के लिए बुलाया गया था - जैसे सोशल मीडिया और ChatGPT जैसे AI टूल्स। अपनी गवाही के दौरान, AI का बचाव करने के बाद भी जब उन्होंने यह उल्लेख किया कि, "यदि यह तकनीक ग़लत (Wrong) हो जाती है, तो यह भयानक रूप से ग़लत हो सकती है", तो जैसे पहाड़ टूट पड़ा। ऑल्टमैन की कुल गवाही से अलग इस एक वाक्य को उठाकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया आक्रामक हो गया; और वे जान बूझकर मानों इस बात को नज़रंदाज़ कर गए कि सैम ने AI का बचाव किया था और मानवता के लिए उसके लाभकारी पक्ष की सराहना की थी।

मीडिया आक्रोश ने एक आक्रामक बहस छेड़ दी: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानवता के लिए अच्छा है या बुरा और क्या यह मानव जाति की मदद करेगा या नुक़सान पहुंचाएगा। ChatGPT छात्रों के लिए अच्छा था या बुरा, यह एक और विवाद की वजह बन गया। अमेरिका के कुछ राज्यों ने स्कूलों में ChatGPT के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। उनके अनुसार यह बच्चों में नए ढंग से सोचने की क्षमता खत्म करता है।

उन्होंने महसूस किया कि एक शॉर्टकट की पेशकश से उन छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हुई, जो खुद गंभीर काम करने से बचते थे और ChatGPT से सभी सवालों के रेडीमेड उत्तर प्राप्त करते थे। जल्द ही, AI के नकारात्मक पक्ष अधिक ध्यान में आ गए और लगभग इसके बारे में एक चेतावनी दी जाने लगी थी।

इस वाद-विवाद ने उस समय बेतुका रूप धारण कर लिया जब इसे बहुत ही सामान्य स्तर पर पेश किया गया। यह उतना ही बेतुका था जितना यह जताना कि रसायन विज्ञान मानवता के लिए अच्छा है या बुरा। विज्ञान में प्रगति के अपने सकारात्मक और साथ ही नकारात्मक उपयोग होना अवश्यंभावी है, और एक को दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा करना मूर्खतापूर्ण है। यह समाज पर निर्भर है कि वह इसके सकारात्मक पक्षों से लाभान्वित होने के लिए इसके नकारात्मक उपयोग पर अंकुश लगाने हेतु इन्हें ठीक से विनियमित करे। इसके लिए हमें उन सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों के ठोस आयामों का गहराई से अध्ययन करना होगा। फिर नियमन की विशिष्ट आवश्यकता और उपायों का पता लगाने की आवश्यकता भी है।

आइए संक्षेप में AI के सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों की पड़ताल करें:

AI के सकारात्मक उपयोग

AI के कई क्षेत्रों में लाभकारी उपयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला हो सकती है। स्वास्थ्य सेवा में, यह संभावित रूप से सरकारों को महामारी और अन्य प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों के समय उपयुक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रियाओं के साथ प्रस्तुत होने में मदद कर सकता है। यह बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा को संसाधित कर सकता है और डॉक्टरों को निदान, व्यक्तियों के लिए कस्टम-निर्मित उपचार (Custom-Made Remedies) और दवाओं के विकास में भारी मदद कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने COVID-19 के ख़िलाफ़ अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और नए COVID-19-संबंधित AI मॉडल तेज़ी से विकसित हो रहे हैं। बेहतर प्रशिक्षित AI मॉडल सटीक और तेज़ी से निदान सुनिश्चित कर सकते हैं या डॉक्टरों को निदान कारगर बनाने और शारीरिक श्रम को कम करने में सहयोग कर सकते हैं। AI मॉडल उच्च जोखिम वाले रोगियों का शीघ्र पता लगाते हैं और प्रशिक्षण डेटा द्वारा COVID-19 की महामारी विज्ञान और मॉडल रोग संचरण की विशेषता बता सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित तरीके नई दवाओं और टीकों की खोज में सहायता कर रहे हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में, यह न केवल शॉर्ट-कट्स सुझा सकता है बल्कि वास्तव में छात्रों को विश्लेषणात्मक शिक्षा (Analytical Learning), डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics), प्राकृतिक और सामाजिक विज्ञान में शोध कार्य और दूरस्थ शिक्षा आदि में मदद कर सकता है। यह इन क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के समान किसी भी विषय पर व्याख्यान तक तैयार कर सकता है। यह अलग-अलग छात्रों में सीखने की कमियों को ट्रैक करके कस्टम-निर्मित (Custom-Made) समाधान प्रदान कर सकता है।

साथ ही अपराध नियंत्रण और पुलिसिंग में भी AI का व्यापक उपयोग हो रहा है।

AI पहले से ही व्यापार के क्षेत्र में, जीएसटीएन के साथ असाधारण रूप से बड़ी मात्रा में जीएसटी डेटा का विश्लेषण करके धोखाधड़ी और टैक्स चोरी की पहचान करने में मदद कर रहा है। सभी निवेश कोष आज AI का उपयोग करके शेयर बाज़ार में निवेश के लिए अपने पोर्टफोलियो (अर्थात् विभिन्न शेयरों का संयोजन) तय करते हैं।

इतना ही नहीं, AI, क़ानून के किसी भी बिंदु पर अनगिनत केस कानूनों (Case Laws) को संसाधित करके वकीलों की भी मदद कर सकता है। यह लेखापरीक्षकों को लाखों वाउचरों के साथ लेज़र डेटा को क्रॉस-चेक करने में भी मदद कर सकता है।

AI, भारत जैसे विकासशील देशों में बड़ी संख्या में किसानों की मदद कर सकता है, जहां 40% से अधिक कार्यबल अभी भी कृषि में लगा हुआ है। AI उन्हें मौसम, मिट्टी (soil) की स्थिति, सिंचाई आवश्यकताओं, बीज की गुणवत्ता पर वास्तविक समय (Reatime) में इनपुट देकर सटीक कृषि (Precision Agriculture) में सक्षम बनाता है। यह कीटों के हमले और कीटनाशकों का चुनाव तथा उपयोग की जाने वाली उनकी मात्रा व उपयोग का समय, और सबसे बढ़कर, प्रचलित बाज़ार रुझान की जानकारी देता है।

यह प्रोसेस इनोवेशन, गुणवत्ता नियंत्रण, और उत्पादन कार्यक्रम की योजना बनाने और मौजूदा कार्यबल के उत्तम (Optimal) उपयोग के लिए श्रम के उचित विभाजन के माध्यम से निर्माण में भी मदद कर सकता है और कुछ नियमित नौकरियों को स्वचालित करने में मदद कर सकता है। यह मार्केटिंग और ऑपरेटिंग हेल्पलाइन में भी बहुत मदद कर सकता है, जहां ग्राहकों से प्रश्नों के लिए स्वत: रिकॉर्ड किए गए उत्तर और उत्पाद जानकारी दी जा सकती है।

इसका एक और महत्वपूर्ण उपयोग - डिजिटल युग में मैलवेयर को ट्रैक करके साइबर सुरक्षा प्रदान करने में है। यह जलवायु आपदा जैसी आपदाओं से बेहतर ढंग से निपटने में सहयोग करता है क्योंकि इसके ज़रिए प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व-सूचना मिल सकती है। यह डिजिटल सिनेमैटोग्राफी में क्रांति लाने में काफ़ी मदद कर रहा है, जिसके चलते फिल्म बनाने के ख़र्च में काफ़ी कमी आई है। सिनेमा को फिल्माने से लेकर उसके वितरण और एक साथ हर जगह रिलीज़ होने की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। भारत में 2007-08 से यह माध्यम अपनाया जा रहा है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से, यह घरेलू उपकरणों के उपयोग में नाटकीय रूप से सुधार कर सकता है।

AI के संभावित जोखिम और नुक़सान

प्रो. मुरुगन, जो वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अन्य विषयों के साथ AI पढ़ाते हैं, ने न्यूज़क्लिक को बताया, "जब आप डेटा एनालिटिक्स के लिए ChatGPT में अपना डेटा फीड करते हैं, तो आप अपने डेटा पर अपना नियंत्रण खो देते हैं क्योंकि ChatGPT उस डेटा तक पहुंच प्राप्त कर सकता है और इसका उपयोग अपने उद्देश्य के लिए कर सकता है। यह डेटा सुरक्षा का प्रश्न ChatGPT जैसे AI-संचालित प्रोग्राम्स का प्रमुख नकारात्मक पक्ष है। लेकिन फिर ऐसा याहू और जी-मेल आदि के साथ भी हो सकता है, वो भी तब जब आप अपना डेटा उनके पास स्टोर करते हैं या उनके ज़रिए उसका आदान-प्रदान करते हैं। हमें पूर्ण डेटा सुरक्षा की एक सुस्पष्ट पद्धति पर अभी पहुंचना बाकी है। केवल कड़े उपायों से ही काफ़ी हद तक डेटा चोरी और व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है।"

मौजूदा वक़्त में AI का सबसे बड़ा नकारात्मक पक्ष कई नियमित कार्यों के स्वचालन के पक्ष में श्रमिकों को उनकी नौकरियों से विस्थापित करना रहा है। हालांकि कुछ लोगों का तर्क है कि AI के कारण कई नौकरियां खत्म हो जाएंगी, लेकिन AI कई नई रचनात्मक उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां भी पैदा कर सकता है। परंतु, राय अभी भी विभाजित है कि क्या AI उतनी ही नौकरियां पैदा कर सकता है जितनी वह खत्म करता है?

AI के बारे में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चिंता 'निजता' को लेकर है। भारत जैसे देशों में जहां अभी भी निजता के अधिकार के लिए कोई क़ानून नहीं है और डेटा सुरक्षा विधेयक अभी भी ठंडे बस्ते में है, ऐसे में AI का डेटा वायोलेशन, गोपनीयता के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को नुक़सान पहुंचाने के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है। यह एक बड़ा ख़तरा ज़रूर है।

AI कुछ नैतिक दुविधाएं भी पैदा करता है - जैसे व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा को छीन लेना और लोगों की गोपनीयता में दखल देना। AI के अनपेक्षित परिणाम भी हो सकते हैं - जैसे प्रयोगशालाओं में दुर्घटनाएं या ट्रेन दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं यदि इसका उपयोग उपग्रह डेटा की मध्यस्थता के लिए किया जाता है और कुछ तकनीकी गड़बड़ियां हो जाती हैं।

इन सबसे ऊपर, ऐसी आशंकाएं हैं कि AI इंसानों को जंजीरों में जकड़ सकता है और इसके बजाए कि श्रमिक प्रौद्योगिकियों का नियंत्रित करें, यह तकनीक श्रमिकों की गतिविधियों को नियंत्रित करना शुरू कर सकती है।

क्या किसी बिंदु पर पहुंचकर AI के नकारात्मक प्रभाव मानवता के लिए इसके सकारात्मक प्रभावों को पछाड़ देंगे? मीडिया के डर के विपरीत, इसके लिए सबसे अच्छा जवाब अमेरिकी सीनेट समिति की सुनवाई में खुद सैम ऑल्टमैन ने दिया। सैम ऑल्टमैन ने यह कहते हुए अपनी गवाही शुरू की कि AI लोगों के जीवन में सुधार करना जारी रखता है। उन्होंने यह भी कहा, "जबकि हम मानते हैं कि हमारे द्वारा तैनात किए गए उपकरणों के लाभ जोखिमों से बहुत अधिक हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारे काम के लिए महत्वपूर्ण है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास करते हैं कि सुरक्षा सभी स्तरों पर हमारे सिस्टम के भीतर निर्मित हो।"

बात-बात में उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि यह ग़लत हो जाता है तो यह भयानक रूप से ग़लत हो सकता है। मीडिया ने इस एक वाक्य को पकड़ लिया और इसे सनसनीखेज़ बना दिया, हालांकि सैम ऑल्टमैन ने यह भी बताया कि यह एक उभरता क्षेत्र है और फुलप्रूफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे। आख़िरी में वह कहते हैं: "हम यह भी समझते हैं कि लोग AI टेक्नोलॉजी के बारे में चिंतित हैं। हम इस तकनीक के जोखिमों को बहुत गंभीरता से लेते हैं और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे। हमारा मानना है कि सरकार और उद्योग मिलकर जोखिमों का प्रबंधन कर सकते हैं ताकि हम उसकी ज़बरदस्त क्षमता का आनंद उठा सकें।"

अब तक, मानव द्वारा विकसित सभी प्रौद्योगिकियां मानव द्वारा नियंत्रित की सकती थीं। क्या AI के मामले में कुछ अलग होगा?। इस मुद्दे पर राय अभी भी बंटी हुई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि विशिष्ट और सीमित क्षेत्रों में AI नियंत्रण से बाहर हो सकता है और कुछ नुक़सान कर सकता है, लेकिन पूरी मानवता को नष्ट करने वाली सुनामी के रूप में कार्य नहीं कर सकता। कोई भी आतंकवादी सामूहिक विनाश के सभी हथियारों को एक AI कमांड सेंटर के नियंत्रण में नहीं रख सकता है और कोई उन्मत्त तानाशाह भी ऐसा नहीं कर सकता। अत्यधिक विनाशकारी उद्देश्यों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की अपनी प्रवृत्ति के बावजूद, मानवता ने अभी तक अपनी विनाशकारी क्षमता को काबू में रखने के लिए पर्याप्त नियंत्रण और संतुलन रखा है। वैसे भी, केवल भय पैदा करके AI के हानिकारक उपयोग से नहीं निपटा जा सकता।

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