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असम : विरोध के बीच हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 3 मिलियन चाय के पौधे उखाड़ने का काम शुरू

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस साल फ़रवरी में कछार में दालू चाय बाग़ान के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करके एक ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे के निर्माण की घोषणा की थी।
Assam
Image courtesy : ANI

विरोध और अटकलों के बाद असम सरकार ने गुरुवार को ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण को अमली जामा पहनाने के लिए कछार जिले के दालू चाय बागान में चाय की पौधों को उखाड़ना शुरू कर दिया है।

गुरुवार की सुबह भारी संख्या में पुलिस, सुरक्षा बल और अन्य सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में सैकड़ों की संख्या में बुलडोजरों ने चाय के पौधों को उखाड़ना शुरू कर दिया। अधिकारियों के अनुसार ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 3 मिलियन से अधिक पौधों को उखाड़ा जाना है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस साल फरवरी महीने में घोषणा की थी कि दालू चाय बागान के एक हिस्से का इस्तेमाल करके एक हवाई अड्डा बनाया जाएगा। सरकार ने चाय बागान की 2500 बीघा भूमि का इस्तेमाल करके हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का भुगतान करने का अनुमान लगाया है। इस बागान के मालिक ने इस डील को करने के लिए सहमति दी दी है लेकिन कामगार इस फैसले से नाखुश हैं।

कछार के दालू चाय बागान के 2,000 से अधिक कामगार इसका विरोध कर रहे हैं और उन्होंने पहले कहा था कि सरकार को चाय के पौधों को नष्ट करने से पहले उन्हें मारना होगा। वे इस परियोजना की घोषणा के बाद से ही विरोध कर रहे हैं। इस क्रम में कछार जिला प्रशासन के अधिकारी उन्हें समझाने के लिए कई बार उनके पास जा चुके हैं।

प्रशासन ने चाय बागान मालिकों से सलाह मशविरा कर इस बागान के कर्मियों को भविष्य निधि (₹1.57 करोड़) और ग्रेच्युटी (₹80 लाख) की लंबित राशि बांटा है। लेकिन कामगारों का कहना है कि, "यह हमारा पैसा है जो मालिक वापस दे रहे हैं लेकिन हम उन्हें बदले में चाय के पौधों को नष्ट नहीं करने दे सकते।"

विरोध के बीच, पुलिस ने दक्षिणी असम के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कनकनज्योति सैकिया और कछार जिले के पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर के नेतृत्व में चाय बागान में एक विशाल फ्लैग-मार्च शुरू किया था।

रिपोर्ट के अनुसार कौर ने कहा कि ये फ्लैग मार्च बागान कामगारों को डराने के लिए नहीं बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए था। कौर ने मंगलवार शाम को एक बयान में कहा कि, “यह विश्वास पैदा करने के लिए किया गया था क्योंकि सरकार एक विशाल हवाई अड्डे के निर्माण की योजना बना रही है। हमारा इरादा कामगारों में डर पैदा करने का बिल्कुल भी नहीं है।”

इस को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि पौधों को उखाड़ने की प्रक्रिया कब शुरू होगी। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रमिकों ने पुलिस के फ्लैग मार्च के सामने धरना जारी रखा। बुधवार शाम को कछार जिले के उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने दालू चाय बागान और आसपास के इलाकों में अचानक धारा-144 लगा दिया और संकेत दिया कि जल्द ही बेदखली शुरू हो जाएगी।

नोटिस के सामने आते ही सैकड़ों जेसीबी मशीन को दालू चाय बागान की ओर जाते हुए देखा गया। गुरुवार सुबह करीब पांच बजे पुलिस ने बागान के चयनित हिस्से को घेर लिया ताकि कोई श्रमिक अंदर न घुस सके और जेसीबी चाय के पोधों को उखाड़ने लगे।

इस कार्रवाई को रोकने का प्रयास करने वाले श्रमिकों को असहाय देखा गया। वे सुरक्षाकर्मियों और सरकारी अधिकारियों के सामने रोने-चिल्लाने लगे और कार्रवाई रोकने की गुहार करने लगे। पुलिस ने उन्हें उस स्थान से पीछे धकेल दिया जिसे सरकार ने हवाई अड्डे के निर्माण के लिए अधिग्रहित किया था।

असम पुलिस के स्पेशन डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) जीपी सिंह और कछार के एसपी रमनदीप कौर की निगरानी में कार्रवाई की जा रही है। साथ ही कौर ने श्रमिकों को सरकार के आदेश की अवहेलना न करने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी श्रमिकों को अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से आंदोलन करने की बजाय स्पष्ट रूप से बात करना चाहिए। उन्होंने कहा, “कुछ मांगों को सरकार पहले ही पूरा कर चुकी है और अगर और मांगें हैं तो श्रमिकों को बात करनी चाहिए। मुझे यकीन है कि जायज मांगों पर ध्यान दिया जाएगा।"

सिलचर (कछार) में एक स्वतंत्र हवाई अड्डा को लेकर काफी लंबे समय से चर्चा हो रही है क्योंकि मौजूदा हवाई अड्डा पुराना है और इसे रक्षा मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित किया जा चुका है।

दालू चाय बागान की प्रबंधक सुप्रिया सिकदर के अनुसार प्रत्येक हेक्टेयर में नौ हजार से अधिक चाय के पौधे हैं और हवाई अड्डे के निर्माण के लिए ऐसी 325 हेक्टेयर भूमि का इस्तेमाल किया जाएगा।

ज्ञात हो कि असम में एपीजे टी ग्रुप के स्वामित्व वाले चाय बागानों के श्रमिकों ने बुधवार को वेतन के भुगतान न होने समेत अन्य मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। डिब्रूगढ़ में कांग्रेस के पूर्व विधायक और उक्त संगठन के केंद्रीय उपाध्यक्ष राजू साहू के नेतृत्व में असम चाह मजदूर संघ (एसीएमएस) के बैनर तले पानीटोला में खरजन चाय बागान के श्रमिकों ने प्रदर्शन किया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार साहू ने गुरुवार को कहा कि, “एपीजे के स्वामित्व वाले सभी चाय बागानों के श्रमिक अपने-अपने बागानों में विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं। एपीजे समूह के पास असम में 17 चाय बागान हैं। कंपनी पिछले कई महीनों से कर्मचारियों और श्रमिकों के वेतन का भुगतान करने में विफल रही है।”

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