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अयोध्या ज़मीन घोटाला : सरकार ने दिए जाँच के आदेश, विपक्ष ने कहा ये महज़ दिखावा

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के निकट की जमीनें कथित रूप से भाजपा के विधायकों और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पौने दाम में ख़रीदे जाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने राजस्व विभाग को मामले की गहराई से जांच करने के आदेश दिए हैं।
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Image courtesy : jagran

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के निकट की जमीनें कथित रूप से भाजपा के विधायकों, महापौर, और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पौने दाम में खरीदे जाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने राजस्व विभाग को मामले की गहराई से जांच करने के आदेश दिए हैं। लेकिन विपक्ष इसकी जाँच पर सवाल उठा रहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय से इसमें हस्तक्षेप का आग्रह किया है। वही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या भूमि ‘‘घोटाले’’ में उत्तर प्रदेश सरकार का जांच का आदेश महज दिखावा है, साथ ही उन्होंने भी उच्चतम न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया।

इस मामले पर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने 'पीटीआई-भाषा' से बुधवार को कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहनता से जांच करने का आदेश दिया है।’

एक खबर में दावा किया गया है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में उच्चतम न्यायालय के फैसले से राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अयोध्या में विधायकों, महापौरों और आयुक्त, एसडीएम तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के रिश्तेदारों ने जमीन खरीदीं।

अयोध्या में ज़मीन ख़रीद-फ़रोख्त मामले में हस्तक्षेप करे उच्चतम न्यायालय : मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने अयोध्या में नेताओं और अफसरों द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन औने-पौने दामों में खरीदे जाने के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय से इसमें हस्तक्षेप का आग्रह किया है।

मायावती ने बृहस्पतिवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "यह मामला गंभीर है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। हमारी पार्टी चाहेगी कि उच्चतम न्यायालय इसमें दखल दे।’’

उन्होंने कहा कि अगर जमीन की खरीद-फरोख्त में कुछ गड़बड़ हुई है तो राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और केंद्र सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करके राज्य सरकार को निर्देश देना चाहिए कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो जमीन की खरीद-फरोख्त को रद्द किया जाए।

मायावती ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने संबंधी विधेयक को संसद में पारित किए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा "हमारी पार्टी का मत है कि यह बहुत महत्वपूर्ण मामला है और इसको जल्दबाजी में संसद से पारित कराना ठीक नहीं है। संसद में पारित कराने से पहले केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती थी कि वह लोकसभा और राज्यसभा में इस पर खुली बहस कराती। हमारी पार्टी इससे सहमत नहीं है। यह मामला अति गंभीर है।"

विपक्षी पार्टियों के नेताओं के फोन टैप कराए जाने से संबंधित आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल पर मायावती ने कहा "जब केंद्र में कांग्रेस होती है तो वह भी यही काम करती है। जब भाजपा सत्ता में है तो वह भी यही काम कर रही है। इसमें कहां तक सच्चाई है यह तो मैं नहीं कह सकती हूं लेकिन जब यह आम चर्चा है कि फोन टैप हो रहे हैं तो हो सकता है कि इसमें सच्चाई हो।"

मायावती ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में अपनी पार्टी की तैयारियों का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार को बसपा के उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों के प्रभारियों तथा 75 जिलों के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में जिलेवार और उसके अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव संबंधी पार्टी की तैयारियों को लेकर सभी जरूरी पहलुओं पर गहन समीक्षा की जाएगी।

इस सवाल पर कि विपक्षी दलों के नेता जगह-जगह रैलियां कर रहे हैं ऐसे में वह खुद कब मैदान में उतरेगी मायावती ने कहा "जो लोग मैदान में इधर-उधर घूम रहे हैं उन्हें बहुत घबराहट है। जब वक्त आएगा तब आपको बता दिया जाएगा कि मैं कब निकल रही हूं।"

अयोध्या भूमि ‘‘घोटाले’’ में उत्तर प्रदेश सरकार के जांच के आदेश महज़ दिखावा : प्रियंका गांधी वाड्रा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या भूमि ‘‘घोटाले’’ में उत्तर प्रदेश सरकार का जांच का आदेश महज़ दिखावा है, साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया।

प्रियंका ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उच्चतम न्यायालय को मामले पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर उसके आदेश के बाद बनाया जा रहा है।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेताओं ने ‘‘लूट’’ मचा रखी है और वे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जिले के अधिकारियों द्वारा मामले की जांच महज दिखावा है।

राज्य सरकार ने भाजपा नेताओं और सरकारी अधिकारियों के रिश्तेदारों द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के पास कथित तौर पर जमीन हड़पने की खबरों की जांच के आदेश दिए हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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