Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

प्राइमरी शिक्षक के लिए अयोग्य ठहराए जाने पर झलका B.Ed डिग्री धारकों का दुख, बड़े प्रदर्शन की तैयारी

2018 में NCTE ने एक नोटिफिकेशन के जरिए B.Ed डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को भी प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए एलिजिबल करार दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया है।
protest
फ़ोटो साभार : ट्विटर

प्राइमरी शिक्षक भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश के बाद सोशल मीडिया पर देशभर के लाखों B.Ed डिग्री धारक इस फैसले के खिलाफ कैंपेन चला रहे हैं। लखनऊ में इन अभ्यर्थियों का धरना जारी है, तो वहीं बिहार और बंगाल जैसे राज्यों में जोरदार प्रदर्शन की तैयारी है। ये अभ्यर्थी सरकार से बार-बार अपील कर रहे हैं कि वो अध्यादेश के जरिए सर्वोच्च अदालत के इस फैसले को पलट दे। क्योंकि इससे लाखों-करोड़ो बीएड अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है, जिसकी जिम्मेदार सरकार और नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन( NCTE ) खुद है।

बता दें कि 11अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने राजस्थान हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और NCTE की अपील को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पूरे देश में शिक्षकों के लिए योग्यता निर्धारित करने वाली NCTE के 28जून, 2018के उस नोटिस को भी रद्द कर दिया जिसमें B.Ed डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को भी प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए एलिजिबल करार दिया गया था। अब इसी फैसले को लेकर देशभर के B.Edडिग्री धारक परेशान हैं और प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने की तैयारी रहे हैं।

लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन

देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की राजधानी लखनऊ के बेसिक शिक्षा निदेशक शिविर कार्याल के बाहर गुरुवार, 17 अगस्त को इन अभ्यार्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इन अभ्यार्थियों का साफ तौर पर कहना है कि सरकार ने जल्दबाज़ी में बिना सही विधिक राय के 2018 में नोटिफिकेशन निकाला था। अब इसका खामियाजा लाखों बीएड धारकों को भरना पड़ा रहा हैं। ऐसे में बीते पांच साल से इन कोर्स में शामिल लोगों का अब क्या होगा, इसकी जिम्मेदारी भी सरकार की है।

धरने पर बैठे महेश न्यूज़क्लिक को बताते हैं कि वो एक बीकॉम ग्रैजुएट हैं और उन्होंने इस 2018 के सरकारी नोटिफिकेशन के बाद ही बीएड किया था। फिर सुपरटेट में भी बैठे और सीटेट जैसी परीक्षाएं भी क्वालिफाई कीं। लेकिन अभी तक भर्ती का कुछ हुआ नहीं और अब इस नए आदेश के बाद प्राइमरी में तो बीएड वाले अप्लाई ही नहीं कर सकते। बीकॉम वालों के मीडल में विषय ही सेट नहीं बैठते, तो अब हमारे लिए इसमें कुछ बचा ही नहीं है।

महेश की तरह ही सरकारी शिक्षक की नौकरी की चाहत रखने वाले अभिषेक कहते हैं कि वो एक बीटेक ग्रैजुएट हैं। लेकिन कहीं और सरकारी नौकरी नहीं मिलने के चलते घरवालों के कहने पर उन्होंने बीएड कर लिया । फिर सुपर टेट और सीटेट की तैयारी की। कई परीक्षाएं दे चुके हैं। इस तरह अपनी जिंदगी के कई साल इस दिशा में दे चुके हैं। ऐसे में अब ये आदेश उनके लिए नई मुसीबत लेकर आया है। अब वो क्या करें, ये उनकी समझ से परे है,उनका करियर दांव पर लगा है। वो मांग करते हैं कि इन 5 सालों में जिन अभ्यर्थियों ने पुराने गैजेट के कारण बीएड में एडमिशन लिया, उन्हें इस निर्णय से छूट दी जाए।

सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट की दुविधा, नियुक्तियों पर संकट

ध्यान रहे कि आगामी 20 अगस्त को प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए सीटेट यानी सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट होना है। ये CBSE द्वारा आयोजित परीक्षा देश के विभिन्न शहरों में आयोजित की जानी है। खबरों की मानें तो इसके लिए एडमिट कार्ड भी जारी हो चुके हैं। ऐसे में B.Ed डिग्री धारक कोर्ट के फैसले के बाद अब दुविधा में हैं कि एग्जाम दिया जाए या नहीं। वहीं केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा शिक्षकों की भर्ती के लिए भी आयोजित हो चुकी परीक्षा में इन डिग्री धारकों के हाथ निराशा ही आई है।

उधर, बिहार में करीब 1.70 लाख शिक्षकों के भर्ती को लेकर बहाली परीक्षा में अब कुछ समय ही बचा है। यहां कक्षा1से 5 के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या लगभग 7.4 लाख बताई जा रही है, जिसमें से बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों की संख्या लगभग5लाख के करीब है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, इन अभ्यर्थियों की स्थिति भी असमंजस की है।

गौरतलब है कि देश में शिक्षक बनने के लिए अलग-अलग डिग्री हासिल करनी होती है। जिसमें सबसे ज्यादा मांग B.Ed और BTC है। बीते पांच सालों में कई राज्यों में B.Ed डिग्री वालों को प्राइमरी शिक्षक के तौर पर नियुक्तियां दी गई हैं। कई राज्यों में नियुक्ति की प्रक्रिया या परीक्षा चल रही है। ऐसे में अब इन सब भर्तियों का क्या होगा? इन अभ्यर्थियों का क्या होगा,जिन्होंने सालों साल इसके लिए तैयारी की,सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest