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भाजपा ने नीतीश के खिलाफ टिप्पणियां करने वाले विधान पार्षद को किया निलंबित

भाजपा एमएलसी टुन्नाजी पाण्डेय ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के चलते मुख्यमंत्री हैं।
टुन्नाजी पाण्डेय

पटना: भाजपा ने शुक्रवार को बिहार में अपने विधान पार्षद (एमएलसी) टुन्नाजी पाण्डेय को निलंबित कर दिया जिनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ की गई कथित टिप्पणियों से गठबंधन के दोनों सहयोगी दलों के बीच रिश्तों में खटास आ रही थी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पाण्डेय के निलंबन का आदेश जारी किया, जिसकी प्रतियां मीडिया को जारी की गई हैं। इससे एक दिन पहले अनुशासनात्मक समिति के प्रमुख विनय सिंह ने विधान परिषद के सदस्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

अपने पत्र में जायसवाल ने, नीतीश कुमार का नाम लिए बिना ‘‘पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करते हुए’’ टिप्पणियां करने को लेकर पाण्डेय की खिंचाई की।

जायसवाल के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, ‘‘इस (नोटिस) के बावजूद आपने अपने भाषण से एक बार फिर पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन किया जो साबित करता है कि आप अपने आप को पार्टी के दिशा निर्देशों से ऊपर समझते हैं। अत: आपको पार्टी से निलंबित किया जाता है।’’

यह कार्रवाई तब की गई है जब एक दिन पहले पाण्डेय ने कहा था कि वह तथ्य बता रहे थे। पार्टी के नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जब मुझे नोटिस मिलेगा तो मैं उसका जवाब दूंगा। ज्यादा से ज्यादा पार्टी मुझे निकाल सकती है। मैं अपना घर चलाने के लिए पार्टी पर निर्भर नहीं हूं।’’

उल्लेखनीय है कि टुन्ना पाण्डेय ने सिवान के पूर्व राजद सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा से मुलाकात के बाद टिप्पणी की।

शहाबुद्दीन का पिछले दिनों कोविड-19 की वजह से निधन हो गया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी समझे जाने वाले शहाबुद्दीन का भाजपा के साथ हमेशा विरोध रहा।

पाण्डेय ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के चलते मुख्यमंत्री हैं और यही बोलने की उन्हें सजा मिली।

पाण्डेय ने कथित तौर पर कहा था कि नीतीश कुमार एक बार जदयू के दूसरे नंबर की पार्टी और उसके बाद तीसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद मुख्यमंत्री बने, और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वे परिस्थितियों के चलते मुख्यमंत्री हैं, ये बात सच है।

बिहार विधान परिषद में पाण्डेय का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है।

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह राजद में शामिल हो सकते हैं जो विपक्ष में है लेकिन उसने विधानसभा में सबसे बड़े दल का दर्जा हासिल किया है।

भाजपा विधान पार्षद के मुख्यमंत्री के खिलाफ ‘‘अमर्यादित’’ बयान ने बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल पैदा कर दी थी।

जदयू और राजग के एक अन्य सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने इस पर नाखुशी जतायी और भाजपा से उचित कार्रवाई करने की अपील की।

बहरहाल, मुख्य विपक्षी दल राजद ने पाण्डेय का समर्थन करते हुए कहा कि वह लोगों की राय रख रहे थे।

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