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भारत-म्यांमा सीमा की बाड़बंदी करेगा बीआरओ: अधिकारी

बीआरओ के अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्व) पीकेएच सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने करीब 1,700 किलोमीटर क्षेत्र को चिह्नित किया है जहां बाड़बंदी की जानी है।
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Photo Courtesy: The Tribune India

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारत-म्यांमा सीमा के बड़े हिस्से पर बाड़बंदी करेगा और मणिपुर में 10 किलोमीटर के हिस्से पर बाड़ लगाई जा चुकी है। संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

बीआरओ के अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्व) पीकेएच सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने करीब 1,700 किलोमीटर क्षेत्र को चिह्नित किया है जहां बाड़बंदी की जानी है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि बीआरओ ने मणिपुर के मोरेह में सीमा पर 10 किलोमीटर के क्षेत्र में बाड़ लगा दी है और इस क्षेत्र को असम राइफल्स के हवाले कर दिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में कहा था कि केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि भारत-बांग्लादेश सीमा की तरह भारत-म्यांमा सीमा पर कांटेदार बाड़ लगाई जाएगी और सरकार म्यांमा के साथ मुक्त आवाजाही समझौते पर पुनर्विचार कर रही है।

म्यांमा के साथ भारत के चार राज्य- अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम 1,643 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।

सिंह ने कहा कि मणिपुर में आगे की बाड़बंदी के लिए 80 किलोमीटर क्षेत्र को चिह्नित किया गया है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) मंत्रालय को सौंप दी गई है।

बाकी 250 किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ लगाने के काम पर विचार चल रहा है और डीपीआर तैयार की जा रही है।

सिंह ने कहा, ‘‘भारत-म्यांमा सीमा की बाड़बंदी बीआरओ के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है, जो इस समय मोरेह में संचालित है। इस सीमा के आसपास का क्षेत्र लंबे समय से बिना बाड़ के था और इसके आसपास गतिविधियों की जांच की जरूरत थी।’’

उन्होंने कहा कि बीआरओ की अगले पांच वर्ष में उत्तर पूर्व क्षेत्र में करीब 30,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की दीर्घकालिक योजना है और इसमें से दो तिहाई सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में केंद्रित होंगी।

उन्होंने कहा कि बीआरओ ने इससे पहले भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का काम बीएसएफ के साथ किया था।

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