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यूएई से ट्रंप प्रशासन के हथियारों की बिक्री के सौदे को आगे बढ़ाने के बाइडन के फ़ैसले की कड़ी आलोचना

बाइडन प्रशासन ने यमन युद्ध में यूएस की भागीदारी को समाप्त करने के अपने चुनावी वादे के तहत जनवरी के अंत में 23 मिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियारों की बिक्री को निलंबित कर दिया था।
यूएई से ट्रंप प्रशासन के हथियारों की बिक्री के सौदे को आगे बढ़ाने के बाइडन के फ़ैसले की कड़ी आलोचना

मानव अधिकार और युद्ध-विरोधी कई एक्टिविसट ने संयुक्त अरब अमीरात को 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियार बेचने के ट्रम्प प्रशासन के फैसले को आगे बढ़ाने के जो बाइडन प्रशासन के फैसले की आलोचना की है। बाइडन प्रशासन ने पहले एक्टिविस्टों और देश में डेमोक्रेट्स की भारी आलोचना के बाद इस फैसले पर रोक लगा दी थी।

यमन में जारी युद्ध को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता के कारण डेमोक्रेटिक पार्टी के ज्यादातर नेताओं और एक्टिविस्टों ने इस सौदे का विरोध किया है। रिपोर्टों के अनुसार, बाइडन प्रशासन ने इस सौदे के खिलाफ डेमोक्रेट्स के बीच एक असाधारण सामंजस्य को बिखेर दिया और इस सौदे के पक्ष में आगे बढ़ने का फैसला किया।

सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन का यूएई हिस्सा है जो 2015 से यमन के खिलाफ युद्ध जारी रखे हुए है। यह यमन में नागरिकों पर हवाई हमले के साथ-साथ कई युद्ध अपराध के साथ साथ हजारों मौतों के लिए ज़िम्मेदार है। इसने देश में लाखों लोगों को आवश्यक चिकित्सा और खाद्य आपूर्ति से वंचित करते हुए यमन पर जमीनी, समुद्री और हवाई नाकेबंदी कर रखी है।

इस पर लीबिया में युद्धरत गुटों को हथियार मुहैया कराने का भी आरोप है जो संयुक्त राष्ट्र के सशस्त्र प्रतिबंधों का पूरी तरह से उल्लंघन है।

पिछले साल सितंबर में इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए तथाकथित अब्राहम के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने 18 एमक्यू 9-बी मानव रहित एरियल सिस्टम के साथ 50 एडवांस्ड एफ-35 लड़ाकू जेट बेचने के सौदे को मंजूरी दी थी।

जो बाइडन ने अपने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान यमन युद्ध में अमेरिका की भागीदारी की आलोचना की थी और सत्ता में आने के बाद इसे समाप्त करने का वादा किया था। जनवरी महीने में राष्ट्रपति के रुप में जो बाइडन के कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री को निलंबित कर दिया था। इस निर्णय का पीस एक्टिविस्टों ने स्वागत किया था।

मंगलवार के फैसले को लेकर पीस एक्टिविस्ट, युद्ध-विरोधी समूहों और यहां तक कि अमेरिका के डेमोक्रेट्स ने कड़ी आलोचना की है। इस निर्णय की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए युद्ध-विरोधी नारीवादी समूह CODEPINK की मेडिया बेंजामिन ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात को एडवांस हथियार बेचना और ठीक इसी समय यमन में युद्ध में अमेरिकी भूमिका को समाप्त करने के बारे में बात करने का कोई अर्थ नहीं है।

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