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बिहार: विपक्षी विधायकों ने मनाया "धिक्कार दिवस', समानांतर सदन चलाया, मुख्यमंत्री से माफ़ी की मांग

पूरे विपक्ष ने एक साथ आकर सदन के कार्य बहिष्कार किया और विरोध स्वरूप विधानसभा परिसर में ही एक समानांतर सदन का संचालन किया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि अगर दोषी पुलिस वालों पार कार्रवाई नहीं होती और मुख्यमंत्री ख़ुद माफ़ी नहीं मांगते तो वो और पूरा विपक्ष बाकी बचे विधानसभा समय का बहिष्कार करेंगे।
बिहार: विपक्षी विधायकों ने मनाया "धिक्कार दिवस', समानांतर सदन चलाया, मुख्यमंत्री से माफ़ी की मांग

23 मार्च आज़ादी के आंदोलन के नायक भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस और प्रखर समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस के रूप याद किया जाता है। लेकिन अब शायद यह दिन बिहार के इतिहास में काले दिवस के रूप याद किया जाएगा।

कल यानी 23 मार्च 2021 को बिहार विधानसभा में जो कुछ हुआ वो सिर्फ़ शर्मनाक ही कहा जा सकता है उससे कम कुछ भी नहीं। विपक्ष के विधायकों को जिस तरह सदन के भीतर में लात-घूसों-डंडो से पीटा गया। जिस तरह महिला सदस्यों को बाल से पकड़कर घसीटा गया वो तस्वीर देख हर किसी का सर शर्मिंदगी से झुक गया। लेकिन इसके बाद भी सत्ता या सरकार ने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी भी उचित नहीं समझा है इस पूरी घटना के लिए विपक्ष को ही दोषी ठहरा दिया।

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इस पूरी घटना के विरोध में पूरा विपक्ष एकजुट होकर विरोध कर रहा है और आज 24 मार्च को विपक्षी सदस्यों ने धिक्कार दिवस मनाया। इसके साथ ही सदन के कार्य का बहिष्कार किया और विरोध के रूप में विधानसभा परिसर में ही एक समानांतर सदन का संचालन किया।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मीडिया से बात करते हुए सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और इसे लोकतंत्र की हत्या और तानशाही कहा। उन्होंने चेतावनी देते हुए सरकार से कहा अगर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती और मुख्यमंत्री खुद माफ़ी नहीं मांगते तो वो और पूरा विपक्ष बाकी बचे विधानसभा समय का बहिष्कार करेंगे।

ज्ञात हो कि पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने के प्रावधान वाला एक विधेयक बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई थी। विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलाया गया।

विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर विधानसभा में हंगामा कियाजिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित हुई थी।

तेजस्वी यादव ने मंगलवार की घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि पूरा विपक्ष अगले साल तक सदन का बहिष्कार करेगा इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री को निर्लज्ज कुमार का नाम देते हुए कहा कि वे जान लें कि मेरा नाम तेजस्वी यादव है। विधानसभा में महिला विधायकों की बर्बर पिटाईगालियां और उनके साथ दुर्व्यवहार को कभी नहीं भुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में घटी शर्मनाक घटना के बाद नीतीश कुमार नृत्य-संगीत का आनंद उठा रहे थे, लेकिन तेजस्वी यादव और बिहार की जनता इस घटना को भूलने वाली नहीं है।

सीपीएम के विधायक सतेंद्र यादव जिन्हे मंगलवार को पुलिस बल द्वारा सदन के भीतर बुरी तरह से पीटा गया था, वो तस्वीर सबके सामने आई जब सुरक्षा बल के कई जवान उन्हें घसीट कर ले जाते दिखे। यह तस्वीर अपने आप में बेहद भयावह कही जाएगी क्योंकि लाखों लोगों द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि को पुलिस घसीटकर ले जा रही थी।

सतेंद्र यादव से जब मीडिया ने पूछा आपको बुरी तरह पीटा गया है, इस पर उन्होंने कहा मुझे नहीं मारा गया बल्कि लोकतंत्र की हत्या हुई है।

इसी तरह भाकपा-माले के युवा विधायक अजित कुशवाहा भी आज बाकी विपक्षी विधायकों के साथ विधानसभा परिसर में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कल की घटना पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल सदन में लोकतंत्र को बूट से कुचलने का प्रयास किया गया।

आपको बता दें कि विधानसभा बजट सत्र का आज यानी 24 मार्च को अंतिम दिन था। सत्ता पक्ष बिना विपक्ष के विधानसभा की कार्यवाही जारी रखे रखा, जबकि दूसरी तरफ विपक्षी विधायकों ने समानान्‍तर सत्र चलाया। उन्‍होंने विधानसभा में अपने उपाध्‍यक्ष पद के उम्‍मीदवार भूदेव चौधरी को अध्‍यक्ष चुन लिया है।

विधायक अनीता देवी को भी पुलिस बल द्वारा मंगलवार को बुरी तरह से पीटा गया था। वो पूर्व राज्य मंत्री रही हैंउनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने तो यहां तक बताया कि पुलिस बल जब उन्हें खींच रहा था तब उनकी साड़ी भी खुल रही थी। इसके बाद भी पुलिस के जवान उन्हें घसीटते रहे। आज वो पैर में पट्टी बांधकर आई हैं। उनका कहना है कि पुलिस की मारपीट में उनका पैर टूट गया है।

राज्यसभा में बिहार विधानसभा का मामला राजद ने उठाना चाहाआसन ने नहीं दी अनुमति

राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल (राजदके एक सदस्य ने बिहार विधानसभा में हुए हंगामे और विपक्षी दलों के विधायकों को सदन से बाहर निकालने के दौरान हुए दुर्व्यवहार का मामला उठाना चाहा लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसे राज्य का विषय बताते हुए इसकी अनुमति नहीं दी।

अन्नाद्रमुक के सदस्य ए मोहम्मद जान को श्रद्धंजलि देने के बाद सुबह सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी थी। जब पूर्वाह्न करीब 11 बजे बैठक फिर शुरू हुई तो सभापति ने वित्त विधेयक पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम पुकारा।

इसी बीचराजद के मनोज झा ने बिहार विधानसभा की घटना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘बिहार में कल ‘जघन्य’ अपराध हुआ है। एक सदन में लोकतंत्र तार-तार हुआ है। महिला विधायकों के साथ दुर्व्यवहार हुआजो कहीं से भी उचित नहीं है।’’

इस पर सभापति ने कहा कि इस विषय पर झा की ओर से दिए गए नोटिस को उन्होंने देखा है लेकिन चूंकि यह राज्य का विषय हैइसलिए यहां नहीं उठाया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘विषय को राज्य में उठाइए।’’

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यदि किसी राज्य में ‘‘अन्याय’’ हुआ है तो चर्चा की जा सकती है।

उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि वह राजद सदस्य को इस विषय को उठाने की अनुमति दें।

सभापति नायडू ने कहा, ‘‘कल कुछ सदस्य महाराष्ट्र का विषय उठाना चाह रहे थेआज आप बिहार का विषय उठाना चाहते हैं और कल कोई और विषय उठाएगा।’’

सोशल मीडिया से लेकर दिल्ली के सत्ता के गलियारे तक रही इस घटना की गूंज

बिहार विधानसभा में हुई शर्मनाक घटना की पूरे देश में निंदा हुई। सोशल मीडिया ट्विटर पर भी लाखों की संख्या में लोगों ने ट्वीट किए। लंबे समय तक नीतीशकुमार_शर्म_करो ट्रेंड होता रहा। जबकि संसद के उच्च सदन में भी राजद के सांसद ने इसे उठाने का प्रयास किया।

कांग्रेस ने पुलिस को कथित तौर पर बिना वारंट के गिरफ्तारी की विशेष शक्ति देने के प्रावधान वाले एक विधेयक को लेकर बिहार विधानसभा में हुए हंगामे पर बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरएसएस भाजपा मय हो गए हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों’ को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने ट्वीट किया, " बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह आरएसएस भाजपा मय हो चुके हैं।कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, " लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार चलाने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा हम नहीं डरते!"

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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