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बिहार: ‘महाबैठक’ में दिखी ‘विपक्षी एकता’... साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से एकजुटता का संदेश

देशभर के राजनीतिक दलों ने आज बिहार में महाबैठक की, जिसमें 15 दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए। इस बैठक के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, फिलहाल बैठक का दूसरा चरण हिमाचल के शिमला में होगा, जिसकी तारीख अभी तय नहीं है।
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फ़ोटो साभार: ट्विटर

2024 के लोकसभा चुनाव को अब एक साल से भी कम बचा है, ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने रणनीतियां बनानी शुरु कर दी हैं। इसी के तहत आज 15 विपक्षी दलों ने बिहार के पटना में महाबैठक की। घंटों चली इस महाबैठक में एकजुटता पर विचार किया गया। इस दौरान तय किया गया कि कैसे भाजपा के खिलाफ रणनीतियां तैयार की जाएं, ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में उन्हें सत्ता से बेदखल किया जा सके।

इस बैठक को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बुलाया गया था, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में पं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एम के स्टालिन,  दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राघव चड्ढा, संजय सिंह, लेफ्ट से डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, सीताराम येचुरी और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती के अलावा फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला पहुंचे। इसके अलावा एनसीपी से शरद पवार, सुप्रीया सुले, शिवसेना(यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राऊत, जेएमएम के हेमंत सोरेन, संजय झा, ललन सिंह और आरजेडी  के तेजस्वी यादव और लालू यादव भी बैठक में शामिल हुए।

घंटों चली बैठक में फैसला किया गया कि ये पहले चरण की बैठक हुई है, अभी दूसरे चरण की बैठक होनी बाकी है, जो हिमाचल प्रदेश के शिमला में आयोजित की जाएगी। हालांकि बैठक के दूसरे चरण की तारीख अभी तय नहीं है।

बैठक के बाद सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसकी शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबका स्वागत करते हुए की।

नीतीश कुमार ने कहा कि एक साथ चलने की बात हुई है। एक साथ चुनाव लड़ने की सहमति बन गई है। अगली मीटिंग सब पार्टियों की एक और जल्द की जाएगी। इस मीटिंग में अंतिम रूप दिया जाएगा, कौन कहां से, कैसे लड़ेगा।    

नीतीश कुमार ने अपनी बात खत्म करने के बाद राहुल गांधी से बोलने के लिए कहा, लेकिन राहुल ने मल्लिकार्जुन ख़ड़गे से पहले बोलने का आग्रह किया। जिसके बाद मल्लिकार्जुन खड़ने ने कहा कि "विपक्ष की बैठक में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के नाम हैं, सभी नेता एक होकर आगे चुनाव लड़ने के लिए एक कॉमन एजेंडा तैयार कर रहे हैं। 10 या 12 जुलाई (जो तय नही है) को शिमला में हम मिल रहे हैं, वहां एक एजेंडा तैयार किया जा रहा है। बिहार में क्या होना चाहिए, यूपी में क्या होना चाहिए, रणनीति तैयार होगी। एकजुट होकर 2024 की लड़ाई हम को लड़ना है। भाजपा को सत्ता से बाहर करना है, इसमें हम जरूर कामयाब होंगे।

इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, हिंदुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है। भाजपा-आरएसएस आक्रमण कर रही है। मैंने मीटिंग में कहा कि हम सब एक साथ खड़े हैं। सभी पार्टी में थोड़े-थोड़े डिफ्रेंसेज है, लेकिन एक साथ काम करेंगे। आज जो बातचीत की है, उसे अगली मीटिंग में और आगे बढ़ाएंगे।

राहुल गांधी के बाद पं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बहुत अच्छे तरीके से मीटिंग का आयोजन किया है। पटना से ही जनआंदोलन शुरू होता है। दिल्ली में कई बार मीटिंग हुई, लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। आज की मीटिंग में तीन चीजें क्लियर हुई। पहला हम एक है। दूसरी हम एक साथ लड़ेंगे। तीसरी जो भी पॉलिटिकल एजेंडा भाजपा लाए, हमलोग साथ मिलकर उसका विरोध करेंगे। आग इतिहास का बड़ा दिन है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विपक्ष की बैठक को फासीवादी और निरंकुश शासन के खिलाफ "युद्ध घोष" करार दिया है, द्रमुक प्रमुख अपने यह बयान बैठक में शामिल होने से पहले दिया। उन्होंने कहा कि कोई आश्चर्य नहीं कि सामाजिक न्याय की भूमि से इस फासीवादी, निरंकुश शासन को खत्म करने और एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक भारत के पुनर्जन्म के लिए एकजुट विपक्ष हो रहा है।

जम्मू-कश्मीर से आईं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जो मुल्क के अंदर हो रहा है और हमारे लोकतंत्र, संविधान, सेक्युलरिज्म पर हमला हो रहा है उसका प्रयोगशाला हमारा जम्मू-कश्मीर बन चुका है, इसकी शुरूआत जम्मू-कश्मीर से हुई है और पूरे मुल्क में वहीं हो रहा है जो हमारे साथ हुआ है। हमने जिस महात्मा गांधी, नेहरू के मुल्क के साथ हाथ मिलाया है वही आइडिया ऑफ इंडिया है, उन्होंने कहा कि हम गांधी के भारत को गोडसे का देश नहीं बनने दे सकते।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इतने लोगों को इकट्ठा करना छोटी बात नहीं है, हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं है। यह उसूलों, विचारधारा, सोच, इरादों की लड़ाई है। मैं और महबूबा मुफ्ती इस मुल्क के ऐसे बदनसीब इलाके से ताल्लुक़ रखते हैं जहां लोकतंत्र का दिनदहाड़े कत्ल किया जा रहा है, वज़ीर-ए-आज़म को व्हाइट हाउस में लोकतंत्र की बात करते हुए अच्छा लगा लेकिन यह लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर तक क्यों नहीं पहुंचता?

इसके अलावा बाकी नेताओं ने भी अपनी-अपनी बातें रखीं और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की अपील की।

आपको बता दें कि बैठक से पहले अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच रार देखी जा रही थी, जिसमें केजरीवाल की पार्टी की ओर से कहा गया था कि बैठक से पहले कांग्रेस के अध्यादेश पर उन्हें समर्थन देना होगा। हालांकि ऐसी कोई बात नहीं होगा। शायद यही कारण रहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के दूसरे मुख्यमंत्री भगवत मान बैठक में तो शामिल हुए लेकिन साझा प्रेस कॉफेंस में दिखाई नहीं दिए।

उधर मीटिंग शुरु होने से पहले कई बड़े नेताओं का नीतीश कुमार ने ख़ुद पटना एयरपोर्ट जाकर स्वागत किया, इसके अलावा मीटिंग से एक दिन पहले पटना पहुंचने के बाद सबसे पहले ममता बनर्जी राबड़ी आवास पहुंची थीं। यहां उन्होंने लालू यादव से पैर छूकर आशीर्वाद लिया। हालांकि, उन्होंने बैठक में एजेंडा के सवाल पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हम लोग इकट्ठा होकर चुनाव लड़ेंगे। एक के खिलाफ एक लड़ेंगे।

बैठक से पहले ही बिहार में पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। महागठबंधन की तरफ से जहां विपक्षी दलों के स्वागत के पोस्टर लगाए गए हैं तो वहीं भाजपा की तरफ से पोस्टर लगाकर तंज कसते हुए विपक्षी नेताओं को ठग्स ऑफ हिन्दुस्तान कहा है। ये पोस्टर इनकम टैक्स गोलंबर और BJP कार्यालय के बाहर लगाए गए हैं।

पोस्टर में कई तरह के तंज भी कसे गए हैं। जैसे- एक पोस्टर में लिखा गया- हल्ला है हर ओर, बिहार में मिलेंगे सारे चोर' वहीं दूसरे पोस्टर में लिखा गया है 'लोकतंत्र के हत्यारे, आज किस मुंह से जेपी की धरती पर आ रहे हैं? क्या देश में फिर से इमरजेंसी लगाना चाहते हैं?

फिलहाल अब मीटिंग के दूसरे चरण के लिए इंतज़ार करना होगा, क्योंकि कभी होगा कि विपक्ष के नेतृत्व किसके हाथों में होगा, या कौन संयोजक बनेगा।

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