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चुनाव, COVID-19 और फ़ासीवादी दमन को लेकर बोलीविया के राष्ट्रपति पद के समाजवादी उम्मीदवार लुइस एर्स की बेबाक राय

लुइस एर्स कैटाकोरा बोलिविया के मूवमेंट फॉर सोशलिज्म पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। उन्होंने, COVID-19 के बहाने चुनावों को स्थगित करने, तख़्तापलट के बाद वाली सरकार की आर्थिक नीतियों और उनकी अपनी पार्टी की अख़्तियार की जाने वाली योजना पर अपने नज़रिये को खुलकर रखा।
Bolivia

बोलीविया में तख़्तापलट के पांच महीने बाद, लुइस एर्स, इवो मोरालेस की पार्टी मूवमेंट फॉर सोशलिज्म (एमएएस) की तरफ़ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। पत्रकार,ओलिवर वर्गस ने उनसे तख़्तापलट के बाद की शासन व्यवस्था, कोरोनावायरस से निपटने और चुनाव में देरी होने का मतलब वामपंथियों के सत्ता में लौटने जैसे सवालों को लेकर साक्षात्कार किया है।

जैसे ही लैटिन अमेरिका में कोरोनोवायरस संक्रमण की पहली लहर आयी थी, इस पूरे महाद्वीप में विभिन्न सरकारें जवाबी कार्रवाई करनी शुरू कर दी थीं। लेकिन, जैर बोल्सोनारो के नेतृत्व वाले ब्राज़ील के साथ-साथ  बोलीविया अपनी जवाबी कार्रवाई करने में असक्षम रहा,क्योंकि इस दौर में भी बोलीविया निष्क्रियता और दमन का ही इस्तेमाल कर रहा है। पिछले नवंबर में सैन्य तख़्तापलट के बाद से देश में संकटग्रस्त राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इसे लेकर शायद कोई आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए।

इवो मोरालेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने के बाद के महीनों में तख़्तापलट के साथ आयी सरकार ने क्यूबा के सैकड़ों डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को देश से बाहर कर दिया, रूस और चीन के साथ सहयोग के स्तर को काफ़ी हद तक कम कर दिया, और मोरालेस प्रशासन के तहत शुरू की गयी एकीकृत स्वास्थ्य प्रणाली (सिस्टेमा यूनिको डी सालुड) जैसी बड़े पैमाने वाली स्वास्थ्य देखभाल परियोजनाओं को रोक दिया। तख़्तापलट के बाद बोनो जुआनिटो पिंटो, बोनो जुआना अज़ुर्डी और रेंटा डिग्निडेड नकद हस्तांतरण योजनाओं जैसे कई सामाजिक कार्यक्रमों  में या तो बहुत हद तक कटोती कर दी गयी है या प्रभावी रूप से उन्हें बंद कर दिया गया है।

इसी दरम्यान प्रशासन ने इस संकट का इस्तेमाल एक अधिनायकवादी सख़्त कार्रवाई को आगे बढ़ाने में किया है। जबकि कर्फ़्यू और क्वारंटाइन उपायों का उल्लंघन करने वाले को 10 साल तक के कारावास दिये जाने के ख़तरे का सामना करना पड़ सकता है, सरकार ने श्रमिकों के लिए वित्तीय सहायता या नौकरी की सुरक्षा की गारंटी के लिए कुछ भी नहीं किया है। इससे अल ऑल्टो और ओरुआरो के उपनगरों में  सभी मज़दूर वर्ग के बीच दंगे हुए हैं और कम से कम 1,200 गिरफ्तारियां हुईं हैं। यह सब पिछले कुछ महीनों में मोराल के सोशलिज्म फ़ॉर मूवमेंट (एमएएस) के सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताओं और लड़ाकों के उत्पीड़न के अलावे हुआ है।

इसका असर राष्ट्रपति चुनाव को फिर से कराये जाने की योजना पर भी पड़ा है। बोलीविया के सुप्रीम इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल (TSE) की अध्यक्षता में अब दक्षिणपूर्वी रोमेरो, जो कि दक्षिणपंथी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कार्लोस मेसा के जाने-माने सहयोगी हैं, उन्होंने जुलाई या अक्टूबर में चुनाव को किसी अज्ञात तारीख़ तक के लिए स्थगित करने का फ़ैसला किया है। इससे बोलीविया के पहले से ही खंडित चुनावी परिदृश्य और जटिल बन जाता है, जहां एमएएस अब भी  प्रमुख पार्टी बनी हुई है। COVID-19 के प्रकोप से पहले के कुछ सप्ताहों में कराये गये अधिकांश सर्वेक्षणों में MAS उम्मीदवार लुइस एरेस कैटेकोरा की बढ़त को दिखाया था, जिसका कि पहले दौर के वोट के लगभग 33% पर कब्जा था,यह बढ़त मेसा और तख़्तापलट करने वाले नेता,जीनिन अनेज़ दोनों पर 15% से अधिक की थी।

लुइस एर्स कैटाकोरा, जिन्हें आमतौर पर "लुचो" के रूप में जाना जाता है, 2006 से नवंबर 2019 में हुई तख्तापलट तक मोरेल की सरकार में वित्त मंत्री थे (2018 में स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय के लिए सरकार से बाहर रहे)। इस भूमिका में उन्होंने हाइड्रोकार्बन उद्योग के राष्ट्रीयकरण, कई सामाजिक कार्यक्रमों की शुरुआत, अर्थव्यवस्था के "सामाजिक-लोकप्रिय" क्षेत्र को मान्यता और बोलीविया के औद्योगिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत पर अपनी सख़्त नज़र बनाये रखी थी।

प्रस्तुत है कोचाबम्बा में देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा को लेकर पत्रकार ओलिवर वर्गास के साथ उनकी बातचीत :

ओलिवर वर्गस: राष्ट्रपति चुनाव से पहले कई लोग एमएएस की जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। लेकिन, क्या इसे जीतने दिया जायेगा और क्या ये चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हो पायेंगे ?

लुइस एर्स: सबसे पहले तो मुझे यह कहना चाहिए कि यह अभियान पिछले अभियान से पूरी तरह से अलग है। हमें कई कारकों से निपटना होगा,जिनमें डी फ़ैक्टो (यानी,तख़्तापलट पश्चात्) सरकार, मीडिया, सर्वोच्च चुनावी अदालत और उसके सभी नियम शामिल हैं। यही कारण है कि हम एक बहुत कठिन अभियान का सामना कर रहे हैं।

हालिया मतदान में हम 15% से अधिक की बढ़त बनाये हुये हैं, लेकिन हमारा मानना है कि इस लड़ाई के आख़िर में व्यावहारिक रूप से हमारी ही एकमात्र उम्मीदवारी बचेगी। ऐसा क्यों है ? बहरहाल, हर कोई इसके बारे में बात तो कर ही रहा है। उन्होंने कहा था कि एमएएस तो पिछले साल ही ख़त्म हो गयी थी और इसकी वापसी अब कभी भी नहीं होगी। लेकिन, चार महीने से भी कम समय में एमएएस चुनावी सर्वेक्षणों में आगे है और हमें यक़ीन है कि हम ये चुनाव जीतेंगे।

ओलिवर वर्गस: क्या आप स्वतंत्र और खुले तौर पर प्रचार करने में सक्षम हैं ? सरकार द्वारा आप पर झूठे आरोप लगाये गये हैं। एंड्रोनिको रॉड्रिग्ज जैसे दूसरे उम्मीदवार भी आरोपों का सामना कर रहे हैं।

लुइस एर्स: बेशक, इस सरकार के तहत चल रहा यह समय हमारे लिए ज़्यादा मुश्किल है। यह सरकार उन सभी लोगों पर (सताने के लिए) नज़र रख रही है, जिनमें एमएएस और पूर्व राष्ट्रपति ईवो, पूर्व सरकार में शामिल(सदस्यों) से  लेकर वे लोग तक शामिल हैं, जिन्होंने उनके साथ और सामाजिक आंदोलनों के सदस्यों के साथ काम किया है। उन पर कई चीज़ों के लिए भी आरोप लगाये जा रहे हैं, उनपर मुकदमें भी चलाये जा रहे हैं और ऐसी और भी कई चीज़ें हो रही हैं। ऐसे में हमारे लिए एक स्वतंत्र अभियान चला पाना बहुत कठिन है। हम उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, हम निगरानी का भी सामना कर रहे हैं, और जो लोग आप पर और जो कुछ आप कर रहे हैं,उस पर नज़र रख रहे हैं, वह आपके परिवार पर भी नज़र रख रहे है। यह हमारे लिए बहुत ही कठिन हालात हैं,लेकिन हम इनका बहुत अच्छे तरीक़े से सामना कर रहे हैं।

ओलिवर वर्गस: अब चिंता इस बात की है कि क्या चुनाव आगे हो पायेंगे। चुनावों को स्थगित करने की बहुत चर्चा है, और सरकार इन चुनावों को स्थगित करने या रद्द करने के लिए अब कोरोनवायरस वायरस का इस्तेमाल करना चाहेगी, जिन चुनावों में इस वक्त एमएएस आगे दिख रही है।

लुइस एर्स: उन्होंने इस वायरस को देश में आने दिया और इसे लेकर उन्होंने कुछ  किया नहीं। अब चूंकि वायरस यहां आ चुका है, तो वे कुछ ऐसे क़दम उठा रहे हैं,जो किसी भी तरह से मददगार नहीं होने वाले हैं, और लोग ख़तरे का सामना कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि वे संक्रमण से बचाने को लेकर कोई अच्छा काम कर पा रहे हैं...

दूसरी चीज़,जो मुझे बहुत परेशान करती है, वह है अर्थव्यवस्था। हर दिन यह लुढ़कती जा रही है। कोई नौकरी नहीं है, कोई आय नहीं है और अर्थव्यवस्था में कोई गतिविधि भी नहीं है। ऐसा नहीं कि ये हालात सिर्फ़ वायरस के कारण है, बल्कि इसलिए हैं,क्योंकि पिछले साल उन्होंने हमारे मॉडल की जगह नवउदारवाद को अपनाना शुरू कर दिया। और यह नवउदारवाद लोगों के लिए अच्छा नहीं रहा है।

लेकिन, सरकार कोरोनोवायरस का इस्तेमाल पिछले साल से उन सभी चीज़ों को सही ठहराने के लिए एक बहाने के रूप में कर रही है-इसलिए इन दोनों चीज़ों को अलग करके देखना बहुत ज़रूरी है। पिछले साल शुरू हुई आर्थिक समस्याओं (के प्रभाव) को अब महसूस किया जा रहा है और चर्चा करने से बचने के लिए वायरस का इस्तेमाल एक बहाने के रूप में किया जा रहा है। एक तरह से, यह एक अच्छा बहाना है, क्योंकि इस समय हर कोई वायरस की समस्या से चिंतित है।

ओलिवर वर्गस: वास्तव में, आर्थिक समस्याओं को मोड़ते हुए मौजूदा राष्ट्रपति, उस सैमुअल डोरिया मेडिना के साथ चल रहे हैं, जो पिछली सरकारों में मंत्री थे। उनकी आर्थिक परियोजना क्या है ?

लुइस एर्स: उन्होंने नवउदारवादी नीतियों के अलावा कुछ भी लागू नहीं किया है और हमारे (MAS) जैसे किसी अन्य मॉडल को वे जानते-समझते ही नहीं हैं। अगर वे जीत जाते हैं, तो आगे बाज़ार को मुक्त कर दिया जायेगा,यही वह उपाय है,जो वे कर सकते हैं। कोई शक नहीं कि वे निजीकरण की ओर लौटेंगे, जिसमें कॉर्पोरेट के पास बहुत पैसे बनाने के मौक़े होंगे और बहुत सारे लोग ग़रीबी का सामना कर रहे होंगे। यह सबकुछ वैसा ही है,जैसा कि बोलीविया में नवउदारवादी काल के दौरान 1980 और 1990 के दशक में हुआ था। मुझे नहीं लगता कि उन्होंने अपना विचार बदल दिया है।

अगर वे इस दौरान चीज़ों का निजीकरण करते हैं, तो हमें निश्चित रूप से उनका फिर से राष्ट्रीयकरण करना होगा। यदि कोई निजीकरण नहीं होता है, तो हम अपने सामाजिक कार्यक्रमों के लिए पैसे की गारंटी देने में सक्षम होंगे, क्योंकि ये कार्यक्रम केवल करों पर आधारित नहीं होते हैं, बल्कि उन सार्वजनिक कंपनियों से प्राप्त आय पर भी निर्भर होते हैं, जो 2006 (जब मोरालेस का पहला कार्यकाल शुरू हुआ था) से हमारे पास हैं। हमारे पास मौजूद सभी सामाजिक कार्यक्रमों की गारंटी के लिए हमें सार्वजनिक कंपनियों और ठोस कर राजस्व की भी आवश्यकता है।

ओलिवर वर्गस: और लिथियम मुद्दे के बारे में आपका क्या कहना है ? क्या सरकार बोलीविया के लिथियम भंडार के निजीकरण करने की प्रक्रिया में है ? अगर उनका निजीकरण किया जाता है, तो निश्चित रूप से उनका फिर से राष्ट्रीयकरण कर पाना आसान नहीं होगा।

लुइस एर्स: ऐसे तो हम यह नहीं जानते कि वे हमारे लिथियम के साथ क्या करना चाहते हैं, लेकिन इतना तो साफ़ है कि वे कुछ अमेरिकी कंपनियों के साथ इस पर बातचीत कर रहे हैं। लेकिन,इसकी परवाह किए बिना, हमें यह गारंटी देनी होगी कि हमारे यहां (देश) की कंपनी के साथ बोलीविया के भीतर लिथियम का औद्योगीकरण किया जाये। इसका मतलब लोगों के लिए रोज़गार पैदा करना है और हमें मूल्यवर्धित आय हासिल करना है, न कि कच्चे माल के रूप में लिथियम का निर्यात करना है। इसलिए, हम अपने पास मौजूद सभी प्राकृतिक संसाधनों के औद्योगीकरण की अपनी नीति को जारी रखेंगे।

ओलिवर वर्गस: प्राकृतिक गैस के औद्योगीकरण प्रक्रिया में कुछ प्रगति हुई है। बोलीविया परिष्कृत गैस का शुद्ध आयातक हुआ करता था, लेकिन अब क्या स्थिति है ?

लुइस एर्स: अब हमारे पास एक यूरिया और अमोनिया संयंत्र है, जिसे हमने चार साल पहले खोला था। हमें इसे और बेहतर बनाना होगा और एक मूल्य वर्धित उत्पाद यानी यूरिया का और अधिक निर्यात करना होगा, और हमारे दिमाग़ में उन सभी प्राकृतिक संसाधनों के औद्योगीकरण के लिए अनेक परियोजनायें,जो इस समय हमारे पास हैं। हम अपनी उसी नीति को जारी रखेंगे,जिस पर हम पहले से ही चलते रहे हैं।

ओलिवर वर्गस: पिछले 14 वर्षों में बोलीविया ने आर्थिक विकास का एक उल्लेखनीय स्तर हासिल किया था, इस विकास ने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा था। क्या प्राकृतिक संसाधनों के औद्योगीकरण का कोई लक्ष्य है ? अगर तख़्तापलट नहीं होता,तो देश कितना आगे बढ़ा होता ?

लुइस एर्स: इस मॉडल का आधार प्राकृतिक संसाधनों का राष्ट्रीयकरण करना, उनसे फ़ायदा उठाना और फिर उन फ़ायदों को लोगों के बीच बंटवारा करना है। लेकिन,राष्ट्रीयकरण के अलावा एक और तत्व भी है, और वह है- प्राकृतिक संसाधनों का औद्योगीकरण। इसी से हमें और  ज़्यादा आय प्राप्त होता है और इसलिए, बोलीविया में पुनर्वितरण की प्रक्रिया को जारी रखना होगा। (मोरेल की सरकार से पहले की सरकार द्वारा अपनाये गये मॉडल से) मौजूदा मॉडल के परिणाम  बहुत बेहतर थे।

ओलिवर वर्गस: जब आप वित्त मंत्री थे, तो आपको कई अलग-अलग देशों के साथ काम करना पड़ता रहा होगा, कई अलग-अलग व्यापार समझौते के खाके भी खीचने पड़ते होंगे। रूस और चीन जैसे देशों की तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ आपका अनुभव किस तरह का था ? क्या उन्होंने अपना अधिक न्यायसंगत सहयोग दिया ?

लुइस एर्स: ठीक है कि हम मुक्त बाज़ार में विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत कम हद तक ही सही,मगर मुक्त बाज़ार तो है ही। हम उन व्यापार समझौतों में विश्वास करते हैं,जो सिर्फ़ मुक्त बाजारों पर आधारित समझौतों के बजाय लोगों को फ़ायदा पहुंचाने वाले होते हैं, क्योंकि मुक्त बाज़ार में तो क़ीमत ही अर्थव्यवस्था में सब कुछ निर्धारित करती है।

हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका मुक्त बाज़ारों और मुक्त व्यापार समझौतों से कम कुछ भी नहीं चाहता। इसके उलट, चीन, रूस और दूसरे देश, व्यापार, निवेश, पर्यटन आदि क्षेत्र में अन्य प्रकार के समझौते करना पसंद करते हैं। इसलिए, बोलीविया की अर्थव्यवस्था के लिए जिस तरह से अन्य देशों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के समझौते  हैं,उसकी तुलना में इन देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते करना ज़्यादा फ़ायदेमंद है। इसके बावजूद, (तख़्तापलट के बाद आने वाली सरकार) ने इस प्रकार के रूसी और चीनी निवेशकों को बाहर करने का प्रयास किया है। हमने अल अल्टो में परमाणु संयंत्र के साथ हुए घटनाक्रम को देखा है।

ओलिवर वर्गस: नयी सरकार के शुरुआती क़दमों में बोलिविया की विदेश नीति को बदलना, क्यूबा और वेनेजुएला जैसे लैटिन अमेरिकी सहयोगियों से दूर होना, और संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़रायल जैसे देशों की ओर रुख़ करने जैसे क़दम शामिल थे। क्या इसे फिर से पलटा जा सकेगा ?

लुइस एर्स: हां,बिल्कुल। हम उस पूरी विदेश नीति को बदलने जा रहे हैं,जो इस समय मौजूद है और उस नीति की ओर लौटने जा रहे हैं,जो हमारे पास पहले से रही है, और वह नीति बोलीविया के लिए बहुत उपयोगी रही है। हम मौजूदा नीति को बदलने और पहले हुई संधियों और समझौतों पर वापस लौटने की ज़रूरत को लेकर हम पूरी तरह स्पष्ट हैं।

मौजूदा सरकार ने इस मामले में बहुत गड़ब़ड़ किया है। हमें क्यूबा और चीन के साथ रिश्तों की ज़रूरत है।इस समय वायरस के लिहाज से वे चिकित्सा के क्षेत्र में जो कुछ कर रहे हैं,उस पर ग़ौर कीजिए। उन्होंने शोध किया है और उनके पास दवायें हैं। इसलिए हमें क्यूबा और चीन के साथ काम करने में कहीं ज़्यादा ख़ुशी होगी। लेकिन,यह सरकार ऐसा नहीं कर सकती,क्योंकि उस सरकार ने इनसे अपने रिश्ते तोड़ लिये हैं।

ओलिवर वर्गस : एमएएस के 13 वर्षों के कार्यकाल को देखते हुए, क्या आपको लगता है कि कुछ ऐसे क्षेत्र थे, जहां कुछ दूसरी तरह के सुधार की गुंज़ाइश हो सकती थी,या वे चीजें हो सकती थीं, जो नवंबर में होने वाली तख्तापलट को रोक सकती थीं ?

लुइस एर्स: मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही जटिल प्रश्न है,क्योंकि जो कुछ हुआ,उसे रोकने या उससे बचने के लिए ऐसी कई चीज़ें थीं,जिसे कर सकते थे। उदाहरण के लिए, यह बहुत साफ़ है कि महज अर्थव्यवस्था लोगों के लिए पर्याप्त नहीं होती है। हम पर्याप्त काम नहीं कर पाये(जितना कि हमें करना चाहिए था), इसलिए हमें कुछ (उससे परे भी) राजनीतिक शिक्षा  की ज़रूरत तो है ही। हम सिर्फ़ अर्थव्यवस्था पर काम कर रहे थे, लेकिन यह तो साफ़ है कि अर्थशास्त्र और राजनीतिक विचार,दोनों को हाथों में हाथ मिलाकर चलना चाहिए।

लुइस एर्स,इवो मोराले की सरकार में वित्तमंत्री (2006-2019) थे और बोलीविया में होने वाले चुनावों में मूवमेंट फ़ॉर सोशलिज्म (एमएएस) की तरफ़ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।

(ऑलिवर वर्गस,बोलिविया के रेडियो कवचुन कोका के लिए काम करते हैं और एक पत्रकार है।)

(इस साक्षात्कार को डेनिस रोगाट्युक ने संपादित किया था। यह लेख इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टिट्यूशन की एक परियोजना, ग्लोबेट्रॉटर की तरफ़ से प्रस्तुत किया गया था।)

स्रोत : इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टिट्यूशन

सौजन्य: पीपुल्स डिस्पैच

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल लेख को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

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