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बुल्गारिया चुनाव: सख़्त सर्दी से पहले मतदाताओं का रुझान क्या है?

बुल्गारिया में 18 महीने में चौथी बार चुनाव होने जा रहे हैं। लेकिन इस बार यह चुनाव बेहद अलग हैं। यूक्रेन में युद्ध जारी है, मुद्रास्फीति भी क़ायम है, बिजली की कीमतें बढ़ रही हैं साथ ही रूस-समर्थक और यूरोप-समर्थक गुटों के बीच दरार भी बढ़ रही है।
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"हम अपना काम ख़त्म करना चाहते हैं"। वी कंटिन्यू द चेंज (पीपी) पार्टी का ये आदर्श वाक्य है।

1989/90 में कम्युनिस्ट शासन की समाप्ति के बाद से बुल्गारिया में राजनीतिक स्थिरता क़रीब क़रीब समाप्त हो गई है। लेकिन बुल्गेरियाई मानदंड के लिहाज़ से भी हाल के वर्षों में हालात अस्थिर रहे हैं। बुल्गारिया में मतदाता सिर्फ़ 18 महीनों के भीतर चौथी बार नई संसद का चुनाव करने के लिए 2 अक्टूबर को मतदान करेंगे।

अप्रैल 2021 में निर्धारित संसदीय चुनाव और उसके बाद से दो मध्यावधि चुनावों के बाद यह सरकार बनाने के क्रम में तीसरा चुनाव होगा। यह देखना होगा कि क्या यह चुनाव देश के राजनीतिक संकट को ख़त्म करेगा या नहीं।

किरिल पेटकोव की यूरोप-समर्थक सरकार केवल छह महीने सत्ता में थी। ये सरकार जून में अविश्वास प्रस्ताव में हार गई थी।

जून 2022 में प्रधानमंत्री किरिल पेटकोव की सुधार-समर्थक एक उदार सरकार के गिराए जाने के बाद चुनाव कराए जाने की मांग उठी। यह 2021 के अंत में सत्ता में आई और पेटकोव के सेंटरिस्ट पार्टी वी कंटिन्यू द चेंज (पीपी) सहित दो उदारवादी दलों के गठबंधन से समर्थित था। इन दो दलों में एक पूर्व कम्युनिस्ट बुल्गेरियन सोशलिस्ट पार्टी (बीएसपी) और देयर इज सच ए पीपल (आईटीएन) पार्टी हैं।

आईटीएन ने जून की शुरुआत में चार दलों वाले गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया। पेटकोव की सरकार 22 जून को अविश्वास प्रस्ताव हार गई और गठबंधन टूट गया।

हर तरफ़ अनिश्चितता

अब बुल्गारिया एक बार फिर ख़ुद से पूछ रहा है कि क्या उसे कामकाजी बहुमत वाली सरकार मिलेगी जो देश को एक कठिन सर्दी और कई चुनौतियों से मार्गदर्शन कर सकती है जिसमें यूक्रेन युद्ध, मुद्रास्फीति और ऊर्जा की उच्च कीमतें शामिल हैं।

फिलहाल, इसकी संभावना नहीं दिखती। जनमत सर्वेक्षणों का बहुमत छह और आठ दलों वाली संसद की भविष्यवाणी कर रहा है।

चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी आगे

वर्तमान राजनीतिक संकट का विजेता तीन बार रह चुके पूर्व प्रधानमंत्री बॉयको बोरिसोव की सिटिजन फॉर यूरोपियन डेवलपमेंट ऑफ बुल्गारिया (जीईआरबी) पार्टी है। पिछली संसद में विपक्ष का गठन करने वाले जीईआरबी और बोरिसोव वर्तमान संकट के लिए थोड़ा बहुत ज़िम्मेदार हैं। 2021 के वसंत तक एक दशक से अधिक समय तक सत्ता में रहने के दौरान उनके कार्यकाल को राजनीतिक उथल-पुथल और कई भ्रष्टाचार घोटालों के रूप में जाना जाता है साथ ही सुधार को लेकर कई वादे किए गए जो पूरे नहीं हुए।

एक "यूरो-अटलांटिक" काम कर सकता था, लेकिन पूर्व बुल्गेरियाई प्रधानमंत्री बॉयको बोरिसोव के बिना।

अब, ओपिनियन पोल में बोरिसोव की पार्टी एक बार फिर आगे है। जीईआरबी के पास लगभग 24% वोट है, जो इसे पेटकोव के पीपी से लगभग 8 प्रतिशत अंक आगे है। हालांकि बोरिसोव स्पष्ट जीत की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना नहीं है और उन्हें गठबंधन के लिए सहयोगी की आवश्यकता होगी।

गठबंधन सरकार की संभावना

अपनी विदेश नीति के संदर्भ में जीआरईबी का दृष्टिकोण पूरी दृढ़ता के साथ यूरो-अटलांटिक वाला है। हालांकि, एक समान स्थिति के साथ इस दौड़ में अन्य दो पार्टियां, पेटकोव के पीपी और उदारवादी रूढ़िवादी डेमोक्रेटिक बुल्गारिया (डीबी), जीईआरबी के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाना चाहती है क्योंकि बोरिसोव के सिर पर भ्रष्टाचार के आरोप अभी भी मौजूद हैं।

इसलिए जीईआरबी के साथ गठबंधन सरकार को लेकर काफी कुछ चर्चा हुई है लेकिन बोरिसोव को अलग रखकर। राजनीतिक वैज्ञानिक डेनियल स्मिलोव को संदेह है। डीडब्ल्यू की बुल्गेरियाई सेवा को लिखे एक लेख में उन्होंने लिखा है कि "जीईआरबी की एकमात्र चिंता अपने अध्यक्ष के पद की रक्षा करना है। और जब तक बोरिसोव पार्टी के नेता हैं तब तक जीईआरबी के लिए अपने अतीत की स्थिति के तहत कोई रेखा खींचना असंभव होगा।"

ख़तरनाक राष्ट्रवाद

तो इस तरह औपचारिक रूप से कम से कम "यूरो-अटलांटिक गठबंधन" बनने की संभावना होगी, लेकिन बोरिसोव के बिना। उनकी पार्टी के पास कई अन्य विकल्प नहीं हैं क्योंकि 12 साल सत्ता में रहने के बाद, बची छोटी पार्टियां जीईआरबी को एक व्यवहार्य भागीदार नहीं मानती हैं।

राजनीतिक स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर एक ख़तरनाक राष्ट्रवाद है जो सशक्त रूस-समर्थक भावनाओं के साथ है। ये एक अजीब घाल-मेल है जो कई बुल्गेरियाई लोगों को कट्टरपंथी दक्षिणपंथी वज़्राज़्दाने (पुनःप्राप्ति) की ओर खींच रहा है या यहां तक कि मतदान के दिन उन्हें घर पर रहने के लिए मजबूर भी कर सकता है।। वज़्राज़्दाने का नेतृत्व सत्तावादी व्लादिमीर पुतिन-समर्थक कोस्टादीन कोस्तादीनोव कर रहे हैं। ये यूरोपीय संघ और नाटो दोनों के कट्टर विरोधी हैं। वज़्राज़्दाने संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी भी बन सकती है।

रूस-समर्थित वज़्राज़्दाने पार्टी के समर्थक सोफिया को मास्को के साथ सुलह देखने के लिए उत्सुक हैं।

रूस-समर्थित भावनाएं

इससे अन्य पार्टियों और पूरे समाज पर रूस-समर्थक दबाव बढ़ेगा। बुल्गारिया यूरोपीय संघ में सबसे ज़्यादा रूस को समर्थन देने वाला देश है। जबकि अधिकांश बुल्गेरियाई अभी भी यूरोपीय संघ के पक्ष राय रखते हैं और यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस के हमले की निंदा करते हैं। समाज के भीतर विभाजन स्पष्ट है।

डीडब्ल्यू के साथ एक साक्षात्कार में, राजनीतिक वैज्ञानिक इवान क्रस्टेव ने परिस्थिति को कुछ इस तरह बताया, "परंपरागत रूप से, बुल्गारिया में हमेशा सशक्त रूसी-समर्थक भावनाएं रही हैं। आज, यहां बहुत से लोग रूस को हर उस चीज के विकल्प के रूप में देखते हैं जो उन्हें पश्चिमी दुनिया को लेकर पसंद नहीं है।"

ऊर्जा: एक प्रमुख चुनावी मुद्दा

ऊर्जा की बढ़ती क़ीमतों और रूसी गैस आपूर्ति को लेकर चर्चाएं इस चुनाव में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। भले ही रूसी ऊर्जा की दिग्गज कंपनी गज़प्रोम ने अप्रैल 2022 में बुल्गारिया को दी जाने वाली गैस को एकतरफ़ा निर्णय लेते हुए रोक दी हो ऐसे में बुल्गारिया में क्रेमलिन-समर्थक लॉबी, कोस्टाडिनोव की राष्ट्रवादी, रूस-समर्थक पार्टी और कई बुल्गारियाई लोग अभी भी सोफिया को मास्को के साथ सामंजस्य स्थापित करने और रूसी गैस की आपूर्ति बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

कितने थके हुए हैं मतदाता?

नई बल्गेरियाई संसद की संरचना पर चुनावी मतदान का भी निर्णायक प्रभाव होगा। जितना अधिक मतदान होगा, गठबंधन प्राप्त करने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। इस तरह छोटी पार्टियों या राष्ट्रवादियों के समर्थन के बिना सरकार बना सकती है। लेकिन पर्यवेक्षकों को डर है कि हाल के वर्षों में इतने सारे चुनावों के बाद मतदाता थके हुए हैं और तंग आ चुके हैं।

मतदान सर्वेक्षक और राजनीतिक वैज्ञानिक एंड्री रैचेव सहमत नहीं हैं। वे कहते हैं, "अक्सर यह कहा जाता है कि यह चुनाव पिछले दो शुरुआती चुनावों की तरह होगा। लेकिन ऐसा नहीं है," रैचेव के अनुसार, बुल्गेरियाई लोगों ने पिछले दो चुनावों में पूरी तरह से बल्गेरियाई आंतरिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया। इस बार, हालांकि, चुनाव में वे चीजें हावी हैं जो बुल्गारिया के बाहर हो रही हैं, जैसे- यूरोप में उच्च मुद्रास्फीति, ऊर्जा की कीमतों में उछाल और बुल्गारिया की दहलीज पर युद्ध की स्थिति।

क्या बुल्गेरियाई इतनी सारी चुनौतियों का सामना करेंगे?

रैचेव कहते हैं, "इसका मतलब है कि हमारी घरेलू समस्याएं इन समस्याओं में फीकी पड़ गई हैं।" "बुल्गारिया छोटा, ग़रीब, कमज़ोर और आश्रित है, और इस स्थिति में बुल्गारियाई सहज रूप से जानते हैं कि उन्हें एकजुट होना है।" यही कारण है कि रैचेव का मानना है कि बुल्गेरियाई मतदाता राजनेताओं को एक स्पष्ट संदेश भेज सकते हैं कि, "घरेलू बकवास चीज़ों और लड़ाई को भूल जाओ और कम से कम युद्ध ख़त्म होने तक एक साथ आओ।"

यह लेख मूल रूप से जर्मन भाषा में प्रकाशित हुआ था। इसे न्यूज़क्लिक की अंग्रेज़ी वेबसाइट ने डीडब्ल्यू से साभार लिया। अंग्रेज़ी में प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

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