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CAA-NRC विरोध : बिहार में कन्हैया कुमार की रैली पर लगातार हो रहे हैं हमले

बिहार में कन्हैया की सीएए-एनआरसी विरोध रैलियों में हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। दो हफ़्ते के भीतर कन्हैया पर आठ बार हमले हो चुके हैं।
कन्हैया कुमार

बिहार में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में कन्हैया कुमार की अगुवाई वाली जन गण मन यात्रा चल रही है। इन यात्राओं में भारी भीड़ आ रही है। इस यात्रा पर भोजपुर ज़िले में शुक्रवार दोपहर को सत्ताधारी भाजपा द्वारा समर्थित दक्षिणपंथी युवाओं द्वारा फिर से हमला किया गया। पिछले 15 दिनों में यात्रा के क़ाफ़िले पर यह आठवां हमला था।

भोजपुर के ज़िला मुख्यालय आरा शहर में बीबीगंज बाज़ार के पास लगभग 20 युवकों के एक समूह ने अपने हाथों में भगवा झंडे लिए हुए थे, इनके चेहरे ढके हुए थे और उत्तेजक नारे लगा रहे थे। उसी जगह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता कन्हैया कुमार को एक जनसभा को संबोधित करने के लिए निर्धारित किया गया था।

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कुछ युवाओं ने 13 फ़रवरी की रात को आरा में बैठक के लिए लगाए गए मंच पर भी कथित रूप से तोड़फोड़ की और मंच को आग लगा दी।

ग़ालिब, एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी और शिक्षाविद भी हैं, वो कन्हैया के साथ इस यात्रा में शामिल हैं। उन्होंने न्यूज़क्लिक को बताया, “हम बक्सर से आरा के रास्ते में थे जब उग्र युवाओं के एक समूह ने हम पर हमला किया, पथराव किया और एक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। हमलावर समर्थक सीएए-एनआरसी के पक्ष में नारे लगा रहे थे।"

उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह, भगवा टोपी पहने युवाओं के एक समूह ने कन्हैया के क़ाफ़िले पर सड़े अंडे फेंके और बक्सर ज़िले में काले झंडे दिखाए, जो केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का संसदीय क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल और करणी सेना से जुड़े दर्जनों युवाओं ने गुरुवार को जनसभा से पहले भी भभुआ में उपद्रव मचाने की कोशिश की थी।

दो दिन पहले गया ज़िले में भड़काऊ नारेबाज़ी कर रहे युवाओं द्वारा यात्रा पर हमला किया गया था।

एनपीआर-एनआरसी-सीएए विरोधी संघर्ष मोर्चा ने पिछले सप्ताह ही यात्रा के लिए सुरक्षा की मांग की थी। इसके साथ ही यात्रा पर हमला करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी इसके बावजूद यात्रा पर लगातार हमले हो रहे हैं। मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के गृह सचिव अमीर सुभानी से मुलाक़ात की थी और पिछले सप्ताह जन गण मन यात्रा पर हमलों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा था। मोर्चा के सक्रिय सदस्य चंद्रकांता ने कहा, "हमारे पास जानकारी है कि बीजेपी द्वारा समर्थित दक्षिणपंथी युवा यात्रा पर हमला कर रहे हैं और इस यात्रा में परेशानी पैदा कर रहे हैं। उनका मकसद स्पष्ट है: यात्रा के साथ आने वालों में भय पैदा करना, लेकिन हम इसे रोकेंगे नहीं।"

उनके अनुसार, कुछ नारा देने वाले युवाओं ने 7 फ़रवरी को कटिहार ज़िले में यात्रा पर चप्पल फेंकी थी और इसे परेशान करने की कोशिश की थी। 6 फ़रवरी को, सहरसा ज़िले में युवाओं के एक समूह ने यात्रा पर हमला किया था जिसमें तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे और यात्रा के तीन सदस्य घायल हो गए थे।

सुपौल ज़िले में 6 फ़रवरी को एक और हमला हुआ, जिसमें लगभग 100 लोगों का एक समूह था, जिसने यात्रा को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक बातें कहीं थी और भड़काऊ नारेबाज़ी की थी।

भले ही कन्हैया एक अन्य पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष और बिहार के कदवा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक शकील अहमद ख़ान के हमले में बच गए, लेकिन उनके चालक को सिर में चोट लगी और उन्हें सुपौल में हमले के लिए नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया। दिलचस्प बात यह है कि यह हमला सुपौल शहर में ज़िला मजिस्ट्रेट के आवास से दूर एक व्यस्त बाज़ार क्षेत्र के पास हुआ।

पहला हमला 1 फ़रवरी को छपरा ज़िले में हुआ था। यात्रा के पांच वाहनों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ लोगों को तब भी चोटें लगी थीं।

चंद्रकांता ने न्यूज़क्लिक को बताया कि यात्रा के पक्ष में भारी समर्थन ने भाजपा को इतना नाराज़ कर दिया है कि वह दक्षिणपंथी युवाओं पर हमला करने और अशांति पैदा करने के लिए उपयोग कर रहा है।

उन्होंने कहा, "अलग-अलग स्थानों पर, एक या दूसरे नारे लगाने वाले युवाओं के समूह ने यात्रा पर हमला करने की कोशिश की। मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में, काले झंडे दिखाए गए और यात्रा के प्रतिभागियों का पीछा किया गया। यह यात्रा के सदस्यों के बीच डर पैदा करने के लिए उनके पुराने खेल का हिस्सा है।"

मार्च 30 जनवरी को महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह से जुड़ी ऐतिहासिक भूमि बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुआ था। यह यात्रा पटना के गांधी मैदान 27 फ़रवरी में पहुंचने की उम्मीद है। इससे पहले पूरा राज्य कवर करते हुए रैली का समापन होगा। आयोजकों में से एक ने कहा, "यात्रा के दौरान, हम लोगों के रोज़गार, ग़रीबी, आर्थिक मंदी, किसानों के संकट, मूल्य वृद्धि जैसे वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"

इस बीच, बिहार के सीएम और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष, नीतीश कुमार, सीएए का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं-प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को निष्कासित कर दिया। क्योंकि ये दोनों सीएए पर पार्टी के रुख को चुनौती दे रहे थे।

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