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नागरिकता संशोधन विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, असम में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में स्थिति बिगड़ती जा रही है। विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोली चलाई है। राज्य में प्रदर्शन के बीच कई ट्रेनों और उड़ानों को या तो रद्द कर दिया गया है या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं।
assam CAB Protest
Image courtesy: The Indian Express

नई दिल्ली: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इससे एक दिन पहले यह विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न से परेशएान होकर भागकर भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।

आईयूएमएल ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पारित किया गया था।

वहीं, दूसरी ओर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में स्थिति बिगड़ती जा रही है। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लालुंगगांव में गोलियां चलाई। इसमें कुछ लोग कथित तौर पर घायल हो गए।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि प्रदर्शकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की और ईंटे फेंकी और पुलिस ने जब उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो ये लोग वहां से नहीं हटे। अधिकारी ने गोलीबारी में घायल लोगों की संख्या नहीं बताई लेकिन प्रदर्शनकारियों का दावा है कि कम से कम चार लोग घायल हुए हैं।

सेना ने किया फ्लैगमार्च

गुवाहाटी में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए इस विधेयक के विरोध में बृहस्पतिवार को सड़कों पर उतरे। गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट और तिनसुकिया में सेना के जवानों ने फ्लैगमार्च किया है।

सेना ने एक बयान में कहा कि सेना के पांच कॉलम के लिए अनुरोध किया गया था और यह असम में तैनात हैं। असम के प्रभावशाली छात्र संगठन आसू और किसान संगठन केएमएसएस ने लोगों से कर्फ्यू का उल्लंघन करने का आह्वान किया है। गुवाहाटी में बुधवार शाम से अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने अम्बरोई क्षेत्र में वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा का पुतला जलाया। वहीं कॉटन विश्वविद्यालय और हंदीक गर्ल्स कॉलेज के विद्यार्थी भी कैब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है।’

पूर्वोत्तर राज्यों में जाने वाली कई उड़ानें रद्द

नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के खिलाफ पूर्वोत्तर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए कई निजी एयरलाइनों ने कोलकाता से असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में जानेवाली उड़ानों को रद्द कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

कोलकाता हवाईअड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी ने ऐसा नहीं किया है बल्कि कुछ निजी परिचालकों ने असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में जाने वाली उड़ानें बृहस्पतिवार को रद्द कर दी।

अधिकारी ने बताया, ‘हम अभी विमानों की जानकारी नहीं दे सकते। लेकिन कई उड़ानें रद्द हुई हैं।’

त्रिपुरा, असम आने-जाने वाली सभी यात्री ट्रेनें निलंबित: रेलवे

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असम और त्रिपुरा में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए रेलवे ने असम और त्रिपुरा आने-जाने वाली सभी यात्री ट्रेनों को निलंबित कर दिया और लंबी दूरी वाली ट्रेनों को गुवाहाटी में ही रोका जा रहा है।

रेलवे के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रवक्ता सुभानन चंदा ने बताया कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह फैसला बुधवार रात में लिया गया, जिसके बाद कई यात्री कामाख्या और गुवाहाटी में फंस गए।

असम के मुख्यमंत्री के गृहनगर डिब्रूगढ़ के चबुआ में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार रात एक रेलवे स्टेशन को आग लगा दी थी। इसके अलावा तिनसुकिया जिले में पानीटोला रेलवे स्टेशन को भी आग के हवाले कर दिया गया। आरपीएफ कुमार के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 12 कंपनियों को क्षेत्र में भेजा गया है।

वामदलों का 19 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन

माकपा और भाकपा सहित अन्य सभी वामदलों ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में 19 दिसंबर को देशभर में साझा प्रदर्शन का आह्वान किया है।

बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार संसद से पारित सीएबी को संविधान की मूलभावना के विरोधाभासी मानते हुये वामपंथी दलों ने इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है।

बयान के मुताबिक संसद से सीएबी पारित होने और एनआरसी को पूरे देश में लागू करने की सरकार की घोषणा से भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणतंत्र को खतरा पैदा हो गया है। इसके विरोध में देशभर में जारी प्रदर्शन इस बात का प्रतीक हैं कि सरकार जनसामान्य की भावनाओं के खिलाफ सीएबी और एनआरसी को लागू करने जा रही है।
 
वामदलों माकपा, भाकपा, भाकपा माले, फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने सरकार के इन फैसलों के विरोध में अपनी सभी प्रादेशिक और जिला इकाईयों से 19 दिसंबर को प्रदर्शन आयोजित करने को कहा है।  

सरकार असम के लोगों अधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को असम के लोगों को अश्वस्त किया कि उन्हें नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संसद में पारित होने से चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और काई उनके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और खूबसूरत संस्कृति को छीन नहीं सकता।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और खूबसूरत संस्कृति को छीन नहीं सकता है। यह आगे बढ़ता और फलता-फूलता रहेगा।’

उन्होंने कहा कि वह असम के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित होने से उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।  

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘केंद्र सरकार और मैं उपबंध6 की भावना के अनुरूप असम के लोगों के राजनीतिक, भाषायी, सांस्कृतिक और भूमि संबंधी अधिकारों की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं।’

गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इससे पहले सोमवार को लोकसभा ने इसे मंजूरी दे दी थी।

विधेयक पारित होने के कारण पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में लोगों ने भारी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। असम में राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की भी खबरें भी आई हैं।
 
मोदी के संदेश पर कांग्रेस ने किया तंज

कांग्रेस ने असम के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर आश्वासन दिए जाने के बाद उन पर तंज कसते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वहां के लोग प्रधानमंत्री के संदेश नहीं पढ़ सकते क्योंकि इंटरनेट सेवा बंद है।

पार्टी ने यह दावा भी दोहराया कि यह विधेयक पूरी तरह असंवैधानिक है और इसे किसी ने किसी तरफ से उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

मोदी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘असम के हमारे भाई और बहन मोदी जी का संदेश नहीं पढ़ सकते क्योंकि उनके लिए इंटरनेट बंद है।’

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘यह पूरी तरह असंवैधानिक है और यह उच्चतम न्यायालय जा रहा है। इसका कोई मतलब नहीं है कि इसे कौन चुनौती देगा।’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

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