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सीबीआई ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर व CES कार्यालय पर छापा मारा

कार्यकर्ता, लेखक और स्तंभकार के ख़‍िलाफ़ कार्रवाई करने वाली यह पहली केंद्रीय एजेंसी नहीं है। इससे पहले ईडी और दिल्ली पुलिस भी उनके थिंक-टैंक के ख़‍िलाफ़ केस दर्ज कर चुकी है।
Harsh Mander

नई दिल्ली: प्रसिद्ध मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ता, हर्ष मंदर, जो सांप्रदायिक सद्भाव के लिए अभियान चला रहे हैं, और उनके संगठन, सेंटर ऑफ इक्विटी स्टडीज (CES) को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा नए सिरे से निशाना बनाया जा रहा है।

जानकार लोगों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम या FCRA के कथित उल्लंघन के लिए CES कार्यालय के साथ-साथ मंदर के आवास पर भी छापा मारा।

हर्ष मंदर गरीबों और वंचित वर्गों के संबंध में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विभिन्न असहमति की आवाज उठाने वालों में से एक रहे हैं और साथ ही नफरत की राजनीति के मुखर आलोचक भी रहे हैं।

Scroll.in की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सिलसिले में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है.

एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से पुष्टि की, “हम उनके आवास और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (सीईएस) के कार्यालय परिसर में तलाशी ले रहे हैं।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि सीबीआई के अधिकारी पहले दक्षिण दिल्ली के अधचिनी इलाके में CES कार्यालय और फिर वसंत कुंज में पूर्व नौकरशाह के घर पहुंचे।

याद दिला दें कि जून में गृह मंत्रालय ने CES का FCRA लाइसेंस 180 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था।

हर्ष मंदर विभिन्न समाचार पत्रों और वेबसाइटों, जैसे द इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू और डिजिटल समाचार साइटों, जैसे द वायर, द क्विंट और स्क्रॉल में नियमित योगदानकर्ता रहे हैं।

सरकार ने आरोप लगाया है कि मंदर ने 2011-'12 से 2017-'18 तक 12,64,671 रुपये के विदेशी योगदान को "एसोसिएशन (सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज) के एफसीआरए खाते से पेशेवर प्राप्तियों/भुगतान" के रूप में स्वीकार किया, जो कि, गृह मंत्रालय ने कहा, यह एफसीआरए का उल्लंघन है।

इसे भी पढ़ें: : Plea in SC to Quash MHA’s Refusal to Renew FCRA Licenses of NGOs, and its Restrictions on Their Accepting Foreign Funds

हर्ष मंदर, जो कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य थे, अमन बिरादरी नामक एक एनजीओ का भी नेतृत्व करते हैं, जिनके खिलाफ गृह मंत्रालय ने शिकायत दर्ज की थी, जिसके आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

हर्ष मंदर को निशाना बनाने वाली यह पहली केंद्रीय एजेंसी नहीं है।2021 में, प्रवर्तन निदेशालय या ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हर्ष मंदर से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी।

ईडी का मामला सीईएस के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज एक अन्य मामले पर आधारित है। IE रिपोर्ट में कहा गया है कि हर्ष मंदर CES के निदेशक हैं।

इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने हर्ष मंदर द्वारा चलाए गए गरीबों के लिए दो घरों और अनाथ बच्‍चों के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत के आधार पर CES के खिलाफ, एक किशोर न्याय (JJ) अधिनियम के तहत और दूसरा कथित वित्तीय अनियमितताओं पर दो मामले दर्ज किए हैं।

याद दिला दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में कई थिंक-टैंक और NGOs , जिनमें सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, ऑक्सफैम इंडिया, एमनेस्टी इंडिया, मिशनरीज ऑफ चैरिटी ऑफ मदर टेरेसा (जिसे बाद में बहाल कर दिया गया था), ग्रीनपीस इंडिया शामिल हैं, FCRA लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं और 6,000 गैर सरकारी संगठनों को बंद कर दिया है।

FCRA के लिए धर्मार्थ कार्य करने वाले संगठनों को सरकार के साथ पंजीकरण कराना या विदेशी धन प्राप्त करने के लिए पूर्व अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है। सभी लक्षित संगठन यह कहते हैं कि वे देश के कानून का "पूरी तरह से अनुपालन" कर रहे हैं।

मूल अंग्रेजी लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

CBI Raids Peace Activist Harsh Mander’s Home, CES Office for Alleged FCRA Violation

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