माकपा प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर की राज्यपाल से मुलाकात की, विस्थापितों की स्थिति पर चर्चा की
इंफाल: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और फिलहाल विभिन्न राहत शिविरों में ठहरे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) की स्थिति पर चर्चा की। एक बयान में यह जानकारी दी गई।
राज्यपाल सचिवालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि येचुरी ने उइके को बताया कि माकपा की टीम ने शुक्रवार को चुराचांदपुर और मोइरांग में राहत शिविरों का दौरा किया, जहां उसने पाया कि ‘राहत शिविरों के रखरखाव और संचालन में राज्य सरकार या स्थानीय निकायों द्वारा की गई व्यवस्थाएं संतोषजनक नहीं हैं।’
The CPI(M) delegation called upon the Hon’ble Governor of Manipur Smt. Anusuiya Uikey & had an hour long discussion.
Requested her intervention in ensuring that the appalling conditions in the relief camps are improved. pic.twitter.com/iJQLK3yDVH— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 18, 2023
पूर्व राज्यसभा सदस्य येचुरी ने यह भी कहा कि ‘‘आईडीपी, विशेष रूप से बच्चे और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक भोजन नहीं मिल पा रहा है और शिविरों में ही गर्भवती महिलाएं बच्चों को जन्म दे रही हैं।’’
उन्होंने सवालिया अंदाज में ए कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में, विस्थापित लोग कब तक आशा के साथ जीवित रह सकते हैं ?’’
प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को मणिपुर पहुंचा था।
येचुरी ने कहा कि केवल राजनीतिक समाधान ही मौजूदा संकट में शांति ला सकता है। साथ ही उन्होंने विभिन्न थानों से आग्नेयास्त्रों की लूट पर भी चिंता जताई।
उइके ने माकपा प्रतिनिधिमंडल से कहा कि राजनीतिक दलों को राजनीति से ऊपर उठकर मौजूदा संघर्ष के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए।
उइके ने यह भी कहा, ‘‘हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलेगा।’’ उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों से हिंसा छोड़कर बातचीत के लिए आगे आने की अपील की गयी है।
राज्यपाल ने माकपा प्रतिनिधिमंडल को इस बात से भी अवगत कराया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की है और जल्द से जल्द हिंसा को समाप्त करने के तरीके खोजने का आग्रह किया है।
इस पूर्वोत्तर राज्य में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किये जाने के दौरान तीन मई को हिंसा भड़की थी। तब से राज्य में 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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