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कार्टून क्लिक: पहले तो ‘पुष्प वर्षा’ से ही ख़ुश हो गए थे, लेकिन अब…

सरकार का कहना है कि पहले हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगना चाहिए। हालांकि बहुत लोगों का मानना है कि इसमें दूसरों की भलाई से ज़्यादा अपनी सुरक्षा की भावना और डर छिपा है।
कार्टून क्लिक: पहले तो ‘पुष्प वर्षा’ से ही ख़ुश हो गए थे, लेकिन अब…

विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले दिन टीके के प्रतिकूल प्रभाव के कुछ मामले सामने आने के बाद लोगों के आशंकित होने और तकनीकी समस्याएं अभियान के दूसरे दिन टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या में कमी के कुछ कारण हो सकते हैं।

उधर कोविशील्ड और कोवैक्सीन की निर्माता कंपनियों ने टीका लेने वालों के लिए फैक्ट शीट जारी कर कहा है कि अगर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी हो तो उन्हें फिलहाल टीका नहीं लेना चाहिए और इस बारे में डॉक्टर को बताना चाहिए। लेकिन फ़िलहाल तो हेल्थ केयर वर्कर्स भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं लगते। दिल्ली में सोमवार को लगभग 3,600 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए। सूत्रों के मुताबिकएम्स में केवल आठ स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके लगवाए।

अधिकारियों द्वारा बाद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसारदिल्ली में दिन का लक्ष्य 8,136 टीके रखा गया थाइस प्रकार इसके केवल 44 प्रतिशत तक ही पहुंचा जा सका।

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नेताओं ख़ासकर शीर्ष नेतृत्व ने फ़िलहाल खुद को टीके से अलग रखा है। प्रधानमंत्री भले ही कह रहे हों कि नेता लोग पहले टीका लगाने के लिए मारामारी न करेंलेकिन हकीकत यह है कि कोई नेता मारामारी कर ही नहीं रहा है। सब टीका लगवाने से खुद ही बच रहे हैं।

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