अर्थव्यवस्था का संकट : कब तक कहोगे 'बुरा न मानो…!’
'कार्टून क्लिक' में इरफ़ान का कार्टून हमारी अर्थव्यवस्था की हालत बयां कर रहा है। लेकिन विडंबना है कि ऐसी हालत में 5 ट्रिलयन इकोनॉमी के दावे किए जा रहे हैं। ये दावे कुछ ऐसे ही ही जैसे ये होली की पिचकारी, जिसमें 72 छेद हो गए हैं।
हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था के दो प्रमुख घटक 'सरकार के अपने खर्च' और 'लोगों के खर्च' की हालत बदतर हैं। वास्तव में, इनमें धीमी गति से वृद्धि यह दर्शाती है कि आर्थिक मंदी अभी घातक बनी हुई है। वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि के नवीनतम तिमाही का अनुमान लगभग 4.7% तक पहुंच गया है। ये अनुमान 28 फरवरी को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए।
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