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आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!

महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
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महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है। वजह सिर्फ इतनी है कि सब कुछ बदलता रहता है, लेकिन आम आदमी की कमाई इतनी नहीं होती कि वह गरिमापूर्ण जीवन जी पाए। खर्चे का सिरा थोड़ा भी भारी होता है तो आम आदमी की कमर टूट जाती है।

अब महंगाई अनियंत्रित करने की खबर को ही देखिए। लगातार बढ़ती महंगाई से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 4% से बढ़ाकर 4.40% कर दी है। यानी आपका लोन महंगा होने वाला है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी। अब आप खुद समझ सकते हैं कि आम आदमी के लिए महंगाई कितनी जानलेवा होती है?

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