‘सम्मेद शिखर जी’ मामले में केंद्र सरकार गजट अधिसूचना रद्द करे : कांग्रेस
कांग्रेस ने जैन समुदाय के पवित्र स्थान ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ को पर्यटन स्थल घोषित करने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह सिर्फ ‘अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक’ का खेल रचकर वोट बटोरने का प्रयास करती है।
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस मामले पर वह पूरी तरह से जैन समुदाय के साथ खड़ा है और केंद्र सरकार को संबंधित गजट अधिसूचना रद्द करनी चाहिए।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि इस तीर्थस्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने का पूरा खाका झारखंड की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तैयार किया था और प्रदेश में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने से पहले ही केंद्र की तरफ से गजट अधिसूचना जारी की गई थी।
उन्होंने कहा,‘‘लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का षड्यंत्र किया गया। जैन समुदाय की मांगों को सुना जाए,इस पर हम पूरी तरह से उनके साथ हैं।’’
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा,‘‘हमारे सबसे बड़े तीर्थ ‘सम्मेद शिखर जी’ पर भाजपा के कारण एक संकट छा गया है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि संकट होने के बावजूद उस पर प्रधानमंत्री और भाजपा के किसी नेता की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘2018 में झारखंड में भाजपा की सरकार थी। उस समय इनके मन में आया कि कैसे साजिश रचकर एक पवित्र स्थल को पर्यटन केंद्र बनाते हुए उसे आर्थिक लाभ का माध्यम बनाएं। 2019 में ही केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई। जब यह कदम उठाया गया, तब जैन समाज के किसी व्यक्ति से कोई बात नहीं की गई।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा,‘‘गुजरात में पालिताना के पवित्र पहाड़ पर रोजाना कुछ न कुछ समस्याएं पैदा की जा रही हैं। इससे इनकी मंशा जाहिर होती है।’’
आदित्य ने आरोप लगाया,‘‘भाजपा वोटों के लालच में अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक का खेल रचकर लोगों को लड़ाना चाहती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम पूरी तरह से जैन समुदाय के साथ खड़े हैं। भारत सरकार की ओर से जो गजट अधिसूचना जारी की गई है, उसे रद्द किया जाए।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखंड सरकार की तरफ से जो भी करना जरूरी होगा, वह किया जाएगा।
ज्ञात हो कि गत 2 अगस्त 2019 को केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा पारसनाथ पहाड़ी जंगल क्षेत्र के एक हिस्से को ‘वन्य जीव अभ्यारण्य और पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसेटिव ज़ोन) घोषित किया गया। इसके बाद 2 जुलाई 22 को झारखंड सरकार ने भी इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा कर दी।
‘सम्मेद शिखर’ को पर्यटन स्थल बनाने के फ़ैसले का विरोध कर रहे जैन समाज के लोगों से मुख्यमंत्री के सचिव और राज्य पर्यटन सचिव ने पिछले दिनों वार्ता भी की। जिसमें उक्त विवाद के संदर्भ में दोनों पक्षों ने अपनी अपनी बात रखी। जिसमें सरकार के प्रतिनिधि अधिकारियों ने सरकार का पक्ष रखते हुए आश्वस्त किया कि यहां कोई बड़ी संरचना बनाने की योजना नहीं है। पर्यटन स्थल बनने के बाद भी यहां की पवित्रता नष्ट होने नहीं दी जाएगी। यहां मांस-मदिरा के इस्तेमाल पर पहले की ही तरह पूरी सख़्ती से रोक रहेगी।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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