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चीन ने पोम्पियो, बोल्टन और बैनन सहित ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया

डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के 28 अधिकारियों को प्रतिबंधित किया गया है साथ ही चीन ने उन पर "चीन की संप्रभुता का बुरी तरह उल्लंघन" करने का आरोप लगाया है।
चीन ने पोम्पियो, बोल्टन और बैनन सहित ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया

चीन की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के यूएस सेक्रेट्री ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो के साथ 27अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है। ट्रम्प प्रशासन के जाने और जो बाइडेन प्रशासन के सत्ता संभालने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा बुधवार 20 जनवरी को इन प्रतिबंधों की घोषणा की गई।

इन प्रतिबंधों की घोषणा में ट्रम्प प्रशासन के उच्च स्तर के अधिकारियों और राजनयिकों के नाम शामिल हैं जिन पर "चीन की संप्रभुता का गंभीर रूप से उल्लंघन" करने का आरोप लगाया गया है और "चीन से संबंधित मुद्दों पर ऐसे अमेरिकी फैसलों के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।"

जिन लोगों के नाम शामिल हैं उनमें ट्रम्प के पूर्व मुख्य रणनीतिकार और वरिष्ठ काउंसलर स्टीव बैनन (हाल ही में धोखाधड़ी के आरोपों में क्षमादान मिला), उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और रॉबर्ट ओ'ब्रायन और उनके नेशनल ट्रेड काउंसिल के निदेशक पीटर नवारो शामिल हैं। इस बयान में ट्रम्प द्वारा नियुक्त संयुक्त राष्ट्र के लिए अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट, पूर्व अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव एलेक्स अजर, राज्य विभाग के पूर्व अधिकारी कीथ जे. क्रैच और डेविड स्टिलवेल और पूर्व राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार मैथ्यू पोटिंगर के नाम भी शामिल हैं।

इस बयान के अनुसार, "पिछले कुछ वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ चीन-विरोधी नेताओं ने अपने स्वार्थी राजनीतिक हितों और चीन के खिलाफ पूर्वाग्रह और घृणा से बाहर निकलकर चीनी और अमेरिकी लोगों के हितों के लिए कोई चिंता नहीं दिखाई है। इन्होंने योजना बनाई और बढ़ावा दिया तथा कई मूर्खतापूर्ण कार्यों को अंजाम दिया, जिसने चीन के आंतरिक मामलों में बुरी तरह दखल दिया है, चीन के हितों को कमजोर किया है, चीनी लोगों को नाराज किया है और चीन-अमेरिका संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।"

ट्रम्प प्रशासन के दौरान अमेरिका और चीन के बीच संबंध ट्रम्प द्वारा शुरु किए गए ट्रेड वार के साथ खराब हो गए, अमेरिका ने चीन को बिना सबूत के COVID-19 महामारी के लिए दोषी ठहराया, और हांगकांग तथा झिंजियांग में चीन के घरेलू खींचतान में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया। पिछले कुछ महीनों में मामले बिगड़ गए क्योंकि पोम्पियो ने निष्फल राजनयिक दौरे में हथियारों के सौदे के साथ चीन-ताइवान के बीच दशकों की संधि को नाश कर दिया।

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