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कांग्रेस का वादा: ‘MP में सत्ता में आए तो किसानों को देंगे मुफ़्त बिजली’

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन के तहत राज्य में किसानों पर क़र्ज़ का बोझ बढ़ रहा है।
Kamalnath
फ़ोटो साभार : PTI

भोपाल: कांग्रेस ने बुधवार को वादा किया कि अगर साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में उसकी सरकार बनती है तो किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी और उनके कृषि ऋण तथा बकाया बिजली माफ कर दिये जायेंगे।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन के तहत राज्य में किसानों पर ऋण का बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी ‘‘कृषक न्याय योजना’’ से कृषि में किसानों की लागत में कमी आएगी। 

संवाददाता सम्मेलन के दौरान कुछ देर के लिए बिजली चली गई थी।

कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने पहले चरण में (2018 चुनाव के बाद जब कांग्रेस सत्ता में थी) 27 लाख किसानों का कृषि ऋण माफ किया। यह योजना जारी रहेगी, इसके अलावा, हम कृषक न्याय योजना शुरू करेंगे जिसके तहत किसानों को सिंचाई में उपयोग किए जाने वाले पांच हॉर्स पावर तक के पंपों के लिए मुफ्त बिजली सहित अन्य लाभ प्रदान किए जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि इससे राज्य के करीब 37 लाख किसानों को फायदा होगा। इस योजना के तहत किसानों का बकाया बिजली बिल माफ किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सत्ता में आए तो किसानों को 12 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित करेंगे।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की 70 फीसदी अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है और किसान इसे चलाते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर पार्टी की सरकार बनाती है, तो वे फर्जी बिजली चोरी के मामलों और अन्य कृषि संबंधी मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज फौजदारी मामले भी वापस लेंगे।

केंद्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश उन चार राज्यों में शामिल है जहां किसानों की आय कम हुई है। उन्होंने कहा कि यह 2015-16 में 9,740 रुपये प्रति माह से घटकर पिछले साल 8,339 रुपये प्रति माह रह गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों की आय अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है।

भाजपा की चुनावी तैयारियों के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मध्य प्रदेश के कई दौरों के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा कि यह उनकी घबराहट को दर्शाता है।

उन्होंने भाजपा शासन पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा नेता ठेकों की राशि में 25 प्रतिशत का हिस्सा पाने के लिए राज्य भर में शिलान्यास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार व्यवस्था का हिस्सा बन गया है जिससे राज्य में नये निवेश में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि निवेश मांगने से नहीं आता है उसे आकर्षित करने की जरुरत होती है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि 28 क्षेत्रों में जहां नर्मदा नदी बहती है, नदी की सेवा और सुरक्षा के लिए एक गैर-राजनीतिक 'नर्मदा सेवा सेना' का गठन किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल नवंबर तक होने हैं। 2018 में हुए पिछले चुनावों में त्रिशंकु विधानसभा सामने आई थी, जिसमें 230 सदस्यीय सदन में 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा ने 109 सीटें जीती थीं।

कांग्रेस ने 15 साल तक विपक्ष में रहने के बाद नाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई लेकिन मार्च 2020 में यह गिर गई जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार लगभग दो दर्जन विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और बाद में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही भाजपा सत्ता में लौट आई।

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