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राहुल से पूछताछ और ‘अग्निपथ’ के विरोध में कांग्रेस ने ‘सत्याग्रह मार्च’ निकाला

मुख्य विपक्षी दल ने राहुल से ईडी की पूछताछ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूछताछ सिर्फ उसके पूर्व अध्यक्ष को नीचा दिखाने के लिए की जा रही है, क्योंकि इस पूरी प्रक्रिया में कुछ भी संवैधानिक और कानूनी नहीं है।
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नयी दिल्ली: कांग्रेस ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धन शोधन मामले में अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ और सेना में भर्ती की नयी ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में मंगलवार को यहां ‘सत्याग्रह मार्च’ निकाला, जिसके बाद पार्टी के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
 
मुख्य विपक्षी दल ने राहुल से ईडी की पूछताछ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूछताछ सिर्फ उसके पूर्व अध्यक्ष को नीचा दिखाने के लिए की जा रही है, क्योंकि इस पूरी प्रक्रिया में कुछ भी संवैधानिक और कानूनी नहीं है।

‘सत्याग्रह मार्च’ से पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने उसके मुख्यालय के सामने रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) तैनात की है।

मार्च से पहले कांग्रेस मुख्यालय के परिसर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता, सांसद एवं कार्यकर्ता एकत्रित हुए। उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और राहुल से पूछताछ के मुद्दे को लेकर भी अपना विरोध जताया।
 
गहलोत ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेतृत्व के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वो निंदनीय है। पूरा देश देख रहा है। यही इंदिरा गांधी जी के समय में हुआ था। पूरे देश को मालूम है कि राहुल गांधी जी एकमात्र नेता हैं, जो मोदी जी का मुकाबला करते हैं।’’

उन्होंने महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पहले राजस्थान और विपक्ष शासित कुछ अन्य राज्यों में सरकार गिराने की कोशिश हुई और अब महाराष्ट्र में भी यही प्रयास किया जा रहा है।
 
कांग्रेस के कई नेताओं, सांसदों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय से ‘सत्याग्रह मार्च’ निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कांग्रेस का कहना है कि उसके कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

इससे पहले, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी के नेतृत्व से भाजपा की हालत हो गई है पतली, इसीलिए भाजपा ने बनाया है ईडी को अपनी कठपुतली...। पांच दिनों की पूछताछ संवैधानिक और कानूनी नहीं है, बल्कि निजी भय है। राहुल गांधी इस सरकार को वर्षों से आईना दिखा रहे हैं, इसलिए यह सब हो रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह मामला धन शोधन का है तो धन का हस्तांतरण कहां हुआ? स्पष्ट है कि यह द्वेष की भावना से बनाया गया मनगढ़ंत मामला है।’’

सिंघवी ने दावा किया, ‘‘बार-बार पूछताछ के लिए बुलाने का मकसद सिर्फ राहुल गांधी को नीचा दिखाना है। इससे भाजपा के समर्थक भी शर्मिंदा हैं। अगर आप सोचते हैं कि राहुल गांधी और कांग्रेस इससे दब जाएंगे तो आप मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं।’’

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय आज राहुल गांधी से फिर पूछताछ करेगा। उसने सोमवार को करीब 12 घंटे तक उनसे पूछताछ की थी। पिछले सप्ताह सोमवार, मंगलवार और बुधवार को लगातार तीन दिन ईडी के अधिकारियों ने 52 वर्षीय राहुल गांधी से 30 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी, जिस दौरान धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किए गए थे।

ईडी ने सोनिया गांधी को इसी मामले में 23 जून को तलब किया है।

कांग्रेस ‘अग्निपथ’ योजना का भी विरोध कर रही है। उसका कहना है कि यह देश और सेना के हितों के खिलाफ है।

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