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"रेहड़ी जिहाद" के नाम पर दिल्ली में नफ़रत का माहौल गर्म करने की साज़िश !

एक रेहड़ी पटरी वाले और एक दुकानदार के बीच विवाद को कुछ असामाजिक हिंदुत्ववादी संगठन सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। 
"रेहड़ी जिहाद" के नाम पर दिल्ली में नफ़रत का माहौल गर्म करने की साज़िश

दुनिया आज महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी से लड़ रही है, कोरोना वायरस के कारण देश में चारों तरफ हाहाकार है। लोगों के पास खाने के लिए भोजन नहीं है, लोग किसी तरह रेहड़ी लगाकर अपना गुजारा कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग गरीबों की परेशानियों को नजरअंदाज करते हुए उनको रेहड़ी लगाने से मना कर रहे हैं। "रेहड़ी जिहाद" का नाम देकर गरीबों से रोज़गार छीन रहे हैं तथा देश में नफरत का माहौल बना रहें हैं।

ये देश में पहली बार नहीं हुआ है जब किसी मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दिया गया हो। ऐसा ही कुछ दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में 18 जून को हुआ। शुक्रवार को देर शाम स्थानीय व्यापारी दुकानदारों और रेहड़ी पटरी वालों के बीच जमकर मार-पीट हुई।  दुकानदारों का कहना है की रेहड़ी वालों ने उन पर हमला किया और लूट पाट की। जबकि स्थानीय रेहड़ी वालों द्वारा बताया जा रहा है कि इस मार-पीट में एक रेहड़ी पटरी वाले को गंभीर चोटें आयी हैं, जिसे तुरंत पास के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां देर रात उसकी स्थिति गंभीर होता देख डॉक्टरों ने उसे एम्स हॉस्पिटल के लिए रेफेर कर दिया, ऐसे में बताया जा रहा है कि ये विवाद महज़ दुकान के आगे रेहड़ी लगाने की वजह से शुरू हुआ जो कि इस कदर बढ़ गया कि दोनों पक्षों में जमकर मार पिटाई हुई और स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस के द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए हैं। इसके बाद 19 जून को हिंदुत्व कार्यकर्ता लाठी-डंडे लेकर प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतर आये और रेहड़ी वालों को संदेश देना चाहा कि आगे से कोई भी रेहड़ी इस इलाके में न लगाएं। इसके बाद शाम करीब पांच बजे सड़क के बीचों-बीच हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया गया।

तो क्या ये लड़ाई सच में कोई मुठभेड़ थी या जानबूझ कर सांप्रदायिक हिंसा फ़ैलाने की कोशिश की गयी है। कई फेसबुक लाइव, ट्वीट्स और वीडियोस से ये मालूम पड़ता है कि जानबूझ कर इस मुद्दे को सांप्रदायिक एंगल देने की कोशिश की जा रही है।

पुलकित शर्मा द्वारा पोस्ट की गयी इस वीडियो में कई लोग लाठी लेकर धरने पे उतरे और "जय श्री राम, जो हिन्दू-हिन्द की बात करेगा वही हिन्द पे राज़ करेगा"  जैसे नारे लगाए। इससे साफ़ जाहिर है कि महज़ एक लड़ाई नहीं ये बात हिन्दू मुस्लिम तक पहुंच गयी है।

पुलकित शर्मा के एक और पोस्ट में लोग साफ़-साफ़ धमकी देते नज़र आ रहे हैं कि अगर दो दिन के अंदर व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो ये दोबारा धरना देंगे और खुद ही इस समस्या का हल निकालेंगे। इनकी मांग है कि कोई भी फल रेहड़ी वाले उत्तम नगर में रेहड़ी ना लगाएं। जबकि यहां वेस्ट दिल्ली कि सबसे बड़ी फल मंडी है। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर कि अगर यहाँ से ये लोग हटा दिए जाएंगे तो ये कहा जाएंगे, कैसे कमाएंगे तो उन्होंने कहा कि उससे हमे कोई फर्क नहीं पड़ता वो कहीं भी जाएं।

इसको लेकर कुछ न्यूज़ चैनल जो कि हमेशा से भड़काऊ ख़बरें फैलाता आया है, उन्होंने इस बार भी कोई कसर नहीं छोड़ी।, सुदर्शन चैनल के एक रिपोर्ट के अनुसार "सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने एक ऐसा ही मुद्दा उठाया था तथा आह्वान किया था कि दंगाइयों और जिहादियों के आर्थिक बहिष्कार किया जाए। सुदर्शन द्वारा शुरू किए गए दंगाइयों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान अब जन-जन की आवाज बनता जा रहा है तथा हिंदुस्तान का दिल कही जाने वाली राजधानी दिल्ली से सामने आई है।"

इससे यह मालूम पड़ता है कि पहले से ही ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही थी कि रेहड़ी वालों को जिहादी और रोहिंग्या कह कर इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाया जा सकें।

इस वीडियो में साफ़-साफ़ भड़काया जा रहा है और कहा जा रहा है कि वो जिस भाषा में सुनेंगे उसमें जवाब दिया जाएगा और लाठी उठा कर आगे आए हिन्दुओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

एक फेसबुक पेज "संघर्ष साथ के लिए" द्वारा एक लाइव वीडियो पोस्ट किया गया, इस लाइव वीडियो में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान पर यह आरोप लगाया गया है कि वो हिन्दुओं को भगाकर यहां पर मुसलमानों को बसाना चाहते हैं तथा धमकी देते हुए कहा गया है कि “अब बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है हिन्दू, जवाब देने के मूड में है" और कहा जा रहा है कि मुसलमान और रोहिंग्या मिल कर फल बेचने के बहाने रेहड़ी जिहाद कर रहे हैं, यहाँ लोगों को भड़काया जा रहा है और कहा जा रहा है कि जिन्होंने तलवारों के बल पर अपने मत बदल दिए वो हमारे सामने क्या खड़े होंगे और हिन्दू समुदाय के लोगों से अपील की जा रही है कि वे आगे आएं और ये जिहाद को रोकें। 

इसी वीडियो में आगे हिमांशु यादव नाम का आदमी ये बात साफ़ करते हुए बोल रहा है कि जो लोग इस लड़ाई को लड़ने आगे आये हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, वो असल में मार्किट के व्यापारी है ही नहीं बल्कि अलग-अलग हिन्दू संगठनो के लोग हैं, यहाँ वो बता रहे हैं कि अभी-अभी हम मार्किट के व्यापारियों का ब्रेन वाश करके आए हैं और कल हम भारी संख्या में फिर आएंगें।

इसी वीडियो में अंचल शर्मा नाम के एक शख्स ने देवी देवताओं का उदहारण देते हुए कहा कि देवी देवता के पास भी शस्त्र हैं, इसलिए हमें भी शस्त्र उठाना चाहिए क्योंकि बिना हथियार उठाये ये जंग नहीं जीती जा सकती है। वह आगे कहता है कि मुसलमान कौम ऐसी कौम है जिसको मारोगे नहीं, डराओगे नहीं तो ये आपके सर पर चढ़ जाएगी। 

इन्होंने यह भी साफ़ किया है कि सीएए प्रोटेस्ट के वक़्त वह तलवार लेकर आर्य समाज रोड पर मुसलमानों को मारने गया था। वीडियो में यह भी बताया गया है कि उनका असामाजिक तत्वों से मतलब मुसलमान हैं और सारे रेहड़ी पटरी वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं, इसमें लोगों को ये कह कर भी भड़काया जा रहा है कि जो हिन्दू आज शांत बैठे हैं, वो कल जाकर मुसलमान बन जाएंगे। यहाँ पे अंचल शर्मा लोगों से ये भी कहते नज़र आए कि जिन लोगों को भी हथियार या तलवार चाहिए, वो उनसे संपर्क करें।  

दूसरे शख्स रविंदर चौहान ने भी बताया कि वो भी तलवार और हथियार लेकर सीएऐ प्रोटेस्ट के वक़्त खड़े थे, इन्होंने ये भी अपील की कि हिन्दुओं ने अगर अपनी दुकान या मकान किसी मुसलमान को किराये पर दे रखी हैं तो उनको खाली करवाना चाहिए। इन्होंने कहा कि हम अपने सांसद से बात करके पुलिस वाले पर प्रेशर डालेंगे की किसी भी मुसलमान की रेहड़ी हमारे एरिया में नहीं लगनी चाहिए।

आगे रविंदर चौहान ने बताया कि हम कट्टर बीजेपी हैं और अपने सांसद से बात करेंगे और वो इसका हल जरूर निकालेंगे। इसी वीडियो में पुनीत दक्ष कहते हुए नज़र आये कि हिन्दुओं के एक बच्चे हैं तो मुसलमानों के बारह, लेकिन एक बात याद रखें कि एक खून की सजा भी फांसी है और 12 की भी। आगे पुनीत ने मुसलमानों को ‘काक्रोच’ से तुलना करते हुए कहा कि हम काक्रोच को पिंजरे में बंद नहीं करते, बल्कि मार देते हैं। आगे रविंदर ने कहा कि जहाँ रेहड़ी वाला दिखें तो तुरंत मारो। पुलिस पकड़े तो छुड़ा के लाओ, लेकिन छोड़ो मत। इसी वीडियो में आगे दिखाया गया है कि किस तरह से रेहड़ी वालों को भगाया जा रहा है।

इस लाइव वीडियो में मौजूद आजाद विनोद जो बार-बार धमकी देते हुए कह रहे थे कि हम कुछ भी करने में सक्षम हैं और नमूना दिखाने को तैयार थे। वो सुदर्शन वाहिनी नामक एक संस्था के अध्यक्ष भी हैं, जो कि करीब एक साल से ये अभियान चला रहे हैं कि पिछले साल भी इन्होंने कई रेहड़ी वाले को सामान बेचने से रोका था और कुछ ट्वीट भी किए थे जिसमें साफ-साफ लिखा था कि "हिंदू सुदर्शन वाहिनी ने दिल्ली में एक नई शुरुआत की है जिससे हिंदू केवल हिंदू की ही दुकान से सामान खरीदें इसलिए हिंदू इलाकों में अब उनके फल-सब्जी आदि के ठेले उपलब्ध होंगे।" इससे साफ पता चलता है कि ये अभियान एक साल से चलाया जा रहा है और तो और आजाद विनोद का बीजेपी एमएलए टी राजा और नरसिंहानंद जो कि पहले भी इस्लाम को लेकर उल्टे सीधे बयान देते आए हैं उनके साथ भी उठना बैठना है। इससे यह मालूम पड़ता है कि ये महज एक लड़ाई नहीं थी बल्कि एक सुनियोजित अजेंडे के तहत चलाया जा रहा कार्यक्रम था क्योंकि अगर यह लड़ाई होती तो दुकानदारों के बदले अलग-अलग हिंदू संगठन के लोग इस लड़ाई को नहीं लड़ रहे होते।

25 जून को हिमांशु ने एक पोस्ट शेयर किया जिसमें उसने पैरामिलिट्री जवानों को तस्वीर साझा करते हुए लिखा "मिलाप नगर मार्केट में जिहादियों के खिलाफ चलाए जा रहे मुहिम से जिहादी तिलमिलाए हुए हैं, जिससे मार्केट के दुकानदारों को आशंका है कि कहीं कोई जिहादी किसी दुकानदार पर हमला न कर दे। इसलिए डीसीपी संतोष कुमार मीणा जी से बात करके मार्केट में पैरामिलिट्री फोर्सेस की गश्त कराई गई और यह साफ संदेश दे दिया है कि अगर हिंदू दुकानदार भाइयों की तरफ किसी जिहादी ने आँख उठाकर भी देखा तो अंजाम निश्चित बहुत बुरा होगा।"

जहां पर वारदात हुई, वहां जाने पर कोई भी रेहड़ी वाला मौजूद नहीं था। उत्तम नगर वेस्ट मेट्रो स्टेशन के नीचे कुछ ने रेहड़ी लगाना शुरू कर दिया है। उनसे बात करने पर पता चला कि जिस रेहड़ी वाले से लड़ाई शुरू हुई थी उसने किसी बंद दुकान के सामने अपनी रेहड़ी खड़ी की थी और तीन दुकान बाद जिसकी दुकान थी उसने आकर रेहड़ी वाले को गाली दी और हटाने को कहा। इसके बाद दोनो में जमकर बहस हुई और सारे दुकान वाले इकट्ठा हो गए और मार पीट शुरू हो गई। कोई भी रेहड़ी वाला इस बात को ऑन रिकॉर्ड बोलने को तैयार नहीं है कि सभी लोग डरे हुए हैं।

मार पीट में घायल हुए रिजवान से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि “मैं मिलाप नगर मार्केट में सेब की रेहडी लगाता हूं। 18 जून को करीब रात 9 बजे जब मैं अपनी रेहड़ी पर तिरपाल ढक कर अपने घर की ओर जा रहा था, तब रास्ते में कुछ लोग जय श्रीराम के नारे लगाते हुए आ रहे थे। उनमें से 3-4 लोगों ने मुझे रोक कर पूछा कि तेरा क्या नाम है। मैंने जैसे ही बताया रिजवान, तो 2-3 लड़को ने मुझे डंडे से मारना शुरु कर दिया, लात घूसों से मारा और मेरे सिर पर भी डंडा से हमला किया। कह रहे थे कि रेहडी मार्केट में नहीं लगेगी। जिन 3-4 लोगों ने मेरे ऊपर मारपीट व हमला किया है, उन्हें मैं सामने आने पर पहचान सकता हूँ। । इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये।"

दर्ज की गई एफआईआर में यही बात लिखी गई थी।

पश्चिमी दिल्ली में फल विक्रेताओं के नेता अजय सिंह ने बताया  “एक रेहड़ी पटरी वाले और एक दुकानदार के बीच अगर विवाद हुआ तो उसमे सारे रेहड़ी वालों की क्या गलती थी। इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर गरीब का शोषण किया जा रहा है और प्रशासन भी इसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह एक फल विक्रेता और दुकानदार के बीच एक छोटी सी लड़ाई के कारण शुरू हुआ।  हालांकि, कई असामाजिक तत्व इसमें शामिल हो गए और इस मामले को सांप्रदायिक बना दिया। बाद में, रिजवान नाम के हमारे एक विक्रेता को लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने निशाना बनाया। वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की है, लेकिन आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। रिजवान को करीब 10-15 लोगों ने मारा जबकि एफआईआर में सिर्फ 3-4 लोगों का ही जिक्र है। जब पुलिस से बात की गई और पूछा कि आपने किसी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया तो पुलिस का कहना था कि वो किसी को पहचानेगा तब तो गिरफ़्तारी मुमकिन है। लेकिन वहाँ पहले से ही कईं सीसीटीवी लगे हुए हैं, जिससे इस बारे में पता किया जा सकता है। इससे साफ जाहिर है कि प्रशासन की नाक के नीचे, उसकी जानकारी में यह सब किया जा रहा है क्योंकि पहले भी जबरन वसूली को लेकर हमने डीसीपी को शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।"

इसके बाद उत्तम नगर वेस्ट के बुध बाजार रोड में पोस्टर लगाए गए, सोशल मीडिया पर बजरंग दल के नाम वाले पोस्टर और मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान करने वाले पोस्टर वायरल होने के बाद, डीसीपी द्वारका ने रविवार को ट्वीट किया कि स्थानीय पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है।

डीसीपी द्वारका ने ट्वीट करते हुए कहा कि "संबंधित क्वार्टर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।"

डीसीपी ने मुद्दे पर पूछे जाने पर बताया कि “हमने एफआईआर दर्ज़ कर ली है और अभी एमएलसी की पूरी रिपोर्ट नहीं आई है। हम आगे कार्रवाई में लगे हुए हैं।"

(लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार निजी हैं।)

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