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दिल्ली में शमशान घाट, कब्रिस्तानों की संख्या बढ़ाने को लेकर याचिका दायर

कोविड-19 के कारण रोज ‘‘बड़ी संख्या’’ में लोगों की मौत के कारण शहर में शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा।
दिल्ली में शमशान घाट, कब्रिस्तानों की संख्या बढ़ाने को लेकर याचिका दायर
Image courtesy : Deccan Herald

नयी दिल्ली : चार मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के कारण रोज ‘‘बड़ी संख्या’’ में लोगों की मौत के कारण शहर में शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा। जबकि इससे पहले नगर निगमों ने श्मशानों में लकड़ियों की कमी का मुद्दा भी उठाया था। अब नगर निगमों ने लकड़ी के वैकल्पिक व्यवस्था पर जोड़ देना शुरू कर दिया है।    

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और नगर निकायों को नोटिस जारी कर उनसे याचिका पर जवाब मांगा।

अदालत ने प्राधिकारियों को याचिकाकर्ता प्रत्यूष प्रसन्न द्वारा उपलब्ध आंकड़ों पर विचार करते हुए अपने जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

वकील स्निग्धा सिंह के जरिए दायर याचिका में प्रसन्न ने दावा किया, ‘‘अस्पतालों में बिस्तरों और जांच किट तथा ऑक्सीजन आपूर्ति जैसे अन्य सामान की भारी कमी के कारण देश में खासतौर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है।’’

याचिका में कहा गया है, ‘‘इसके चलते शमशान घाट और कब्रिस्तान भर गए हैं और शवों का अंतिम संस्कार करने में काफी वक्त लग रहा है। अत: शमशान घाट और कब्रिस्तानों की संख्या अस्थायी तौर पर बढ़ाने की आवश्यकता है।’’


दिल्ली नगर निगमों ने श्मशानों में लकड़ी की कमी को पूरा करने लिए दाह-संस्कार में गोबर के उपलों के उपयोग की अनुमति दी

कोविड-19 से हो रही मौतों की बढ़ती संख्या और दाह-संस्कार के लिए लकड़ी की कमी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में दो नगर निगमों ने मृतकों के अंतिम संस्कार में गाय के गोबर से बने उपलों के उपयोग की अनुमति दे दी है।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि निगम के अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी गऊशालाओं से कहा गया है कि वे गाय के गोबर से उपले बनाने की मशीनें अपने यहां लगाएं। उन्होंने कहा कि सीएसआर निधि से इन मशीनों को लगाने के लिए धन दिया जाएगा।

कोविड-19 महामारी से हो रही मौतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

एक परिपत्र के अनुसार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न शमशानों में मृतकों के अंतिम संस्कार में गाय के गोबर से बने उपलों के उपयोग को अनुमति दे दी है।

उसमें कहा गया है कि पराली और गाय का गोबर मिलाकर बनने वाले उपलों को बनाने में निगम एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों और अन्य सामाजिक संगठनों से मदद लेगा और विभिन्न शमशानों में लकड़ी के स्थान पर उपले उपलब्ध कराएगा।

वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने भी कहा कि उन्होंने भी सात-आठ दिन पहले ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

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