म्यांमा में चक्रवात मोखा से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 54 हुई
बैंकॉक: म्यांमा में पिछले सप्ताहांत आए विनाशकारी चक्रवात मोखा से कम से कम 54 लोगों की मौत हो चुकी है और 1.85 लाख से अधिक इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी पर प्रसारित खबर से यह जानकारी मिली है।
हालांकि, खबर में कहा गया है कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में संचार ढांचे को पहुंचे नुकसान और सूचनाओं के प्रवाह पर सैन्य शासन द्वारा लगाए प्रतिबंधों के कारण मोखा से म्यांमा में जान-माल की वास्तविक हानि का पता नहीं चल पाया है।
पिछले रविवार को बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात मोखा ने बांग्लादेश और पश्चिमी म्यांमा के रखाइन प्रांत में दस्तक दी थी, जिससे क्षेत्र में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश हुई थी।
रखाइन प्रांत की सितवे बस्ती के पास टकराए इस चक्रवात के कारण इलाके में लगभग 209 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली थीं। हालांकि, सोमवार को देश के भीतरी हिस्सों की तरफ बढ़ते समय यह कमजोर होकर उष्णकटिबंधीय चक्रवात में तब्दील हो गया।
मानवीय मामलों के समन्वय से जुड़े संयुक्त राष्ट्र (संरा) कार्यालय ने कहा कि पूरे रखाइन प्रांत में बड़े पैमाने पर घर और बुनियादी ढांचा तबाह हो गए हैं। उसने कहा, “क्षेत्र में आश्रय, स्वच्छ पानी, खाद्य सहायता और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की तत्काल जरूरत है।”
Myanmar: People in urgent need of shelter, water, food, fuel & health services amid devastation of #CycloneMocha.@UNOCHA warns of risk of waterborne diseases & exposed landmines in flooded areas.
Humanitarian response underway, but more funding needed. https://t.co/YBw14xt1FF pic.twitter.com/3qv26BO5xR— United Nations (@UN) May 18, 2023
संरा कार्यालय ने कहा, “बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों के प्रसार और बारूदी सुरंगों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।” रखाइन प्रांत म्यांमा में दशकों से जारी जातीय संघर्ष का केंद्र है।
संरा कार्यालय ने कहा, “चक्रवात का असर देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में भी महसूस किया गया, जहां बड़ी संख्या में घर या तो ढह गए या बह गए। तेज हवाओं और बारिश ने काचिन प्रांत में विस्थापितों के शिविरों को भी भारी नुकसान पहुंचाया।”
Earthquakes across Türkiye & Syria, and Cyclone Mocha in Myanmar & Bangladesh made clear, disasters know no borders.
8 years on from the adoption of the #SendaiFramework, we must admit that our progress has not kept pace with the urgency of our days.https://t.co/otkcZkiE9R pic.twitter.com/x7WO2tipN3— UN GA President (@UN_PGA) May 18, 2023
(समाचार एजेंसी भाषा/एपी इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।