चक्रवात ताउते: नौसेना ने तूफान में फंसे बजरे पर सवार 177 लोगों को बचाया
मुंबई: भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आए चक्रवातीय तूफान ‘ताउते’ के कारण समु्द्र में अनियंत्रित होकर बहे एक बजरे पर सवार 177 लोगों को बचा लिया है और बाकियों की तलाश अभी जारी है।
बंबई हाई तेल क्षेत्र में तैनात बजरा ‘पी305’ सोमवार को लंगर से खिसक गया था। उसके समुद्र में अनियंत्रित होकर बहने की जानकारी मिलने के बाद बचाव कार्य के लिए नौसेना के पोत तैनात किए गए थे। बजरे में 273 लोग सवार थे।
अधिकारी ने कहा कि रात 11 बजे तक बजरे पर सवार 60 लोगों को और बाकियों को रातभर चले अभियान के दौरान बचाया गया। वहीं, नौसेना का एक हेलिकॉप्टर तीन लोगों को आज सुबह आईएनएस शिकरा पहुंचाया।
आईएनएस शिकरा को पहले आईएनएस कुंजलि कहा जाता था, जो दक्षिण मुंबई के कोलाबा स्थित नौसेना का एक हवाई स्टेशन है।
सरकारी तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने सोमवार को कहा था कि बजरे ‘पी305’ , चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ की वजह से लंगर से खिसक गया और समुद्र में अनियंत्रित होकर बह रहा है।
सूत्रों के अनुसार, यह एक ऐसा बजरा है, जिसमें लोगों को ठहराया या सामान रखा जाता है, इसलिए इसमें इंजन नहीं लगा है।
एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने बचाव कार्य के लिए मंगलवार सुबह बहुमिशन समुद्री गश्ती विमान पी-81 को तैनात किया था।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि एक अन्य बजरा ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ बहकर कोलाबा पॉइंट के उत्तर में 48 समुद्री मील दूर चला गया, इसमें 137 लोग सवार हैं। एक आपातकालीन ‘टोइंग’ पोत 'वाटर लिली', दो सहायक पोत और सीजीएस सम्राट को क्षेत्र में मदद के लिए तथा चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए भेजा गया है।
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘ आईएनएस तलवार एक अन्य तेल रिग सागर भूषण और बजरे एसएस-3 की मदद के लिए जा रहा है। दोनों ही अभी पीपावाव बंदरगाह से लगभग 50 समुद्री मील दक्षिण पूर्व में हैं।’’
सागर भूषण में 101 और बजरे एसएस-3 पर 196 लोग सवार हैं।
गुजरात: तटरक्षकों ने समुद्र में फंसे दो वाहनों से 16 लोगों को बचाया
अहमदाबाद: भारतीय तटरक्षकों ने ताउते चक्रवात के चलते गुजरात के वेरावल बंदरगाह के निकट समुद्र में फंसी मतस्य नौका में सवार आठ मछुआरों को मंगलवार को बचा लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा तटरक्षक बल के दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने बेहद खराब मौसम के बीच (पड़ोसी महाराष्ट्र) के सतपति तट के निकट समुद्र में फंसे 'गल कंस्ट्रक्टर' जहाज के चालक दल के आठ सदस्यों को भी बचा लिया।
गुजरात के एक रक्षा प्रवक्ता द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मछुआरों के फंसे होने की सूचना मिलने का बाद तटरक्षक गोताखोर अपनी बचाव नौका के साथ वहां पहुंचे और मछुआरों को तट पर सुरक्षित वापस ले आए।
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार वेरावल बंदरगाह के निकट फंसी तीन नौकाएं मंगलवार तड़के समुद्र में उतरी थीं। उसी दिन ताउते चक्रवात ने गिर-सोमनाथ जिले में वेरावल के निकट उना तालुका में दस्तक दी थी।
उप संभागीय मजिस्ट्रेट एस एन जनकत ने कहा कि तेज हवा के चलते रस्सियां टूटने बाद ये तीनों नौकाएं समुद्र में फंस गईं थी। एक नौका में आठों मछुआरे सवार थे जबकि शेष दोनों नौकाएं खाली थीं।
उन्होंने कहा कि भारी नुकसान के कारण मंगलवार सुबह एक नौका समुद्र में डूब गई।
चक्रवात ताउते ने गुजरात में मचाई तबाही, सात की मौत
गुजरात में चक्रवात ताउते से जुड़ी घटनाओं में कम से कम सात लोगों की जान चली गई जबकि इसकी वजह से तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि चक्रवाती तूफान की वजह से 16,000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि 40 हजार से ज्यादा पेड़ और एक हजार से ज्यादा बिजली के खंभे इसकी वजह से उखड़ गए।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात ‘ताउते’ सोमवार की मध्यरात्रि में सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव और उना के बीच गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है।
यह गुजरात तट से ‘अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान’ के रूप में गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ गया।
आईएमडी ने अपने नवीनतम बुलेटिन में बताया कि मंगलवार सुबह यह सौराष्ट्र क्षेत्र में अमरेली के निकट “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर बना हुआ था और दोपहर बाद इसके कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की उम्मीद है।
आईएमडी के सुबह साढ़े 10 बजे के बुलेटिन के मुताबिक चक्रवात अमरेली से 15 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व, सुरेंद्रनगर से करीब 125 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और अहमदाबाद से 205 किलोमीटर दक्षिणपश्चिम में था तथा इस दौरान हवा की रफ्तार 125 किलोमीटर प्रतिघंटे से घटकर 105-115 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की तीव्रता के कमजोर पड़ने के बावजूद यह अपने पीछे काफी तबाही छोड़ कर गया है और कम से कम सात लोगों की जान गई है, जिनमें से भावनगर में तीन तथा राजकोट, पाटण, अमरेली और वलसाड में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) के एक अधिकारी ने चक्रवात की वजह से तीन मौत की पुष्टि की है जिनमें राजकोट, वलसाड और भावनगर में एक-एक व्यक्ति के मरने की बात कही गई है।
पाटण ए-संभाग पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात तेज हवाएं चलने से, घर में सो रही एक महिला पर बिजली का खंभा गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
एक स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि भावनगर के पलिताना तालुका के बादेली गांव में घर की दीवार गिरने से एक महिला व उसकी बेटी की मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि एक अन्य घटना में अमरेली जिले के राजुला में सोमवार रात एक मकान की छत ढहने से एक लड़की की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री रुपाणी ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि चक्रवात की वजह से 16500 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से अधिकतर छप्पर वाले थे, वहीं 40 हजार से ज्यादा पेड़ उखड़ गए और 1081 खंभे भी उखड़ गए, जिनमें से अधिकतर बिजली के थे।
उन्होंने कहा कि 159 सड़कों को नुकसान पहुंचा है जबकि विभिन्न कारणों से 196 मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, जिनमें से 45 को वाहनों की आवाजाही के लिये फिर से खोल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 2437 गांवों में बिजली नहीं थी, जिनमें से अब तक 484 गांवों की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
रुपाणी ने कहा कि प्रदेश सरकार की मुख्य चिंता प्रदेश के करीब 1400 अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों की निर्बाध उपचार की है।
उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में से 16 को चक्रवात की वजह से बिजली आपूर्ति ठप होने का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इनमें से 12 की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है जबकि चार में अभी जनरेटरों से काम चल रहा है।
उन्होंने बताया कि भावनगर के एक संयंत्र में चक्रवाती तूफान की वजह से चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन का काम बाधित हुआ लेकिन सुरक्षित (बफर) स्टॉक से आपूर्ति जारी है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है जबकि इस इलाके के कुछ स्थानों पर भारी से बेहद भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
इसमें कहा गया कि हवा की गति दिन में घटने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र के दो तटीय जिलों में 18.43 लाख उपभोक्ता बिजली से वंचित हुए
महाराष्ट्र में कोंकण तट के पास से गुजरने के बाद सोमवार की रात दीव और ऊना के बीच सौराष्ट्र क्षेत्र में, गुजरात तट पर आए चक्रवाती तूफान 'ताउते' के कारण रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में 18.43 लाख उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
इन दो जिलों के 3,665 गांवों के 52 प्रतिशत उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है, जबकि बाकी इलाकों में बिजली बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।
बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि शेष उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए 13,172 कर्मचारी अथक प्रयास कर रहे हैं।
रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, रायगढ़, ठाणे और पालघर जिलों के कुल 13,389 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, रायगढ़ जिले में 8,383 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
रत्नागिरी और पालघर जिलों में क्रमशः 4,563 और 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सिंधुदुर्ग और ठाणे में क्रमशः 190 और 53 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया।
पूरे गोवा में 19 मई तक बहाल हो जाएगी विद्युत आपूर्ति
पणजी: गोवा में चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के कारण बाधित हो गयी विद्युत आपूर्ति बुधवार तक बहाल हो जाएगी। राज्य के विद्युत विभाग विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
तेज हवा के साथ आयी वर्षा के चलते पारेषण केबल, खंभे और पेड़ उखड़ जाने के कारण गोवा के ज्यादातर हिस्से अंधेरे में डूब गए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ‘‘ हम गोवा में 80 फीसद बाधित विद्युत आपूर्ति बहाल कर ली है। बाकी 20 फीसद आपूर्ति कल (बुधवार) सुबह तक बहाल कर ली जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मरम्मत का कार्य दिन-रात चल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ चक्रवात से बहुत नुकसान हुआ है। ’’
अधिकारी ने बताया कि 700-800 'लो टेंशन' वाले खंभे टूट गये जबकि 100 हाई टेंशन वाले 11 केवी खंभे भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
चक्रवाती तूफान के असर से राजस्थान में जयपुर सहित अनेक जगह बारिश
जयपुर: अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते के असर से बीते चौबीस घंटे में राजधानी जयपुर सहित राजस्थान के अनेक हिस्सों में बारिश दर्ज की गई है।
मौसम केंद्र के अनुसार, इस दौरान सबसे अधिक 50 मिली. बारिश भीलवाड़ा में दर्ज की गई। इसी तरह चित्तौड़गढ़ में 25 मिमी. , डबोक में 20.6 मिमी., वनस्थली में 20 मिमी, सवाई माधोपुर में 16 मिमी , बूंदी में 14 व अजमेर में 11.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने ताउते के असर से मंगलवार को उदयपुर, सिरोही, राजसमंद, डूंगरपुर, पाली और जालौर जिले में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
वहीं राजधानी जयपुर में कल देर रात से ही बूंदाबांदी व बारिश हो रही है। सुबह साढ़े आठ बजे तक 2.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
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