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डीयू के शिक्षकों ने लगाया आईपीसीडब्ल्यू में शिक्षक पदों के आवंटन में ‘‘विसंगतियों’’ का आरोप

शिक्षकों ने अरोप लगाया है कि रोस्टर में इस प्रकार गड़बड़ी की गई है कि विभिन्न विभागों में अनुसूचित जनजाति के तीन पद ‘‘समाप्त’’ हो गए।
delhi university
फ़ोटो साभार: PTI

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षकों ने ‘इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वूमन’ (आईपीसीडब्ल्यू) में आरक्षित श्रेणी में शिक्षक पदों के आवंटन में ‘‘विसंगतियों’’ का आरोप लगाते हुए कुलपति को एक पत्र लिखा है।

शिक्षकों ने अरोप लगाया है कि रोस्टर में इस प्रकार गड़बड़ी की गई है कि विभिन्न विभागों में अनुसूचित जनजाति के तीन पद ‘‘समाप्त’’ हो गए।

शिक्षकों के अनुसार 2019 में आईपीसीडब्ल्यू के वाणिज्य विभाग में अनुसूचित जनजाति के लिए केवल एक रिक्ति थी, जो इस वर्ष शून्य हो गई है। उन्होंने दावा किया कि अर्थशास्त्र विभाग में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया।

शुक्रवार को लिखे पत्र में शिक्षण परिषद के सदस्यों सहित दस शिक्षकों ने कुलपति योगेश सिंह से इस मामले में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

आईपीसीडब्ल्यू की प्राचार्य पूनम कुमरिया ने इस संबंध में ‘पीटीआई-भाषा’’ की ओर से किए गए फोन का कोई जवाब नहीं दिया।

पत्र में कहा गया है, ‘‘हम दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में शिक्षण पदों के आवंटन में लगातार होने वाली खामियों के बारे में आपको अवगत कराना चाहते हैं। यह वर्तमान वक्त की कठोर सच्चाई है, जहां हम देखते हैं कि प्रशासक भर्ती के परिदृश्य में श्रेणियों की अनदेखी के प्रयास करते हैं।’’

शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि रोस्टर में इस प्रकार की गड़बड़ी की गई कि विभिन्न विभागों में अनुसूचित जनजाति के तीन पद ‘‘समाप्त’’ हो गए।

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