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दिल्ली: 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की कोशिश, आख़िर क्या बदला निर्भया के बाद?

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में निर्भया के बाद रेप के मामलों में 176% का हुआ इज़ाफ़ा हुआ है।
12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की कोशिश
Image Credit: Aasawari Kulkarni/Feminism In India

राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा के तमाम दावों के बीच आए दिन महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध सुर्खियों में हैं। हाल ही में सबसे बड़े कोविड सेंटर में नाबालिग के साथ कथित दुष्कर्म की घटना के बाद एक बार फिर पश्चिम विहार में 12 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या की कोशिश का मामला सामना आया है। इस वारदात के बाद दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर फिर से बहस तेज़ हो गई है। एक ओर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं, तो वहीं दूसरी दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष भी इस मामले में पुलिस की सक्रियता को कठघरे में खड़ा कर रही हैं।  

क्या है पूरा मामला?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना चार अगस्त को पश्चिम विहार के पीरागढ़ी में हुई। 12 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या का प्रयास भी किया गया। बच्ची के पूरे शरीर पर धारदार चीज से वार के निशान हैं।

पुलिस का कहना है कि जिस समय बच्ची पर हमला हुआ, वह अकेली थी। उसके माता-पिता काम पर गए हुए थे। पड़ोसियों ने बच्ची को खून से लथपथ देखने के बाद पुलिस और उसके परिवार को इसकी सूचना दी।

फिलहाल बच्ची का एम्स में इलाज चल रहा है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 307 और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।

दिल्ली पुलिस में पश्चिमी रेंज की संयुक्त आयुक्त शालिनी सिंह ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को 33 साल के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम कृष्ण है और वह मंगोलपुरी का रहने वाला है। वहीं एक फैक्ट्री में काम करता है। आरोपी पर पहले के 4 क्रिमिनल केस दर्ज हैं। जिनमें 1 हत्या,1 हत्या की कोशिश और 2 चोरी के हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूला किया है। आरोपी लूट के मकसद से आया था, लेकिन बच्ची ने उसे देख लिया तो उसने बच्ची के साथ वारदात की। जांच के लिए पुलिस की 20 टीमें काम कर रही थीं। 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गयी।

दिल्ली सरकार ने क्या किया?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीड़ित बच्ची के परिवार को 10 लाख की सहायता राशि देने का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने एम्स का दौरा कर पीड़ित बच्ची और परिजनों से भी मुलाकात की।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि "मैंने इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है। दोषियों को पकड़ने की पुलिस कोशिश कर रही है। सबसे अच्छा वकील करके दोषियों को सख्त सज़ा दिलाएंगे।"

विपक्ष क्या कर रहा है?

कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजधानी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर एम्स के बाहर दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार भी बच्ची से मिलने एम्स गए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता उपराज्यपाल से मिलकर बच्ची के लिए न्याय की मांग करेंगे।

वहीं, पूर्वी दिल्ली के सांसद और भाजपा नेता गौतम गंभीर ने भी दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की है।

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अस्पताल में पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान स्वाति मालीवाल ने डॉक्टरों से पीड़िता की स्थिति के बारे में जानकारी भी ली। जिसके बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि बच्ची की हालत बहुत गंभीर है। उसे बहुत गंभीर चोटें आयी हैं लेकिन उसकी हालत स्थिर है।

स्वाति मालीवाल ने कहा, “बच्ची के सिर में कई जगह फ्रैक्चर (हड्डी टूटना) है. पूरे शरीर पर दांत से काटने के निशान हैं। उसे इतनी बुरी तरह पीटा गया है कि उसके शरीर के हर अंग पर चोट के निशान हैं।”

गिरफ्तारी में देरी को लेकर पुलिस कठघरे में!

डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने इस मामले में गिरफ्तारी को लेकर हो रही देरी के लिए पुलिस पर सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि घटना के दो दिन बाद भी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।

स्वाति ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए लिखा, “मैं डीसीपी को सम्मन कर रही है और उनसे जांच के बारे में सवाल करने वाली हूं।”

पुलिस ने बुधवार को बताया था कि वह बच्ची के पड़ोसियों से पूछताछ कर रहे हैं और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं ताकि आरोपी की पहचान हो सके। इस पर स्वाति ने सवाल उठाते हुए पुलिस से पूछा कि कौन से सीसीटीवी फुटेज देखे गए हैं? अभी तक कितनों के बयान दर्ज किए गए हैं? यह कैसे संभव है कि आरोपी अभी भी फरार है?

बता दें कि दिल्ली में कानून व्यवस्था यानि लॉ एंड ऑर्डर केंद्र सरकार के अधीन है। इसे लेकर कई बार केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार भी देखने को मिली है।

आख़िर निर्भया के बाद क्या बदला?

गौरतलब है कि 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद जन सैलाब सड़कों पर उमड़ा था। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर बड़े-बड़े वादे हुए, कानून में संशोधन हुए, सरकार बदली लेकिन दिल्ली में महिलाओं की स्थिति जस की तस बनी रही। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में निर्भया के बाद रेप के मामलों में 176% का हुआ इजाफा हुआ है। साल 2012 में दिल्ली में रेप के 706 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2019 की 15 नवंबर तक ही 1 हजार 947 मामले दर्ज हो चुके हैं।

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