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दिल्ली: क्या कोरोना के नए मामलों में आई है कमी? या जाँच में कमी का है असर? 

दिल्ली में अचानक कोरोना मामलों में कमी आई है। आखिर केस कम होने के पीछे क्या कारण है? क्योंकि इस बीच कोरोना जाँच में भी भारी कमी हुई है। आँकड़े बताते हैं कि जाँच की संख्या घटाकर आधी कर दी गई है।
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Image courtesy : Hindustan

देश की राजधानी में पिछले कुछ दिनों में अचानक कोरोना के नए मामलों में दस हज़ार/प्रतिदिन से अधिक की कमी आई है। जबकि पॉजिटिविटी रेट यानी संक्रमण दर में मामूली कमी ही देखने को मिल रही है। कोरोना की तीसरी लहर में अब तक दिल्ली में एक दिन में सबसे अधिक 28,867 मामले सामने आए थे। उसके बाद से लगातर नए केसो में कमी आ रही है। तो क्या सच में दिल्ली में कोरोना की रफ़्तार धीमी पड़ गई है या कोई और वजह है?

दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार, 17 जनवरी को  राज्य में 12527 नए मामले आए थे। जबकि एक दिन पहले यानी रविवार 16 जनवरी की बात करें तो यह आकड़ा 18286, 15 जनवरी को 20718, 14 जनवरी को 24383, 13 जनवरी को 28867, 12 जनवरी को 27561 था। 

जबकि इस बीच दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को राज्य में पॉजिटिविटी रेट 27.99 फीसदी रही। इसमें रविवार को गिरावट हुई और फिर सोमवार को एक मामूली बढ़त देखने को मिली। 16 जनवरी की बात करें तो पॉजिटिविटी रेट 27.87 फीसदी रही, 15 जनवरी को 30.64%, 14 जनवरी को 30.64%, 13 जनवरी को 29.21%, 12 जनवरी को 26.22%.पॉजिटिविटी रेट था। 

क्या नए मामलों में कमी जाँच की कमी से हुई?

ये आँकड़े दिखा रहे हैं कि कोरोना के मामलों में कमी आई है परन्तु आखिर केस कम होने के पीछे क्या कारण है? क्योंकि इस बीच कोरोना जाँच में भी भारी कमी हुई है। आँकड़े बताते हैं कि जाँच की संख्या घटाकर आधी कर दी गई है। सरकार ने कोरोना जाँच करने को लेकर नए दिशा निर्देश भी दिए हैं। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगो को कोरोना जाँच करवाने से मना किया जा रहा है। 

एक बार हम पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई जाँच में कमी के आँकड़े पर नज़र डालते हैं। अगर हम 17 जनवरी की बात करें तो कुल 44762 लोगो की जाँच की गई ,16 जनवरी को 65621, 15 जनवरी को 67624, 14 जनवरी को 79578, 13 जनवरी को 98832, 12 जनवरी को 105102 लोगो की कोरोना जाँच की गई थी। यानी पिछले पांच दिनों में रोज़ाना लगभग 39,481 सैंपल जाँच में कमी की गई है। 

आपको बता दें कि सबसे ज़्यादा केस 13 जनवरी को (28,867 केस) मामले सामने आए थे। उस दिन 98,832 सैंपल टेस्ट हुए थे। 

हालाँकि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात को मानने से इंकार किया है कि टेस्ट में कमी से नए मामलों में कमी आई है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टेस्ट कम होने से केस कम नहीं होते. जिन्हें हल्के लक्षण हैं या हाई रिस्क कॉन्टैक्ट हैं तो ऐसे व्यक्ति टेस्ट जरूरत करवाते हैं। 

ICMR  की नई गाइडलाइंस 

इन जाँच में कमी का कारण इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(ICMR) की नई गाइडलाइंस को भी माना जा रहा है। कोरोना टेस्टिंग पर ICMR की नई गाइडलाइन केंद्र सरकार की तरफ से जारी नए दिशा निर्देश में कहा गया है कि कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है, जब तक उनकी पहचान ज्यादा जोखिम (High Risk) वाले व्यक्ति के तौर पर न हो। हाई रिस्क में बुजुर्गों और अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को ही रखा गया है। 

नए नियम से आम लोग परेशान हो रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित था तो अब उसे नेगेटिव टेस्ट कराने की जरुरत नहीं है। जबकि अगर आप एक बार संक्रमित हो जाते है तो जब तक आप अपनी नेगटिव रिपोर्ट नहीं दिखाते हैं तब तक आपको अपने ऑफिस या सार्वजनिक जगह एंट्री नहीं मिलती है। इसके साथ ही अगर कोई ट्रेवल के लिए टेस्ट कराना चाह रहा है तो उसका भी टेस्ट नहीं हो रहा है। सरकार के इस नए नियम के बाद से दिल्ली ही नहीं बल्कि देश में कई टेस्टिंग सेंटर को बंद भी कर दिया गया है, इसके चलते लोंगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

देश में क्या हैं हालात 

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,38,018 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,76,18,271 हो गई। संक्रमण के कुल मामलों में कोरोना वायरस के ‘ ओमिक्रॉन’ स्वरूप के 8,891 मामले भी शामिल हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर कुल 17,36,628 हो गई है, जो कुल मामलों का 4.62 प्रतिशत है। देश में 230 दिन में उपचाराधीन मरीजों की यह संख्या सर्वाधिक है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 80,287 की वृद्धि दर्ज की गयी। वहीं, 310 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,86,761 हो गई। देश में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर घटकर 94.09 प्रतिशत हो गई है।

मंत्रालय ने बताया कि देश में सोमवार से ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप के मामलों में 8.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

विशेषज्ञों के अनुसार, हरेक संक्रमित के नमूनों का जीनोम अनुक्रमण मुमकिन नहीं है, लेकिन इस मौजूदा लहर में अधिकतर मामले ‘ ओमिक्रॉन’ स्वरूप के ही हैं।

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