उच्च न्यायालय ने तिहाड़ जेल में सुविधाओं की कमी को लेकर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

नयी दिल्ली स्तिथ तिहाड़ जेल पिछले कुछ दिनों से अपनी विशेष सेवाओं के लिए चर्चा में हैं लेकिन वो सुविधा आम कैदियों को नसीब नहीं। जेल में कई कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलना कोई नई बात नहीं है। दूसरी तरफ़ ये भी सच है की आम कैदियों को उनके मूलभूत अधिकारों से भी वंचित किया जाता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने तिहाड़ जेल में साफ-सफाई और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की कथित कमी को लेकर दायर याचिका पर राष्ट्रीय राजधानी की सरकार से सोमवार को जवाब तलब किया।
अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय विधि सेवा समिति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो कैदियों द्वारा समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराए जाने और जेल परिसर का निरीक्षण करने के बाद दायर की गई है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को सूचीबद्ध की है।
दिल्ली सरकार का पक्ष स्थायी अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी और अधिवक्ता अरुण तवंर ने रखा।
समिति ने कहा कि वकीलों की समिति ने जेल परिसर का निरीक्षण किया और पाया कि परिसर में पर्याप्त पेयजल उपलब्ध नहीं है और शौचालयों की स्थिति भी ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि शौचालयों के दरवाजें टूटे हैं जिससे कैदियों की निजता का रोजाना हनन होता है।
समिति ने पाया कि कैदियों का जीवन स्तर खराब है और परिसर में मेनहोल का पानी बाहर फैला है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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