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दिल्ली की हवा और धरातल का तापमान बेसलाइन के औसत से अधिक : सीएसई

दिल्ली का हीट इंडेक्स (जिसे मौसम का 'रीयल फ़ील' भी कहा जाता है) 30.53 डिग्री सेल्सियस था जो बेसलाइन के आंकड़े 28.89 डिग्री सेल्सियस से अधिक था।
heatwave

इस साल मार्च और मई के बीच दिल्ली में वायु तथा धरातल का तापमान वर्ष 1981-2010 की बेसलाइन की तुलना में काफ़ी अधिक था और हीट इंडेक्स 2010-19 की सीमा से काफी ऊपर था। ये तथ्य सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक अध्ययन में पाया गया है।

"अर्बन हीट स्ट्रेस इन मेजर सिटीज ऑफ इंडिया: डेल्ही'' शीर्षक वाले अध्ययन में पाया गया कि इस वर्ष मार्च से मई तक (मानसून से पहले) देश की राजधानी के वायु का औसत तापमान 30.03 डिग्री सेल्सियस था जो कि 28.25 डिग्री सेल्सियस के 30 साल (1981-2010) के बेसलाइन से ज्यादा था जबकि भूमि की सतह का औसत तापमान (एलएसटी) इसकी बेसलाइन से 1.95 डिग्री सेल्सियस अधिक था। वहीं, दिल्ली का हीट इंडेक्स (जिसे मौसम का 'रीयल फील' भी कहा जाता है) 30.53 डिग्री सेल्सियस था जो बेसलाइन के आंकड़े 28.89 डिग्री सेल्सियस से अधिक था।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो बाहरी दिल्ली के नरेला, बवाना, फतेहपुर जट और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के बदरपुर में इस साल 14 मई को भूमि की सतह का उच्चतम तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस था।

यह भी पाया गया कि पिछले आठ वर्षों में शहर के कुछ हिस्सों में भूमि की सतह का तापमान 53.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

सीएसई के इस विश्लेषण में पूर्व-मानसून मौसम के दौरान दिल्ली के लिए गर्मी के पैटर्न में बदलाव का आकलन करते हुए, लैंड इमेजरी एंड थर्मल इंफ्रारेड सेंसर डेटा का विश्लेषण करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के EarthExplorer पोर्टल का इस्तेमाल किया।

इसमें कहा गया है कि सामान्य तौर पर सबसे कम एलएसटी वाले क्षेत्र यमुना के किनारे और ओखला पक्षी अभयारण्य के पास थे।

इस अध्ययन में इस साल प्री-मानसून अवधि के दौरान शहर भर में हीट इंडेक्स और हवा के तापमान में काफी अंतर पाया गया है जिससे यह पता चलता है कि आस-पड़ोस के क्षेत्र से छह डिग्री का अंतर है।

राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में मौसमी वायु का तापमान सबसे ज्यादा दर्ज किया गया जिसका औसत तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस था वहीं अरबिंदो मार्ग 28.1 डिग्री सेल्सियस शहर का सबसे ठंडा स्थान था।

हीट इंडेक्स के अनुसार सिरी फोर्ट में उच्चतम मौसमी औसत 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद चांदनी चौक में 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शादीपुर (29.1 डिग्री सेल्सियस) और अरबिंदो मार्ग (29.6 डिग्री सेल्सियस) अलग अलग छोर पर है। इन दोनों जगहों पर सबसे कम एवरेज सीजनल हीट इंडेक्स रीडिंग दर्ज किया गया।

इस अध्ययन के सह-लेखक तथा सीएसई के अर्बन लैब में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “समग्र तापमान विसंगति, अत्यधिक गर्मी की स्थिति तथा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में गर्मी के पैटर्न में मिश्रित प्रवृत्तियों को समझना अप्रत्याशित जोखिम का आकलन करने के लिए आवश्यक हो गया है। वर्तमान में, मुख्य रूप से रोजाना की अधिकतम गर्मी के स्तर और गर्मी की लहरों की चरम स्थितियों पर ध्यान दिया जाता है, लेकिन इस समस्या की गंभीरता को समझने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते समग्र तापमान और आर्द्रता के रुझान पर ध्यान देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।”

सीएसई के रिसर्च एंड एडवोकेसी की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी का कहना है कि हीट-एक्शन प्लान और गर्मी से बचने वाले जंगलों, शहरी हरियाली और जल निकायों के क्षरण को रोके बिना गर्मी के चलते स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ेंगे। वह आगे कहती हैं, "जलवायु संकट के कारण बढ़ती गर्मी को कम करने के लिए नीतिगत तैयारी भारत में लगभग नगण्य है और यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि औद्योगिक प्रक्रियाओं और एयर कंडीशनर से कंक्रीटाइजेशन, हीट-ट्रैपिंग संरचनाओं और अपशिष्ट गर्मी को पलट कर शहर की गर्मी के दबाव के खिलाफ कार्रवाई की जाए।"

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