महाराष्ट्र के बजट में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए विशेष प्रावधान की मांग

मुंबई: स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ) महाराष्ट्र दक्षिण ज़ोन ने आगामी बजट के लिए राज्य सरकार को विभिन्न प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। एसआईओ ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार शिक्षा के लिए आवंटित बजट में 20% तक की बढ़ोतरी करे। इसमें उच्च शिक्षा, वर्तमान शैक्षिक मानकों और विशेषकर मुस्लिम एवं अल्पसंख्यक छात्रों से संबंधित कई सुझाव भी दिए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मार्च 2025 की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार के बजट सत्र का आरंभ होगा।
एसआईओ का कहना है कि स्वतंत्रता के सात दशकों बाद भी भारत में मुस्लिम समुदाय सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन से पीड़ित है। मंडल आयोग (1980) सहित विभिन्न समितियों जैसे, गोपाल सिंह समिति (1983), सच्चर समिति (2006), कुंडू समिति (2014) और डॉ. महमूदया रहमान समिति (2013) आदि की रिपोर्टों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुस्लिम समुदाय अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से भी पीछे है। इन परिणामों के आलोक में सरकार को इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
ऐसी सभी चुनौतियों से निपटने के लिए स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन दक्षिण महाराष्ट्र ने निम्नलिखित सुझाव रखे हैं–
1. राज्य सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में बजट में 20% तक की बढ़ोतरी करनी चाहिए, ताकि सभी को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
2. एसआईओ ने सरकार का ध्यान मुस्लिम छात्रों की बुनियादी शिक्षा और बढ़ते ड्रॉपआउट रेट की ओर आकर्षित किया। साथ ही महाराष्ट्र में उर्दू माध्यम स्कूलों की खस्ता हालत पर खेद व्यक्त किया और महाराष्ट्र सरकार से इस संबंध में ठोस कदम उठाने की मांग की है।
3. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में प्रौद्योगिकी के उपयोग के संबंध में मांग की गई। एआई और विभिन्न प्रौद्योगिकी उपकरणों के माध्यम से शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाना, साथ ही कॉलेजों में करियर काउंसलिंग सेल स्थापित करना और इन सब चीजों के लिए सरकार से पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराना आदि।
4. अल्पसंख्यक छात्रों के लिए एमएएनएफ और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति बहाल की जानी चाहिए तथा इस प्रकार की अधिक छात्रवृत्तियां शुरू की जानी चाहिए।
5. मुस्लिम छात्रों को शिक्षा में उत्कृष्ट अवसर और सार्वजनिक क्षेत्रों में रोजगार के लिए 10% आरक्षण दिया जाना चाहिए।
6. महाराष्ट्र में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इन सभी प्रस्तावों के साथ ही छात्र संगठन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्य विविध एवं विस्तृत प्रस्ताव भी प्रस्तुत किए। शिक्षा के अलावा एसआईओ ने कई अन्य बिंदुओं पर भी सुझाव दिए हैं, जिनमें मुस्लिम मोहल्लों के रखरखाव से संबंधित मांगें भी शामिल हैं। इनमें मुस्लिम क्षेत्रों में साफ़ सफ़ाई, गार्डनों और पार्कों की व्यवस्था, पुस्तकालयों और छात्र केंद्रों की स्थापना, कूड़ा कचरा का उचित प्रबंधन आदि शामिल हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एसआईओ महाराष्ट्र दक्षिण के प्रदेश अध्यक्ष सीमाब ख़ान ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को विकास कार्यों के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए। मुस्लिम छात्रों के लिए व्यापक नीतियां और पर्याप्त बजट सुनिश्चित और आवंटित किया जाना चाहिए।
2025-26 के बजट में महाराष्ट्र सरकार निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देने तथा एक प्रगतिशील समाज की स्थापना करने के लिए इन सिफारिशों को प्राथमिकता दे सकती है, जहां समाज के हर वर्ग को समान अधिकार प्राप्त हों।
(उवैस सिद्दीकी स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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