क्या आपको चिंता नहीं होती, हमें तो होती है: कपिल सिब्बल ने जीवा हत्याकांड पर शाह से पूछा
राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने पुलिस हिरासत में लोगों की हत्या की घटनाओं को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उनसे सवाल किया कि क्या वह इस तरह की घटनाओं को लेकर चिंतित नहीं हैं?
गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी के सहायक संजीव माहेश्वरी जीवा की लखनऊ अदालत परिसर के भीतर हत्या किए जाने के एक दिन बाद सिब्बल ने यह टिप्पणी की। उक्त घटना में दो वर्षीय एक बच्ची और एक पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे।
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘ कैसे और क्यों, उत्तर प्रदेश में (2017-2022) में पुलिस हिरासत में 41 लोगों को मारा गया है। पुलिस हिरासत में जीवा की लखनऊ अदालत में गोली मारकर हत्या। अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या। तिहाड़ में टिल्लू ताजपुरिया की गोली मारकर हत्या। अमित जी क्या आपको चिंता नहीं होती? हमें तो (चिंता) हो रही है।’’
How and Why :
41 people have been killed in police custody in UP(2017-2022)
Recently :
Jiva shot dead in Lucknow court in police custody
Atiq and Ashraf shot dead while in police custody
Tullu Tajpuria shot dead in Tihar
Amit ji :
Are you not worried?
We are !— Kapil Sibal (@KapilSibal) June 8, 2023
गौरतलब है कि जीवा की हत्या के मामले में कथित हमलावर विजय यादव (24) को कल शाम चार बजे के आसपास हुई घटना के तुरंत बाद मौके पर ही पकड़ लिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर ने अधिवक्ता की पोशाक पहन रखी थी और उसने करीब छह गोलियां चलाईं।
इस घटना के महज दो महीने पहले गैंगस्टर नेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की इसी तरह की एक घटना में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इन दोनों भाइयों की तीन हमलावरों द्वारा 15 अप्रैल को उस समय हत्या कर दी गई थी जब दोनों को पुलिस हिरासत में चिकित्सकीय जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था।
विपक्षी दलों ने बुधवार की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र पर निशाना साधा है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली और दूसरी सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी। बाद में समाजवादी पार्टी के समर्थन से सिब्बल राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए।
उन्होंने हाल में ‘इंसाफ’ नामक एक मंच शुरू किया है। उनके मुताबिक, इस मंच का उद्देश्य अन्याय से लड़ना है।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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