Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

इज़रायल निर्मित स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर अल-जज़ीरा के दर्जनों पत्रकारों को हैक किया गया

कनाडा स्थित सिटिजन लैब के अनुसार यूएई और सऊदी अरब ने कथित तौर पर इज़रायल स्थित एनएसओ समूह के स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके पत्रकारों के आईफ़ोन को हैक किया है।
इज़रायल

कनाडा के टोरंटो यूनिवर्सिटी के सिटीजन लैब ने सोमवार 21 दिसंबर को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात द्वारा इजरायल के साथ रिश्ते को सामान्य करने के समझौते से कुछ सप्ताह पहले जुलाई महीने में कतर आधारित अल जजीरा से जुड़े कम से कम 36 पत्रकार, प्रोड्यूसर और एंकर के निजी फोन को हैक करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने कथित तौर पर इजरायल निर्मित मैलवेयर (malware) का इस्तेमाल किया।

ये हैकिंग कथित रूप से अल-जज़ीरा के खिलाफ इन देशों द्वारा शुरू किए गए जासूसी अभियान का एक हिस्सा था जो कि क़तरी सरकार द्वारा समर्थित है। कतर की विरोधी राजनीतिक स्थिति और इस क्षेत्र के अधिकतर कार्यकाल में अलजजीरा के विवेचनात्मक दृष्टिकोण को लेकर 2017 के बाद से यूएई और सऊदी अरब दोनों की कतर के खिलाफ शत्रुता रही है। सऊदी अरब और यूएई का आरोप है कि कतर के मुस्लिम ब्रदरहुड, हमास और ईरान के साथ संबंध हैं। खाड़ी सहयोग परिषद के बाकी देशों ने कतर को ब्लॉक कर दिया है और इसके साथ संबंधों को सामान्य करने की उनकी 13 सूत्री मांग के तहत उन्होंने 2017 में अल-जज़ीरा को बंद करने के लिए कहा था।

सिटीजन लैब की रिपोर्ट में इस तरह के हमलों से इसके बचाव को लेकर कंपनी के दावों के खिलाफ इस तरह के स्पाईवेयर के लिए एप्पल आईफोन की कमजोरी को भी उजागर किया गया है। लैब के अनुसार इजरायली मैलवेयर आईफ़ोन में पैठ बनाने के लिए "जीरो क्लिक" तकनीक का उपयोग करता है। जीरो क्लिक तकनीक का मतलब है कि भले ही उपयोगकर्ता मैलिशियस कोड (malicious code) वाले लिंक पर क्लिक न करे फिर भी फोन संक्रमित हो जाएगा।

सऊदी अरब और यूएई दोनों पर पहले एक्टिविस्ट और पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए इजरायली स्पाईवेयर का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। एडवर्ड स्नोडेन ने दावा किया था कि सऊदी अरब ने एनएसओ निर्मित स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया था जिसका इस्तेमाल 2018 में जमाल खाशोगी की हत्या के लिए किया गया था।

सिटीजन लैब द्वारा खुलासा किए जाने के बाद पिछले साल इजरायल स्थित एनएसओ का पेगासस स्पाईवेयर खबरों में था। इसने खुलासा किया था कि इसका उपयोग दुनिया भर की विभिन्न सरकारों ने व्हाट्सएप मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप का उपयोग करके अपने असंतुष्टों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया था। इन लक्षित लोगों में भारत में भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े कार्यकर्ता, मैक्सिको, रवांडा, स्पेन और दुनिया भर के कई अन्य देशों के विरोधी शामिल हैं।

अमेरिका में इंस्टैंट मैसेजिंग कंपनी व्हाट्सएप द्वारा इजरायली कंपनी के खिलाफ अपने मंच का दुरुपयोग करने के लिए मुकदमा दायर किया गया था। इजरायल में एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित कई मानवाधिकार संगठनों ने इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके उनके कर्मचारियों को हैक करने के मामलों का खुलासा होने के बाद मुकदमा दायर किया है जिसमें इजरायल में अदालतों से एनएसओ का निर्यात लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा गया।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest