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ईडी ने 12 घंटे की पूछताछ के बाद अनिल देशमुख को किया गिरफ़्तार

देशमुख को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ़्तार किया गया है। वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था।
anil deshmukh

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 12 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। धन शोधन का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है।

अधिकारियों ने बताया कि देशमुख (71) को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देशमुख पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब देने से बचते रहे। उन्होंने बताया कि एजेंसी देशमुख को मंगलवार को यहां एक स्थानीय अदालत में पेश कर उन्हें हिरासत में दिए जाने का अनुरोध करेगी।

सूत्रों ने बताया कि राकांपा नेता अपने वकील और सहयोगियों के साथ सोमवार सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित एजेंसी के कार्यालय में आए। कार्यालय में पहुंचने के तुरंत बाद उनसे पूछताछ का दौर शुरू हो गया।

देशमुख इस मामले में ईडी द्वारा जारी किए गए कम से कम पांच सम्मनों पर पेश नहीं हुए थे, लेकिन बंबई उच्च न्यायालय के गत सप्ताह इन सम्मनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए।

संघीय जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत राकांपा नेता के बयान दर्ज किए। वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था।

पूछताछ ओर बयान दर्ज कराने के सत्र काफी लंबे चले क्योंकि अधिकारियों ने बताया कि देशमुख इस मामले में ‘‘अहम व्यक्ति’’ हैं और उनसे मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे द्वारा किए गए खुलासों समेत मामले में कई बिंदुओं पर पूछताछ करने की आवश्यकता है।

देशमुख ने ईडी कार्यालय जाने से पहले एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह गत सप्ताह बंबई उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद खुद एजेंसी के समक्ष पेश हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया में कहा गया कि मैं ईडी के साथ सहयोग नहीं कर रहा हूं...मुझे सम्मन भेजे जाने के बाद मैं दो बार सीबीआई के समक्ष पेश हुआ...उच्चतम न्यायालय में मेरी याचिका लंबित है लेकिन इसमें समय लगेगा। अत: मैं खुद ईडी के पास जा रहा हूं। ईडी ने जब जून में छापा मारा था तो मैंने और मेरे परिवार ने उसके साथ सहयोग किया था।’’

देशमुख ने पूछा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह कहां हैं? उन्होंने कहा कि उन्होंने मेरे खिलाफ रिश्वत के आरोप लगाए, लेकिन वह अब कहां हैं?

बंबई उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर को दिए अपने फैसले में कहा कि देशमुख यह साबित करने में असफल रहे हैं कि एजेंसी उनके खिलाफ दुर्भावना से कार्रवाई कर रही है। अदालत ने यह कहा कि यदि देशमुख को इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका है, तो उनके पास किसी भी अन्य वादी की तरह उचित अदालत के पास जाकर राहत मांगने का अधिकार है।

अदालत ने निदेशालय को निर्देश दिया कि वह देशमुख से पूछताछ के दौरान उनके वकील को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में इतनी दूरी पर मौजूद रहने की अनुमति दे, जहां वह उन्हें ‘‘देख सकें, लेकिन सुन नहीं सकें।’’

ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला तब दर्ज किया, जब सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उन पर मामला दर्ज किया। देशमुख महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी सरकार में गृह मंत्री थे।

देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद चिकित्सकीय जांच के लिए मंगलवार को दक्षिण मुंबई स्थित सरकारी जेजे अस्पताल ले जाया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि ईडी कार्यालय में रात बिताने के बाद देशमुख को सुबह करीब सवा 10 बजे अस्पताल लाया गया। इसके बाद उन्हें एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।

देशमुख की गिरफ़्तारी राजनीति से प्रेरित, मकसद गठबंधन के नेताओं की छवि खराब करना : नवाब मलिक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है और राज्य की महा विकास आघाड़ी सरकार के नेताओं की छवि खराब करने के मकसद से की गई है।

केंद्र पर निशाना साधते हुए, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मलिक ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग कर नेताओं को डराना बंद किया जाना चाहिए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “देशमुख की गिरफ्तारी की समूची कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। यह महा विकास आघाड़ी (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) के नेताओं को डराने के मकसद से की गई।”

इस बीच, देशमुख की गिरफ्तारी पर खुशी जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई का सामना करने की अगली बारी शिवसेना के मंत्री अनिल परब की है।

परब की ओर से दाखिल 100 करोड़ रुपये के मानहानि संबंधी वाद में सोमैया को 23 दिसंबर को बंबई उच्च न्यायालय में पेश होने को कहा गया है। उन्होंने कहा, “अब हमें पता चल जाएगा कि देशमुख द्वारा जमा किए गए 100 करोड़ रुपये कहां गए।”

सोमैया ने आरोप लगाया है कि राज्य के परिवहन मंत्री, परब ने पर्यावरण विभाग की मंजूरी के बिना रत्नागिरि जिले में समुद्र के किनारे रि़जॉर्ट का निर्माण कार्य शुरू किया।

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