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अहमदाबाद में कोविड-19 अस्पताल में आग लगने से आठ मरीज़ों की मौत

अस्पताल में आग के दौरान 25 वर्षीय एक परिचारक ने साहस और बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए तीन बुजुर्ग रोगियों के जीवन की रक्षा की।
अहमदाबाद
साभार : NDTV

अहमदाबाद (गुजरात) : अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार तड़के आग लगने से कोविड-19 के आठ मरीजों की मौत हो गई।

अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित नवरंगपुर इलाके के श्रेय अस्पताल में बृहस्पतिवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे आग लगी। हादसे में आईसीयू वार्ड में भर्ती पांच पुरुष और तीन महिलाओं की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 के करीब 40 अन्य मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें शहर के एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अहमदाबाद दमकल विभाग के एक अधिकारी ने कहा,‘‘ आग लगने की वजह से श्रेय अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कोरोना वायरस के आठ मरीजों की मौत हो गई। आग पर काबू पा लिया गया है।’’

अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की बात सामने आई है।

सहायक पुलिस आयुक्त एल. बी. जाला ने कहा, ‘‘विस्तृत जांच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए हैं।’’

अहमदाबाद नगर निगम ने शहर के 60 निजी अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए चिह्नित किया है, जिसमें श्रेय अस्पताल भी शामिल है।

नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आग लगने के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी, जो कुछ मिनटों में ही आईसीयू वार्ड तक पहुंच गई।

प्रमुख स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि भी मौके पर पहुंची और जांच का आश्वासन दिया।

इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हादसे की जांच के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दो आईएएस अधिकारी, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव संगीता सिंह और शहरी विकास विभाग के एएससी मुकेश पुरी मामले की जांच करेंगे।

बयान के अनुसार, उनसे तीन दिन के अंदर रिपोर्ट दायर करने को कहा गया है।

अधिकारी ने बताया कि गुजरात में कोविड-19 के 1,073 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमण के मामले बुधवार को 66,777 हो गए। वहीं वायरस से मरने वालों की संख्या 2,557 है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दु:ख, हालात का जायजा लिया

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दु:ख जताया और हताहत हुए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अहमदाबाद की मेयर बिजल पटेल से इस सिलसिले में बात भी की और हालात का जायजा लिया।

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अहमदाबाद के अस्पताल में हुई आग की दु:खद घटना से मन व्यथित हो गया। शोकसंतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है।’’

झारखंड के मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने शोक जताया

झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अहमदाबाद के अस्पताल में हुए अग्निकांड में आठ लोगों की मौत पर गहरा शोक प्रकट किया है।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने एक बयान में अहमदाबाद के कोविड अस्पताल में हुए हादसे पर गहरा दुख प्रकट करते हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ संवेदना प्रकट की है। उन्होंने घायल मरीजों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी अस्पताल में हुए अग्नि कांड में हुई मौतों पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। भगवान शोक संतप्त परिवारों को अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दें।’’

बहादुर परिचारक ने तीन बुजुर्ग रोगियों को बचाया

अस्पताल में आग के दौरान 25 वर्षीय एक परिचारक ने साहस और बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए तीन बुजुर्ग रोगियों के जीवन की रक्षा की।

आग चार मंजिला अस्पताल के चौथे तल पर सुबह करीब साढ़े तीन बजे लगी।  जब आग लगी तब चौथे तल पर 11 रोगी मौजूद थे।

पुलिस के मुताबिक, कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए चौथे तल पर एक विशेष आईसीयू चैंबर बनाया गया था।

अस्पताल के परिचारक चिराग पटेल ने अपने जीवन को खतरे में डालते हुए तीन बुजुर्ग रोगियों को आग से बचाया। उन्होंने कहा कि एक अन्य परिचारक ने चौथे तल पर सुबह करीब तीन बजे पहली बार आग देखी।

पटेल ने पुलिस को बयान देने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसके बाद जब मैं चौथे तल पर गया तो मैंने एक रोगी के बिस्तर के पास लगे मेडिकल उपकरण से आग निकलते देखा। तुरंत उस रोगी के बाल में आग लग गई। मैंने इसे तुरंत बुझा दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने वहां से बिस्तर हटाया तो एक अन्य परिचारक के पीपीई सूट में आग लग गई। संयोग से एक चिकित्सक पानी की बाल्टी के साथ ऊपर आए और परिचारक पर पानी डालकर उसे बचा लिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अचानक आईसीयू वार्ड में विस्फोट हो गया। हालांकि, हम रोगियों को बचाने के लिए फिर गए लेकिन धुआं भरा होने और काफी कम दृश्यता की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका।’’

पटेल के मुताबिक, चूंकि अन्य परिचारक और चिकित्सक धुएं के कारण असहज महसूस कर रहे थे इसलिए उन्होंने वहां रूकने का फैसला किया और दूसरों को नीचे जाने के लिए कहा।

इस बीच अस्पताल के कर्मियों ने अग्निशमन दल को सूचित किया।

पटेल ने बताया कि चौथे तल पर उन्होंने सबसे पहले एक बुजुर्ग महिला को बाहर निकाला और फिर एक बुजुर्ग महिला एवं पुरुष रोगी को वहां से बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि धुआं काफी बढ़ जाने के कारण फिर वह अंदर नहीं जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मैं तीन गंभीर रोगियों को बचा सका। मेरे लिए अपनी जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण रोगी की जिंदगी है।’’

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