बेबीलोन के लोग पाइथागोरस प्रमेय को पाइथागोरस के भी पहले से जानते थे, मिट्टी के टेबलेट पर नक्काशी से पुष्टि
एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि 3,000 साल से अधिक पुरानी मिट्टी के टेबलेट पर खुदी हुई नक्काशी इस विश्वास की पुष्ट करती है कि पाइथागोरस के ज्यामितीय सिद्धांत के बारे में खुद पाइथागोरस से सदियों पहले बेबीलोनिया के लोगों को पता था।
एक मिट्टी के टेबलेट (मिट्टी से बनी छोटी केक जैसी संरचना) को 'Si.427' का नाम दिया गया है, जिसके बारे में अनुमान है कि यह लगभग 3, 700 वर्ष पुराना है। यह प्राचीन मिट्टी का टेबलेट 1, 900 और 1, 600 ईसा पूर्व के बीच की अवधि का प्राचीन बेबीलोन काल से जुड़ा हुआ है। हालांकि, मिट्टी का यह खास टेबलेट सिर्फ पुरातात्विक टुकड़ा भर नहीं है; इसमें उकेरकर इस्तेमाल की गयी ज्यामितीय संरचना सही अर्थों में गणित और गणित का असली जीवन में होने वाले प्रयोग को लेकर मानवीय ज्ञान के कई रोमांचक पहलुओं को भी सामने रखता है।
इस टेबलेट की खोज उन्नीसवीं सदी के अंत (1894) के दौरान मौजूदा इराक़ में हुई थी, और तब से यह इस्तांबुल पुरातत्व संग्रहालय में संरक्षित है। इस Si.427 पर पाइथागोरस त्रिभुज की गणनाएं अंकित हैं। यह इस तथ्य की पुष्टि करता है कि पाइथागोरस के यूनानी दार्शनिक और गणितज्ञ पाइथागोरस के जन्म के एक हज़ार साल पहले भी ज़्यादा समय से ज्यामिति के ये पाइथागोरस सिद्धांत बेबीलोनिया के लोगों को ज्ञात थे।
Si.427 से जुड़ा यह निष्कर्ष 4 अगस्त को जर्नल फाउंडेशन ऑफ साइंस में प्रकाशित किये गये हैं। इस अध्ययन की रिपोर्ट ऑस्ट्रेलिया स्थित सिडनी की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ डॉ. डेनियल मैन्सफ़ील्ड ने तैयार की है।
मैन्सफील्ड ने पहले भी बेबीलोनियाई मिट्टी के एक टेबलेट की अहम खोज की थी, जिसमें ज्यामितीय गणनाएं अंकित थीं। मैन्सफील्ड के साथ उसी यूनिवर्सिटी में काम कर रहे शोधकर्ता नॉर्मन वाइल्डबर्गर ने पहले इस सबसे पुरानी और सबसे सटीक त्रिकोणमितीय तालिका की सूचना दी थी। प्लिम्प्टन 322 के रूप में जाना जाने वाला टेबलेट पाइथागोरस सिद्धांत, यानी कि दो संख्याओं के वर्गों का योग तीसरी संख्या के वर्ग के बराबर होता है, उस सिद्धांत का इस्तेमाल करते हुए समकोण त्रिभुजों की व्याख्या करता है। इन संख्याओं को पाइथागोरस त्रिगुणन कहा जाता है (उदाहरण के लिए - 32 + 42 = 52)।
यह प्लिम्प्टन 322 भी बेबीलोनियाई काल का ही था, और मैन्सफ़ील्ड को इसमें इतनी दिलचस्पी थी कि उन्होंने उसी अवधि के पाइथागोरस सिद्धांत वाले ऐसे ही मिट्टी के टेबलेट की खोज शुरू कर दी थी; आखिरकार उन्हें Si.427 के रूप में वह मिल गया।
प्राचीन पुरातात्विक निष्कर्षों से ऐसे गणितीय सिद्धांतों की व्यावहारिक उपयोगिता पर टिप्पणी करते हुए मैन्सफील्ड ने कहा, “आप अचानक से त्रिकोणमिति के साथ नहीं आ मिलते हैं, बल्कि इसके लिए आप आमतौर पर कुछ व्यावहारिक रूप से कर रहे होते हैं।" मैन्सफील्ड ने इस टेबलेट के पीछे के उद्देश्य का भी खुलासा किया। इस टेबलेट पर की गयी गणितीय गणना क्यूनिफॉर्म लिपि (एक प्राचीन लिपि) में लिखी गई है। मैन्सफील्ड को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि इस टेबलेट में वास्तव में एक खलिहान और पास के बुर्ज़ वाले दलदली क्षेत्रों के एक इलाक़े को दर्शाता गया है। इस पर टिप्पणी करते हुए वह कहते हैं, "असल में Si.427 ज़मीन के एक ऐसे टुकड़े को लेकर है, जिसे बेचा जा रहा है।"
उनके मुताबिक़ पहले पैमाइश करने वाले इस इलाक़े का चित्रण आयतों में समान लंबाई के विपरीत सतहों से करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने पहले के मुक़ाबले लंबवत रेखाएं बनाने का एक तरीका तैयार कर लिया था।
“बहुत कुछ जिस तरह हम आज करते हैं, आपको कुछ ऐसे शख़्स से सामना होता है, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रहे होते हैं कि उनकी ज़मीन की सीमाएं कहां हैं, और फिर एक पैमाइश करने वाला आता है, लेकिन जीपीएस उपकरण का इस्तेमाल करने के बजाय, वह पाइथागोरस त्रिगुणक का उपयोग करता है। मैन्सफील्ड ने कथित तौर पर बताया, “एक बार जब आप समझ जाते हैं कि पाइथागॉरस त्रिगुणक क्या हैं, तो इसका मतलब यह है कि आपका समाज गणितीय परिष्कार के एक विशेष स्तर पर पहुंच गया है"।
Si.427 में तीन पाइथागोरस त्रिगुणक हैं और ये हैं - 3, 4, 5; 8, 15, 17 और 5, 12, 13।
दिलचस्प बात यह है कि Si.427 का काल उस अवधि से जुड़ा हआ है, जब निजी भूमि के स्वामित्व में बढ़ोत्तरी हो गयी थी। मिट्टी के ये टेबलेट जिस तरह से चित्रित किये गये हैं, उससे तो यही पता चलता है कि बेबीलोन के लोग भूमि के सीमांकन की समस्याओं को हल करने की इसी तरह से कोशिश कर रहे थे। उन्होंने इसे अंजाम देने का एक गणितीय तरीका विकसित कर लिया था और यह बात खाती है कि उस समय की कुछ जरूरतों को पूरा करने के लिए किस तरह से एक खास गणित को विकसित किया गया था।
अंग्रेजी में मूल रूप से प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
Engravings on Clay Tablet Confirm Babylonians Knew Pythagoras Theorem Before the Man Himself
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