Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

"आज भी पत्रकारिता ज़िंदा है, मगर मीडिया नहीं"

चरखा के 28वें स्थापना दिवस पर संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
Charkha award

नई दिल्ली: लेखन के माध्यम से गांव के सामाजिक मुद्दों को मीडिया में प्रमुखता दिलाने वाली सामाजिक संस्था चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क ने बुधवार को अपना 28 वाँ स्थापना दिवस समारोह मनाया। इस अवसर पर संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन बिराज पटनायक तथा मुख्य वक्ता के रूप में मुहिम संस्था की संस्थापक स्वाति सिंह उपस्थित थीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए चरखा अध्यक्ष उषा राय ने संस्था द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में संचालित कार्यक्रमों की रूपरेखा बताई। इसके बाद चरखा के पूर्व अध्यक्ष तिलक मुखर्जी, पूर्व सीईओ मारिओ नोरोहोना और पूर्व कोषाध्यक्ष अनिल सिंह को एक मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बिराज पटनायक ने वर्तमान परिदृश्य में मीडिया और वैकल्पिक पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जनमानस को प्रभावित करने में मीडिया की भूमिका अहम है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक एक समान विकास और सामाजिक समरसता को बनाए रखने में इसका किरदार प्रभावशाली है। लेकिन वर्तमान में मीडिया की भूमिका जनमानस की मीडिया नहीं रही, केवल पत्रकार रह गए हैं। उन्होंने कहा आज भी पत्रकारिता ज़िंदा है, मगर मीडिया नहीं।

पटनायक ने कहा कि जब कुछ वर्ष पूर्व इसके विकल्प में सोशल मीडिया एक प्रभावी माध्यम के रूप में सामने आया था तब यह उम्मीद बनी थी कि यहां उन आवाज़ों को जगह मिलेगी जिसे मुख्यधारा की मीडिया में कवरेज नहीं मिलती है, लेकिन अभी भी यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से सामाजिक मुद्दों पर लिखने वालों को चिह्नित कर उन्हें फ़ेलोशिप के माध्यम से मंच प्रदान करना और मीडिया तक उनकी पहुंच बनाने का चरखा का प्रयास सराहनीय है। बिराज पटनायक ने चरखा के माध्यम से संजॉय घोष द्वारा शुरू किये गए कार्यों और उनके दृष्टिकोण को ग्रामीण समाज के विकास में अहम प्रयास बताया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में स्वाति सिंह ने मीडिया मे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और किशोरियों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मीडिया के प्रमुख पदों पर पुरुष सत्तात्मक समाज का कब्जा है जिसे महिलाओं का इस क्षेत्र में आगे बढ़ना पसंद नहीं आता है। वह इनके लिए कई प्रकार से चुनौतियां खड़ी करने का प्रयास करता रहता है। उन्हें मानसिक रूप से हतोत्साहित करने का निरंतर प्रयास करता रहता है। लेकिन महिलाओं को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उनके सामने ऐसे चैलेंजेस और मुश्किलें आती रहेंगी। उन्होंने किशोरियों को मीडिया में बढ़चढ़ कर भागीदारी निभाने पर जोर दिया।

इस अवसर दो श्रेणियों में कुल 8 प्रतिभागियों को उनके लेखन के आधार पर संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड 2022 से सम्मानित किया गया। श्रेणी 1 में जहां भोपाल से रूबी सरकार, राजस्थान से शेफाली मार्टिन, जम्मू कश्मीर से रेहाना कौसर और बिहार से सीटू तिवारी तथा अर्चना किशोर को सम्मानित किया गया, वहीं श्रेणी 2 में लेखन के आधार पर चयनित युवा किशोरियां नीराज गुर्जर राजस्थान से, दिल्ली से माला कुमारी और उत्तराखंड से डॉली गड़िया को सम्मानित किया गया। सभी श्रेणियों की विजेताओं ने समाज में ग्रामीण किशोरियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर आलेख लिखा था। कार्यक्रम के अंत में चरखा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चेतना वर्मा ने उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने चरखा को आगे बढ़ाने और इसके विकास में योगदान दिया है और निरंतर दे रहे हैं।

संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड के विजेता

रूबी सरकार

शेफाली मार्टिन

नीराज गुर्जर

डॉली गड़िया

माला कुमारी

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest