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प्रदूषण से दुनियाभर में हर साल 15 लाख लोगों की मौत समय से पहले होती हैं

कनाडा के शोधकर्ताओं ने हाल ही में प्रदूषण को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रदूषण के कारण दुनियाभर में हर साल 15 लाख लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : पीटीआई

देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों की वायु गुणवत्ता प्रदूषण के चलते बहुत बदतर स्थिति में है। इसके चलते यहां रहने वाले लोगों को सांस संबंधी समस्याओं समेत अन्य प्रकार की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई लेवल हाल ही में पांच सौ को पार कर गया जिससे बच्चे और बूढ़े लोगों में खांसी और सांस लेने की समस्या बढ़ने लगी। इस दौरान डॉक्टर के पास बड़ी संख्या में खांसी के मरीज़ और सांस संबंधी रोगों के मरीज़ इलाज के लिए पहुंचे। वायु प्रदूषण की समस्या से केवल भारत के शहर ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देश के शहर ग्रसित हैं जहां बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हो रही हैं।

प्रदूषण चाहे किसी भी तरह का हो, इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी काफ़ी नुक़सानदेह है। प्रदूषण बढ़ने के चलते लोग अब ज़्यादा बीमार हो रहे है और यह बीमारी लोगों की जान तक ले रहा है। कनाडा के शोधकर्ताओं ने हाल ही में प्रदूषण को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रदूषण के कारण दुनियाभर में हर साल 15 लाख लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक़ शोधकर्ताओं ने बताया कि दुनियाभर में हर साल 15 लाख लोगों की समय से पहले मृत्यु की वजह महीन प्रदूषण कण (पीएम 2.5) हो सकते हैं। वहीं, अध्ययन में पाया गया है कि वायु प्रदूषण का कम स्तर सोच से कहीं अधिक ख़तरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हाल के आकलन के अनुसार, हर साल वायु प्रदूषण के बारीक कणों से लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण 42 लाख से अधिक लोगों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है।

पत्रिका साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन से संकेत मिलता है कि प्रदूषण के इन महीन कणों के संपर्क में आने से दुनियाभर में हर साल होने वाली मौत अनुमान से कहीं अधिक हो सकती है। कनाडा में मैकगिल विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर तथा मुख्य अनुसंधानकर्ता स्कॉट विचेंथल ने कहा, बाहरी पीएम 2.5 हर साल 15 लाख अतिरिक्त मौत के लिए ज़िम्मेदार हो सकता है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन 'खराब' श्रेणी में रही

भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई और आने वाले दिनों में हवाओं की रफ़्तार में संभावित वृद्धि के परिणामस्वरूप इसमें सुधार की संभावना जताई गई है। सरकारी एजेंसियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों की आवाजाही पर 13 नवंबर तक रोक रहेगी। परिवहन विभाग की एक समीक्षा बैठक में यह फ़ैसला लिया गया।

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