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फ़ैक्ट चेकः ओडिशा के बारे में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दावे भ्रामक

क्या नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट नड्डा के दावों की पुष्टी करती है? क्योंकि जेपी नड्डा इसी का हवाला दे रहे हैं। आइये, पड़ताल करते हैं।
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28 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओडिशा, कंधमाल में एक जनसभा को संबोधित किया। सभा में बोलते हुए उन्होंने ओडिशा में अपराधीकरण को लेकर कई दावे किए। उन्होंने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए कहा कि 'नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 'के मुताबिक, ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराध दोगुने हो गए हैं। यहां मानव तस्करी सबसे ज्यादा हो रही है। आदिवासी और दलित भाइयों पर सबसे ज्यादा उत्पीड़न ओडिशा में हो रहा है। ”

भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से इसे ट्वीट भी किया है। अब सवाल उठता है कि क्या सचमुच ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दोगुने हो गए हैं? क्या मानव तस्करी सबसे ज्यादा ओडिशा में है? क्या दलित और आदिवासी समुदाय के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले ओडिशा में है? क्या नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट इसकी पुष्टी करती है? क्योंकि जेपी नड्डा इसी का हवाला दे रहे हैं। आइये, पड़ताल करते हैं।

क्या ओडिशा में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले दोगुना हो गए हैं?

जेपी नड्डा का पहला दावा है कि ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दोगुना हो गए हैं। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि वे तुलना किस साल से कर रहे हैं। क्या पिछले साल की तुलना में इस साल दोगुना हो गये हैं या फिर 2019 में ओडिशा के चुनाव के बाद मामलों में दोगुना बढ़ोतरी हुई है? ख़ैर! हम दोनों ही तरीके से पड़ताल करते हैं।

जेपी नड्डा ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला दिया है तो आइये, एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट पर नज़र डालते हैं और देखते हैं कि सच्चाई क्या है?

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा में वर्ष 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 23,183 मामले दर्ज किए गये थे। वर्ष 2020 में 25,489 और वर्ष 2021 में कुल 31,352 मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी के आंकड़ें ये तो बता रहे हैं कि ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन किसी भी तरह से इस दावे की पुष्टी नहीं कर रहे हैं कि ओडिशा में मामलों की संख्या दोगुना हो गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में ओडिशा देश के पांचवें नंबर पर है, पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है।

क्या मानव तस्करी सबसे ज्यादा ओडिशा में है?

जेपी नड्डा का दूसरा दावा है कि ओडिशा में मानव तस्करी सबसे ज्यादा हो रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार मानव तस्करी के सबसे ज्यादा मामले ओडिशा में नहीं बल्कि महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं।

वर्ष 2021 में ओडिशा में मानव तस्करी के 129 मामले और 185 पीड़ित दर्ज किए गए हैं जबकि महाराष्ट्र में मामलों की संख्या 260 और पीड़ितों की संख्या 531 दर्ज की गई है। ओडिशा मानव तस्करी के मामले में देश में पहले नहीं बल्कि तीसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर महाराष्ट्र और दूसरे पर असम है। असम में मानव तस्करी के 149 मामले और 379 पीड़ित दर्ज किए गए हैं।

क्या दलित और आदिवासी समुदाय का सबसे ज्यादा उत्पीड़न ओडिशा में है?

एनसीआरबी कि रिपोर्ट के अनुसार देश में दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराधिक मामले ओडिशा में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए है।

ओडिशा में 2,327 जबकि उत्तर प्रदेश में 13,146 मामले दर्ज किए गए हैं।

इसी प्रकार आदिवासी समुदाय के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले ओडिशा में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार ओडिशा में 676 जबकि मध्य प्रदेश में 2,627 मामले दर्ज किए गए हैं।

निष्कर्ष

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दावों की पुष्टी नहीं करते हैं। ऊपर दिए आंकड़ों से स्पष्ट है कि जेपी नड्डा के दावे ग़लत है। वो नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला दे रहे हैं जबकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े ही उनके दावे की पुष्टी नहीं कर रहे हैं।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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