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देश के 10 राज्यों में कोविड-19 के दैनिक मामलों में तेजी से बढ़ोतरी

देश में टीका ‘उत्सव’ के बीच कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी जारी है। हालांकि कहने वाले कह रहे हैं कि पूरे देश में चुनाव करवा लो, या कुंभ जैसे मेले, कोरोना का झंझट ही ख़त्म हो जाएगा! कार्टूनिस्ट इरफ़ान भी इसी पर व्यंग्य कर रहे हैं।
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नयी दिल्ली: देश के 10 राज्यों- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और कुल दैनिक मामलों के 83.02 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों में ही सामने आए हैं।

भारत में कोरोना वायरस के दैनिक मामले लगातार बढ़ रहे हैं और पिछले 24 घंटे में संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 1,68,912 मामले सामने आए हैं।

महाराष्ट्र में सर्वाधिक 63,294 दैनिक मामले सामने आए है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 15,276 और दिल्ली में 10,774 नए मामले आए हैं।

महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, केरल, तेलंगाना, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में नए मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

भारत में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 12,01,009 हो गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 8.88 प्रतिशत है। देश में एक दिन में उपचाराधीन लोगों की संख्या में 92,922 मामलों की बढ़ोतरी हुई।

देश के कुल उपचाराधीन मामलों के 70.16  प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और केरल में हैं। कुल उपचाराधीन मामलों के 47.22 प्रतिशत केवल महाराष्ट्र में हैं।

भारत में संक्रमित होने के बाद अब तक 1,21,56,529 मरीज ठीक हो चुके हैं और पिछले 24 घंटों में 75,086 लोग स्वस्थ हुए हैं।

इसके अलावा, दैनिक मृतक संख्या भी लगातार बढ़ रही है और पिछले 24 घंटे में 904 लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई।

कुल मृतक संख्या में से मौत के 89.16 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में सामने आए। महाराष्ट्र में सर्वाधिक लोगों (349) की मौत इस वायरस से हुई। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 122 लोगों की मौत हुई।

पिछले 24 घंटे में नौ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों- ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, दमन एवं दीव, दादरा एवं नागर हवेली, मेघालय, सिक्किम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और अरुणाचल प्रदेश में संक्रमण से कोई मौत नहीं हुई।

देशव्यापी ‘टीका उत्सव’ के दूसरे दिन सोमवार तक भारत में कोविड-19 टीके की 10.45 करोड़ खुराक दी चुकी हैं।

मंत्रालय ने बताया कि सुबह सात बजे तक की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 15,56,361 सत्रों में टीके की 10,45,28,565 खुराक दी जा चुकी है। इनमें 90,13,289 स्वास्थ्यसेवा कर्मियों को पहली खुराक और 55,24,344 स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को दूसरी खुराक दी गई है। अग्रिम मोर्चे के 99,96,879 कर्मियों को पहली और 47,95,756 कर्मियों को दूसरी खुराक दी गई है।

इसके अलावा 60 साल से अधिक आयु के 4,05,30,321 लाभार्थियों को पहली और 19,42,705 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। देश में 45 से 60 साल के 3,20,46,911 लाभार्थियों को पहली और 6,78,360 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी गई है।

मंत्रालय ने बताया कि लोगों को दी जा चुकी टीकों की कुल खुराक में से 60.13 प्रतिशत खुराक महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और केरल में दी गई हैं।

टीका उत्सव के पहले दिन रविवार को करीब 30 लाख खुराकें लगाई गई। टीकाकरण अभियान के 86वें दिन यानी रविवार को टीकों की 29,33,418 खुराक लगाई गई।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर लगाई जा रही खुराकों की दैनिक संख्या के मामले में भारत शीर्ष पर बना हुआ है और देश में प्रतिदिन औसतन 40,55,055 खुराक लगाई जा रही हैं।’’

महाराष्ट्र के जिलों में कोविड-19 की रोकथाम के उपाय मानक से कम : केंद्रीय दल

मुंबई: कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने में समन्वय के लिए महाराष्ट्र भेजे गए केंद्रीय दल ने पाया है कि सतारा, सांगली और औरंगाबाद जिले में रोकथाम उपाय मानक से कम हैं। केंद्र द्वारा राज्य सरकार को भेजी गयी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि दल ने पाया है कि नियंत्रण के लिए संतोषजनक कदम नहीं उठाए जा रहे और निगरानी उपायों में कमी भी देखने को मिली।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कम कार्यबल के कारण बुलढाना, सतारा, औरंगाबाद और नांदेड़ में निगरानी और संपर्क में आए लोगों का पता लगाने का काम भी मानक से कम है। भंडारा गए दल ने कहा है कि ज्यादातर मामले निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर से आ रहे हैं।’’

महाराष्ट्र के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप व्यास को संबोधित रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय महामारी से निपटने की तैयारी और कदमों को लेकर समन्वय कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने महाराष्ट्र के 30 सबसे प्रभावित जिलों के लिए केंद्रीय दल भेजे हैं और ये दल कोविड-19 के प्रसार के कारणों को समझने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

दल को जांच, संक्रमितों का पता लगाने और रोकथाम उपायों पर ध्यान देते हुए जिला प्रशासन के साथ काम करने की जिम्मेदारी दी गयी है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सतारा, बुलढाना, पालघर, अमरावती, जालना और लातूर जिलों में जांच क्षमता बढ़ाए जाने से जांच के नतीजे आने में देरी हो रही है।’’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘नांदेड़ और बुलढाना के केंद्रीय दल ने आरटी-पीसीआर/आरएटी जांच का बहुत विषम अनुपात पाया है। भंडारा जिले में कोविड-19 जांच को लेकर समुदाय से प्रतिरोध की भी सूचना मिली है। भंडारा और सतारा जिले में कोविड-19 के ज्यादातर मरीज पृथक-वास में हैं, जिसपर आगे नजर रखे जाने की जरूरत है। इस तरह के मामलों में फिलहाल नजर नहीं रखी जा रही।’’

यह भी कहा गया है कि सतारा जिले में कुछ जगहों पर मरीजों के उपचार के लिए देर से पहुंचने पर अस्पताल में भर्ती होने के कुछ घंटे में मौत के मामले भी बढ़े हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘अहमदनगर, औरंगाबाद, नागपुर और नंदूरबार जिलों में अस्पतालों में उपलब्ध बेड के लिहाज से भर्ती मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। औरंगाबाद की टीम ने बताया है कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए पड़ोसी जिलों पर निर्भरता है।’’

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भंडारा, पालघर, उस्मानाबाद और पुणे में ऑक्सीजन की आपूर्ति एक मुद्दा हो सकता है। सतारा और लातूर जिलों में खराब वेंटिलेटर के भी मामले सामने आए हैं। अस्पताल स्तर पर और जिला स्तर पर बिना किसी देरी के ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर योजना बनायी जानी चाहिए।’’

रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय दल को औरंगाबाद, नंदूरबार, यवतमाल, सतारा, पालघर, जलगांव और जालना जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के भी मामले मिले।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि महाराष्ट्र में रविवार को कोविड-19 के 63,294 नए मामले सामने आये जो महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में सबसे अधिक मामले है। इससे राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 34,07,245 हो गयी है। राज्य में रविवार को संक्रमण से 349 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 57,987 हो गयी है।

देश को कोविड रोधी टीके की ज़रूरत, हर किसी को सुरक्षित जीवन का अधिकार : राहुल

नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगाने की पैरवी करते हुए सोमवार को कहा कि यह देश की जरूरत है क्योंकि सुरक्षित जीवन हर नागरिक का अधिकार है।

उन्होंने पार्टी की ओर से ‘स्पीकअप फॉर वैक्सीन्स फॉर ऑल’ हैशटैग से चलाए गए सोशल मीडिया अभियान के तहत यह टिप्पणी की। कांग्रेस ने सभी नागरिकों को टीका लगाए जाने की मांग करते हुए यह अभियान चलाया है।

कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना का टीका देश की जरूरत है। आपको इसके लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए। सुरक्षित जीवन हर किसी का अधिकार है।’’

राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने, टीके की कमी और सभी के लिए टीके की मांग का उल्लेख वाला एक वीडियो साझा भी किया।

गौरतलब है कि देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,68,912 नए मामले सामने आने के साथ सोमवार को संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,35,27,717 हो गए। संक्रमण के कारण 904 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,70,179 हुई।

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