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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा - लहसुन-प्याज नहीं खाती... इसलिए चिंता न करें

सांसद सुप्रिया सुले के सवाल, 'क्या आप प्याज खाती हैं ?'  पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, '‘मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती…इसलिए चिंता न करें। मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जहां प्याज से मतलब नहीं रखते'. भले ही यह वित्त मंत्री का सीधा जवाब हो फिर भी इस जवाब से वित्त मंत्री के बेरुखी का पता चलता है।
nirmala sitaraman
Image courtesy: India Today

वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि वे प्याज और लहसुन नहीं खातीं। राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने सीतारमण से पूछा था कि क्या वे प्याज खाती हैं? इस पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जहां प्याज-लहसुन से मतलब नहीं रहता। मैं भी इनका ज्यादा इस्तेमाल नहीं करती। मेरा परिवार शुद्ध शाकाहारी है, फिर भी प्याज की बढ़ती कीमतों का मसला देखूंगी।’’

सुप्रिया ने लोकसभा में कहा था, ‘‘प्याज का उत्पादन काफी निचले स्तर पर आ गया? हम चावल और दूध समेत अन्य चीजों का भारी मात्रा में निर्यात करते हैं। प्याज उत्पादन करने वाले किसान बहुत कम हैं। वास्तव में उन्हें सहायता देने की आवश्यकता है।’’ वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने बुधवार को प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर राज्यसभा में कामकाज रोको प्रस्ताव दिया था।

‘मैं ऐसे समूह का हिस्सा रही हूं, जो बाजार पर नजर रखते हैं’

सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं 2014 से कुछ ऐसे मंत्रियों के ग्रुप का भी हिस्सा रही हूं, जो प्याज के बाजार में उतार-चढ़ाव पर नजर रखते हैं। कई बार प्याज का उत्पादन कम होता है। तब हमने उन लोगों को भी सहायता दी है, जो प्याज का आयात करना चाहते हैं। हमने निर्यातकों के लिए भी रातों-रात 5 से 7% तक की सहायता के आदेश को मंजूरी दी है।’’

आगे उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाये हैं, जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘प्याज के भंडारण से कुछ ढांचागत मुद्दे जुड़े हैं और सरकार इसका निपटारा करने के लिए कदम उठा रही है।’

उन्होंने कहा कि खेती के रकबे में कमी आई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन सरकार उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठा रही है।

सीतारमण ने कहा कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मूल्य स्थिरता कोष का उपयोग किया जा रहा है. इस संबंध में 57 हजार मीट्रिक टन का बफर स्टाक बनाया गया है. इसके अलावा मिस्र और तुर्की से भी प्याज आयात किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान के अलवर जैसे क्षेत्रों से दूसरे प्रदेशों में प्याज की खेप भेजी जा रही है। 

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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