लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

सत्ता के नशे में क़ानून को ताक पर रखकर किसानों को रौंदने की हक़ीक़त आखिरकार सामने आ ही गई, एसआईटी ने आख़िरकार खुलासा कर ही दिया- कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र ने किसानों को जान मारने और उन्हें अंग-भंग करने की नीयत से उनको जीप से रौंद दिया था। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों के रौंदे जाने से लेकर अबतक, इस मामले में क्या-क्या हुआ या ये मामला कहां तक पहुंचा है, आइए एक नज़र डाल लेते हैं…
3 अक्टूबर
- डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर खीरी दौरे पर थे।
- खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी भी डिप्टी सीएम के साथ मौजूद थे।
- केशव प्रसाद मौर्य को वंदन गार्डेन में योजनाओं का शिलान्यास करना था।
- दोपहर के वक्त केशव प्रसाद मौर्य, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ उनके पैतृक गांव जाने वाले थे।
- मंत्री अजय मिश्र टेनी ने अपने गांव में दंगल का आयोजन करवाया था।
- दूसरी ओर किसान आंदोलन के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चा ने डिप्टी सीएम और गृह राज्य मंत्री टेनी के खिलाफ विरोध की कॉल दी थी।
- सुबह-सुबह सैकड़ों किसान तिकुनिया के महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज पहुंच गए।
- स्कूल में बने हेलीपैड का घेराव कर किसानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए और काले झंडे दिखाए।
- जब खबर हुई की मंत्री सड़क के रास्ते गांव पहुंच रहे हैं तो किसान तिकुनिया से बनवीरपुर की सरहद पर रास्ता रोककर बैठ गए।
- तकरीबन 3 बजे के करीब तीन गाड़ियों का काफिला तिकुनिया पहुंचा।
- काफिले में शामिल थार जीप ने एक के बाद एक किसानों को रौंद दिया।
- हादसे में चार किसानों की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
- इस दौरान मरने वालों में रमन कश्यप नाम के पत्रकार भी शामिल थे।
- इसके बाद भड़की हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक कार चालक की भी मौत हो गई।
- गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने दो एसयूवी, एक थार और एक फॉर्च्यूनर में आग लगा दी।
- हादसे का वीडियो लगातार वायरल हुआ, जिसमें एक-दो किसानों का शव सड़क किनारे रखा दिखाई दिया।
- किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि रौंदने वाली गाड़ी में मंत्री का बेटा आशीष मिश्र भी मौजूद था।
- चश्मदीद पिंडर सिंह सिद्धू ने बताया- मंत्री का बेटा गुंडो के साथ आया था, हाथ में डंडे भी थे।
- वीडियो वायरल होते ही सियासत गर्मा गई और राजनीतिक दलों के नेता लखीमपुर खीर की ओर कूच कर गए।
- बहुत से लोगों को रास्ते में रोक दिया गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसी तरह सीतापुर पहुंच पाईं।
- सीतापुर के हरगांव में प्रियंका की पुलिस से बहस के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
- 3 अक्टूबर की ही रात सीएम योगी गोरखपुर दौरा छोड़कर लखनऊ पहुंच गए और डैमेज कंट्रोल में लग गए।
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने शासन के आलाधिकारियों को मौके पर भेजा।
4 अक्टूबर
- घटना के कई वीडियो तेजी से वायरल होने लगे, और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे का नाम उछलने लगा।
- लखीमपुर खीरी जिले में धारा 144 लागू कर दी गई और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं।
- आरोप लगने लगा कि किसानों को कुचलने वाली काली जीप में मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा मौजद था
- आशीष मिश्रा की ओर से सफाई दी गई कि- वो तिकुनिया में नहीं बल्कि बाबा की स्मृति में दंगल आयोजित करवा रहा था।
- राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की।
- टिकैत का बयान आया- मृतकों को 45 लाख रुपये, एक सरकारी नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी पर समझौता हो गया।
5 अक्टूबर
- घटना के एक वीडियो (जिसमें गाडी़ रौंदते हुए दिखी) वायरल होने के बाद माहौल और ज्यादा गर्मा गया।
- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लखीमपुर खीरी के लिए निकले लेकिन उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर रोक लिया गया।
- छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत राहुल गांधी एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए।
- हालांकि बाद में राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के साथ लखीमपुर जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
- राहुल गांधी ने कहा- अजय मिश्रा के इस्तीफे तक लड़ाई जारी रहेगी।
- इस बीच किसान परिवार की मांग पर एक शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया।
- राकेश टिकैत ने समय सीमा में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
6 अक्टूबर
- 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया और 7 तारीख को सुनवाई का दिन तय हुआ।
- सभी दलों के नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी गई।
- सपा, बसपा, शिरोमणि अकाली दल, टीएमसी से लेकर अलग-अलग दल के नेता मौके पर पहुंचे।
- सभी पार्टियों के नेता गृहराज्यमंत्री के बेटे की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनके इस्तीफे का मांग करने लगे।
- गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी कहते रहे- उनका बेटा निर्दोष है।
- गृह राज्यमंत्री पर जांच को प्रभावित करने का भी आरोप लगा।
7 अक्टूबर
- सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को लताड़ लगाई, और पूछा कि किस तरह मामले की जांच हो रही है।
- सुप्रीम कोर्ट ने अब तक हुई यूपी पुलिस की कार्रवाई पर 8 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी।
- सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद शाम होते होते दो लोग गिरफ्तार कर लिए गए।
- मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ नोटिस जारी कर 8 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया।
8 अक्टूबर
- मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा तय समय पर सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच के सामने नहीं पेश हुआ।
- आरोपी के नहीं पेश होने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फिर फटकार लगाई।
- अदालत ने कहा- 302 के आरोपी को कस्टडी में लिया जाता है न कि उसे आने का न्योता दिया जाता है।
- अदालत की फटकार के बाद क्राइम ब्रांच ने दूसरा नोटिस चस्पा किया और 9 अक्टूबर की सुबह 11 बजे पेश होने के निर्देश दिए।
9 अक्टूबर
- आशीष मिश्रा सुबह 11 बजे मुंह पर रुमाल बांधकर सरेंडर करने पहुंचा।
- आरोपी आशीष मिश्रा से 12 घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
- सहारनपुर के डीआईजी ने बताया- आशीष मिश्रा ने जांच के दौरान सहयोग नहीं किया और कुछ सवालों के सवाब नहीं दिए।
- डीआईजी ने बताया- 3 अक्टूबर 2:36 से 3:30 के बीच आशीष कहां थे वे नहीं बता पाए।
- शुरुआती पूछताछ के बाद यूपी की लोकल कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
11 अक्टूबर
उच्च न्यायालय ने आशीष मिश्रा को तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया, साथ में शर्त रखी गई कि पूछताछ के वक्त आरोपी का वकील मौजूद रहेगा।
13 अक्टूबर
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंताराम ने आशीष मिश्रा और आशीष पांडे की जमानत याचिका खारिज कर दी।
- सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की आलोचना की, कहा- 44 में सिर्फ 4 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने मामले के शेष गवाहों के बयान दर्ज करने के निर्देश दिए।
8 नवंबर
- सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई, कोर्ट ने कहा- मामले की जांच उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई।
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच में निगरानी के लिए दूसरे राज्य के उच्च न्यायलय से रिटायर न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा।
- पत्रकार की भी मौत का हुआ खुलासा। राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि पत्रकार रमन कश्यप की मौत किसानों के साथ कुचले जाने से हुई, न कि लिचिंग से।
- मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता की पत्नी के वकील अरुण भारद्वाज ने सीबीआई जांच की मांग की, हालांकि कोर्ट ने इंकार कर दिया।
15 नवंबर
- यूपी की एक जिला अदालत ने आरोपी आशीष मिश्रा, आशीष पांडे और लवकुश राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी।
17 नवंंबर
- जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से रिटायर्ड न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया।
- सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का पुनर्गठन किया।
- लखीमपुर खीरी कांड की जांच के लिए पुलिस और एसआईटी में तीन आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया।
14 दिसंबर
- लंबे वक्त के बाद इस हाई-प्रोफाइल केस में एसआईटी ने एक रिपोर्ट जारी की।
- एसआईटी ने कहा- तिकुनिया कांड कोई हादसा नहीं था, बल्कि सोची समझी साजिश थी।
- एसआईटी ने कहा- सोच-समझकर किसानों पर गाड़ी चढ़ाई गई और उनकी हत्या करने की कोशिश की गई।
- एसआईटी ने कहा- केस में बदलाव करते हुए हत्या, हत्या के प्रयास और अंग भंग करने की धाराएं लगाई जानी चाहिए।
- इसी रिपोर्ट के साथ ही मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग ने और जोर पकड़ा।
15 दिसंबर
- खीरी लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अपने क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे।
- मंत्री अजय मिश्रा से उनके बेटे को लेकर सवाल पूछे जाने पर वो बौखला गए और पत्रकारों से बदसुलूकी की।
- मंत्री अजय मिश्रा ने पत्रकार का माइक झपट लिया और फोन बंद करने की धमकी दी।
- दिल्ली से लेकर यूपी तक, लोकसभा से लेकर यूपी विधानसभा तक अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग और तेज हुई।
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